RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
अध्याय 22
सुबह ही मैंने एक प्लान बना लिया था ,
आज मैं सुबह उठकर दौड़ाने के लिए स्टेडियम की ओर निकला ,स्टेडियम में दौड़ते हुए दोनो पास ही दौड़ रहे थे ,मैं दौड़ाते हुए स्टेडियम के दूसरे गेट से निकल गया थोड़ी देर तक सड़क में दौड़ाता रहा फिर सड़क से जंगल जैसे पेड़ो के झुरमुट की तरफ बढ़ गया ,वो लोग मुझसे दूरी बनाये हुए थे ताकि मुझे शक ना हो ,मैं उस पगडंडी में दौड़ता रहा जो की सड़क से होकर एक बांध तक जाती थी,और चारो तरफ सरकार द्वारा पेड़ लगाए गए थे जो की एक मिनी जंगल जैसा बन गया था ,
“अरे ये साला कहा गया ,अभी तो सामने ही था “
उसमे एक ने कहा और अपने कमर में रखी पिस्तौल निकालने लगा ..
“अबे इसे अंदर रख ,होगा सामने ही मोड़ के कारण दिखा नही ,बांध की तरफ ही गया होगा चल “
मैं एक मोड़ में गायब हो गया था और पास ही पेड़ की ओट में छिपा हुआ उन्हें देख रहा था …
वो थोड़ा और आगे बढ़ते उससे पहले ही मैंने एक लकड़ी का डंडा एक के सर में दे मारा,
दूसरा भी मुड़ा ही था लेकिन मेरा किक सीधे उसके चहरे में पड़ा उनके हाथ अपने पिस्तौलों पर जाते उससे पहले ही मैं दोनो के स्पाइनल कार्ड में वार कर उन्हें असहाय कर दिया ,वो छटपटाने लगे और मैंने तुरंत ही अपने साथ लाई हुई रस्सी से उनके हाथ पैर बांध कर उनके पास रखी पिस्तोल अपने गिरफत में ले ली ..
मैंने उन दोनो को घसीटते हुए पगडंडी से नीचे ले गया और एक शांत सी जगह में आकर रुका …..
“तुम दोनो मेरा पीछा क्यो कर रहे थे …”
मेरे सवाल का उन्होंने कोई भी जवाब नही दिया बल्कि के दूसरे को देखने लगे,मुझे समझ आ गया था की ये साले ऐसे नही मानेंगे …
मेरा घुसा सीधे उनके चहरे पर पड़ा वो तिलमिल गए,मैंने एक को टारगेट किया और उसे बुरी तरह से धोया जिसे देख कर दूसरे की हालत खराब हो गई ,मैंने पास पड़ा एक लकड़ी का टुकड़ा उठाया और सीधे एक के आंखों पर टिका दिया …….
“बोलेगा की आंखे फोड़ दु …..”
“नही नही बताता हु बताता हु “
दूसरा बोल उठा …
“तो बोल मैं गरजा …”
“हमे कांट्रेक्ट मिला था ,हम मामूली गुंडे है हमे कीसी ने कांट्रेक्ट दिया था तुम्हारे ऊपर नजर रखने के लिए,रात से सुबह तक हम दोनो रहते है और फिर हमारी जगह हमारे दूसरे दो साथी आ जाते है ……”
“किसने दिया है कांट्रेक्ट ???”
“हमे नही पता सारा काम फोन से ही होता है “
“तो पैसे ???”
“पैसे हमे एक डस्टबीन से मिलते है ,वंहा लाकर कोई पैसे से भरा बैग डाल जाता है “
मैं सोच में पड़ गया …
“ओके तो उसे फोन लगाओ जिसे तुम रिपोर्ट करते हो और कहो की मैं इस बांध में अकेला बैठा हुआ हु …..”
उन्होंने तुरंत ही फोन लगाया ,सामने से एक आवाज आई
“बोलो……”
“जी वो लड़का ***बांध में आया है और अकेला बैठा हुआ है “
“ओके ,किसी से मिले तो मुझे बताना “
“जी …”
फोन कट गया ,ये आवाज रोबोटिक थी यानी कंप्यूटर द्वारा जनरेट की गई थी ,मतलब साफ था की सामने वाला अपनी इडेन्टिटी इनसे भी छिपा रहा था …….
“उसने कभी मुझे मारने के लिए कहा ,मैं जब अकेले होता हु तो “
मेरी बात सुनकर वो थोड़ी देर चूप हो गए ..
फिर एक बोला …
“असल में एक बार कहा था लेकिन तुमने उन लडको को स्टेडियम में जिस तरह से मारा था उसे देखकर मना कर दिया ,कहा की तुम्हे ऐसे ही नही मारेगा तड़फा कर मारेगा …”
उनकी बात सुनकर मैं चुप हो गया ….
