RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
अध्याय 19
मैंने आगे बढ़ कर रश्मि के कमर में अपना कस लिया ..
उसे उसे अपनी ओर खिंचा…..
वो सीधे मेरे सीने से आ लगी थी ,उसने शर्म से अपना सर झुकाकर मेरे सीने में टिका दिया ….
“तुम तो बोल रहे थे की तुम्हे कुछ बात करनी है ..”
“यार इतने रोमांटिक मूड में प्लीज् वो सब याद मत दिलाओ “
मेरे सामने फिर से वही मंजर आ गया ..
“कठनाइयों से भागने से उनका निराकरण नही होता,उसके लिए उससे जूझना पड़ता है ,उसका सामना करना पड़ता है …”
मेरे दिमाग में एक ही बात चल रही थी क्या मैं रश्मि को सभी चीजो को बता दु या नही ……
मैंने उसे बिस्तर में बिठा दिया ……
“आखरी बोल भी दो की क्या परेशानी है ..??”
मैंने उसे बताने का निर्णय किया ,मैंने शुरू किया केदारनाथ की यात्रा से और बाबा के बारे में बताया,फिर मेरा वापस आना काजल मेडम से मिलना,चन्दू का घर से जाना,वकील का मरना,और फिर जयजाद के प्रॉब्लम्स और फिर चन्दू से बात करते हुए मेडम की आवाज का सुनना…..इन सबमे मैंने कान्ता ,शबीना और निशा की चुदाई को छोड़ दिया था ,मैंने नेहा और चन्दू के बारे में सब बता दिया ……
“ओह तो इस लकड़ी का ही कमाल है जो तुम ये सब कर पा रहे हो ..”
“हा लेकिन फिर भी मुझे पता नही की ये जादुई है की कोई केमिकल फार्मूला ,क्योकि इसका असर मेरे समझ के बाहर है ..”
“ह्म्म्म यार अगर इन सबका सॉल्यूशन चाहते हो तो शुरू से शुरू करो ,बाबा जी से क्यो ना तुम बाबा जी से ही पूछ लो …..”
उसकी बात में दम था लेकिन मुझे फिर से वंहा जाना होगा..
“इतने दूर फिर से जाना,और इसका पता सभी को चल जाएगा “
“नही चलेगा ,तुम तैयार होकर मेरे साथ घर से निकलना,ऐसे भी एग्जाम का समय है और कोई स्कूल नही जा रहा , मैं यंहा पापा से बोलकर कुछ इंतजाम करवाती हु,और निशा को बोल देना की तुम मेरे साथ घूमने जा रहे हो शाम तक आओगे “
उसकी बात से मैं आश्चर्य में पड़ गया
“लेकिन बेबी हमे इतनी दूर जाना है हम इतने जल्दी कैसे वापस आएंगे..”
रश्मि के होठो में मुस्कान आ गई ..
“वो तुम मुझपर छोड़ दो…”
“ओके और पु का क्या “
वो मुस्कुराई
“पहले काम फिर इनाम “
वो इठलाते हुए उठकर खड़ी हो गई और मुझे घर भेज दिया ..
मैं वंहा से वापस आकर तैयार हुआ ,ऐसे भी एग्जाम शुरू होने वाले थे तो लोग स्कूल नही जाते थे ,निशा भी नही जा रही थी मैंने उसे जब उसे रश्मि के साथ घूमने जाने की बात बताई तो वो हँसने लगी ..
“आपके घूमने से कोई फायदा नही होने वाला पहले प्रपोज तो कर लो ऐसा ना हो जाए की कोई दूसरा उसे उठाकर ले जाए ..”
मैंने उसे बताया की मैंने उसे प्रपोज कर दिया है ,वो बहुत ही खुश हुई….रश्मि मुझे लेने आई और हम तैयार होकर निकल गए ,मैंने आज टॉमी को भी अपने साथ ले लिया ,वो फिर से मुझे अपने घर ले आई …..
उसके महल के पिछवाड़े वाले बड़े से गार्डन के बीचो बीचो एक हेलीपैड बना हुआ था जिसमे एक हेलीकॉप्टर खड़ा हुआ था,
“वाओ यार …हम इससे जाने वाले है “
रश्मि मुस्कुराने लगी
“जी हा अब चलिए “
रश्मि ने पायलेट को कुछ इंस्ट्रक्शन दिए ,रश्मि के पिता जी ने वंहा के फारेस्ट अधिकारियों से बात की थी जिन्होंने मुझे रेस्क्यू किया था ,उन्होंने बाबा जी वाली पहाड़ी का लोकेशन पता करवाया और फिर मेप में सेट करके पायलेट के साथ प्लान बना लिया था ,
हम कुछ 2 घण्टे में ही वंहा पहुच गए थे ,मैं पहली बार हेलीकॉप्टर का सफर कर रहा था ,मैं और रश्मि दोनो ही बहुत ही खुश थे …यंहा तक की टॉमी भी बहुत खुस लग रहा था,अब उसकी रश्मि के साथ भी अच्छी बन रही थी ….
“यार अंकल जो तो टू गुड है “
वो हँसने लगी
“हा मेरे लिए वो कुछ भी कर देते है ऐसे भी मैं उनसे कुछ मांगती नही ,कभी कभी तो कुछ मांगती हु “
पायलेट में खुली जगह देखकर हेलीकॉप्टर लेंड किया वो पहले से ही उस जगह को मेप में चिन्हित कर रखा था…
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