“और वो लड़की जो मुझे कराटे सिखाती थी उसे जानते हो …”
उन्होंने ना में सर हिलाया …..
मैं गहरे विचार में पड़ गया था की अब उस इंसान तक कैसे पहुचा जाए क्योकि ये लोग किसी काम के नही है ,अगर मैं फोन की लोकेशन भी ट्रेक करवाता तो भी मुझे कुछ नही मिलने वाला था ,क्योकि जो आदमी अपनी आवाज भी छिपा रहा था वो अपनी लोकेशन ट्रेस होने नही दे सकता था …….
“तुम लोगो को इस काम के कितने पैसे मिलते है “
“हर 15 दिन के 4 लाख “
“ओके मैं तुम्हे 8 दूंगा ,वही करते रहो जो कर रहे हो ,लेकिन मुझे भी खबर करते रहना ,और जब जो बोलू वो करना होगा...इस काम के 8 दूंगा ,और उसके बाद जीवन भर की नॉकरी भी दूंगा ताकि एक अच्छी जिंदगी जी सको “
दोनो एक दूसरे को देखने लगे …
“देखो मैं चाहूँ तो तुम्हे अभी मार सकता हु जान भी बक्स रहा हु,पुलिस से भी बचा लूंगा ...बोलो करोगे मेरे लिए काम “
उन्होंने तुरंत ही हा में सर हिलाय ……..
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उन दोनो ने मुझे बाकी के दो और लोगो से मिलवाया,सभी मेरी बात से सहमत थे ……
मुझे पता था की हो सकता है वो डबल गेम खेल जाए इसलिए मैने डॉ को फोन लगाया और उन्हें सारी बात बताई,उन्होंने मुझे एक नंबर दिया जो एक सीक्रेट सर्विस वाले का था,उससे मैंने कुछ लोगो की मांग की और इधर घर में लगा पहरा भी हटवा लिया …
ताकि कान्ता और शबीना बाहर जा सके ,उनके ऊपर नजर रखने के लिए आदमी लगवा दिए थे,ताकि वो बाहर जाए और अगर चन्दू या उसका कोई आदमी उनसे मिलने की कोशिस करे तो हमे पता चल जाए..
मैंने एक एक आदमी का पहरा नेहा, निशा ,निकिता पर पापा पर भी लगवा दिया था……
सब तो सेट था लेकिन अब इन सबको पेमेंट करने की दिक्कत थी क्योकि मेरे पास पैसे नही थे …..
मैं पिता जी के सामने बैठा था …..
“पापा मुझे कुछ पैसे चाहिए …”
उन्होंने मुझे गौर से देखा क्योकि आजतक मैंने उन्हें कभी पैसे नही मांगे थे …
“कितने ….”
“आपने मेरे नाम से एक अकाउंट ओपन करवाया था ,उसका पासबुक मुझे चाहिए “
तो थोड़ी देर तक मुझे देखने लगे फिर अपने कमरे से पासबुक ले आये और मुझे थमा दिया …..साथ ही एक एटीएम भी दिया …
मैंने देखा की उसमे 2.5 करोड़ का FD पहले से करवाया गया था और साथ ही अभी 1 करोड़ के करीब का कैश भी था …
मेरा काम इतने में चल जाता …..
“थैंक्स पापा ..”
“कोई बात नही तुम्हारा ही पैसा है ,तुमने कभी लिया नही तो मैंने भी दिया नही अब तुम ही सम्हालो इसे “
पापा के सहज भाव से कहा …….
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आज नेहा दीदी मेरे कमरे में मौजूद थी …
“आप यंहा ??”
“ह्म्म्म क्या सोचा तुमने राज ..??”
“दीदी कुछ समझ नही आ रहा है क्या करू,असल में चन्दू किसी गलत संगति में फंस गया है और वो लोग उसे बहका रहे है …”
मेरी बात सुनकार नेहा दीदी के चहरे में एक स्माइल आ गई
“जो उन्हें उसका हक दिलाना चाहते है तुम उसे गलत संगति बता रहे हो ..”
“हा बिल्कुल और उसके पीछे एक रीजन भी है ,आपको क्या लगता है की अगर चन्दू सामने आ जाए तो क्या होगा ...दादा की प्रोपर्टी का दो हिस्सा होगा और नाना की प्रोपर्टी के चार ..ओके ..लेकिन उसे बाहर नही आने दिया जा रहा है क्यो..? क्या वो चाहते है की पहले वो मुझे खत्म करे फिर उसे बाहर लाया जाए ताकि दो की जगह एक ही हिस्सा हो ,उसे अपना हक ही चाहिए तो मैं देने को तैयार हु लेकिन क्या उसके पीछे उसका साथ देने वाले तैयार होंगे...नही दीदी वो तैयार नही होंगे जानती ही क्यो ..??क्योकि उन्हें चन्दू के हक से कोई मतलब नही है उन्हें बस अपन काम साधना है ,मुझे मारना उनके लिए कठिन है और ये बात वो जानते है लेकिन चन्दू को मारना आसान होगा राइट ,तो चन्दू की आड़ लेकर वो चन्दू और मुझे दोनो को ही मार देंगे……”
“लेकिन इससे उनका क्या फायदा होगा …..”
“वही तो समझ नही आ रहा है लेकिन अगर हक दिलाने की ही बात होती तो हक तो सामने आकर ही मिलेगा ना ,छिपकर नही “
मेरी बात सुनकर नेहा दीदी थोड़े देर सोच में पड़ गई …….
“मैं चन्दू से इस बारे में बात करती हु ..”
“आपके बात करने से कुछ नही होगा ,आप चाहे तो ट्राय कर सकती हो लेकिन वो लोग उन्हें जाने नही देंगे ….जानती हो उस दिन मैंने आपसे जो रिकार्डिंग ली थी वो क्यो ली थी ,उसमे एक लड़की की आवाज थी जिसने चन्दू को फोन रखने को कहा था ,जानती हो वो लड़की कौन है ….”
उन्होंने नही में सर हिलाया ….
“वही वो लड़की है जिसने मुझे वो दवाइया दी जिसके कारण मैंने कान्ता काकी के साथ वो सब किया था जिसके लिए चन्दू मुझपर गुस्सा था ,यांनी एक तरफ तो मुझे उकसाया भी जा रहा है दूसरी तरफ चन्दू को …..है ना कमाल की बात ,वही थी जो मुझे ट्रेनिंग दे रही थी वही दूसरी ओर वो चन्दू को भी ट्रेनिंग दे रही है …”
नेहा दीदी आवक रह गई …….
“इसका मतलब है की चन्दू खतरे में है ….”
उन्होंने जल्दी से कहा
“चन्दू ही नही हम सभी खतरे में है,दिक्कत ये है की हमे पता ही नही है की आखिर हमे खतरा किससे है …”
वो सोच में पड़ गई थी ……
“कहि तू मेरे साथ कोई गेम तो नही खेल रहा है..”
वो अचानक से बोली
“अरे दीदी आप तो मुझे बचपन से जानती हो क्या मैंने कभी भी अपने परिवार का बुरा चाहा है ,आप लोगो ने कभी मेरे साथ अच्छा बर्ताव नही किया लेकिन क्या मैंने कभी आपके साथ बुरा बर्ताव किया …….”
वो थोड़ी देर चुप ही थी …….
“मुझे माफ कर दे भाई ,हा ये सच है की हमने तुझे कभी बहन का प्यार नही दिया,हमारे बीच के भाई बहन का रिश्ता भी ना जाने कब खत्म हो गया …..लेकिन अभी इन सब बातो का समय भी नही है ,,अगर हम चाहे तो भी अपनी गलती को सुधार नही सकते ,और जन्हा तक मेरी बात है मैं चन्दू से बेपनाह प्यार करती हु ,मेरे लिए तुम दोनो में चुनना भी मुश्किल हो गया है लेकिन तेरे साथ तो पूरा परिवार है लेकिन चन्दू के साथ तो मैं ही हु …”
उनकी स्पष्टता मुझे पसंद आयी..
“मुझे इस बात का कोई दुख नही है दीदी की आप चन्दू के साथ है ,लेकिन दुख सिर्फ इतना है की आप मुझपर भरोसा नही कर पा रही है ,जबकि मैंने आप पर पूरा भरोसा किया है ,मैंने आप पर भरोसा किया की आप मुझे मारने नही दे सकती ,लेकिन आप मुझपर भरोसा नही कर रही हो की मैं चन्दू को उसका हक दिलवाना चाहता हु ……..”
वो थोड़े देर सोचने लगी फिर बोली ……
“मुझे तुझपर भरोसा है बोल क्या करना है ……”
उनकी बात सुनकर सच में मुझे बहुत खुशी हुई …
“थैंक्स दीदी ,अब आप चन्दू को फोन करो और उससे कहो की आप उससे मिलने को बेताब हो रही हो ,वो आपसे मिलने आएगा मेरे लोग आपके पीछे रहेंगे,हम चन्दू को कुछ नही करेंगे ,चन्दू के जरिये हम काजल मेडम तक पहुचेंगे और उनके जरिये उस आदमी तक जो ये सब चन्दू और काजल से करवा रहा है,मेरा विस्वास करो की किसी को पता नही चलेगा की कोई चन्दू और आपके पीछे है ,आप जाइये चन्दू से मिलिए और वापस आ जाइये उसे भी हमारे बारे में कुछ बताने की जरूरत नही है ,”
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