RE: Hindi Kamuk Kahani जादू की लकड़ी
अध्याय 57
जब शो खत्म हो गया सभी लोगो के मुह में बस तारीफ ही तारीफ थी लेकिन मेरी नजर नेहा पर थी ..
नेहा दीदी मुझे देखकर बस एक स्माइल दे गई और सभी के साथ बाहर जाने लगी ,
शो में राज्य के मंत्री जी भी आये थे जो की मुझे उस दिन पार्टी में मिले थे ..
मैं उनकी ओर लपका
“ओह राज तुम भी यंहा आये हो ,कैसे लगा शो..”
“बेहतरीन ,क्या आप उस जादूगर से मुझे मिलवा सकते है “
“बिल्कुल क्यो नही चलो हमारे साथ अभी उससे ही मिलने जा रहा हु “
“अकेले ..”
मेरे मुह से निकला
“वाट ..”
“प्लीज् सर “
“ठीक है लेकिन ऐसी क्या बात हो गई की तुम्हे अकेले में मिलना है ..”
वो भी आश्चर्य में थे
“वो मुझे...मुझे उनसे जादू सीखना है “
“वाट हाहा …”
वो मुझ देखने लगे
“क्या सच में ??”
उन्होंने फिर से कहा
“जी बिल्कुल “
“तुम अजीब आदमी हो यार राज ,इतना बड़ा बिजनेस है और तुम्हे जादू सीखना है ये कोई फालतू काम नही है बचपन से प्रेक्टिस करते है लोग “
“आप एक बार मिलवा तो दीजिये “
“अच्छा अभी तो अपने परिवार के साथ चलो फिर बात करते है “
मैं उनके साथ सभी को लेकर चल दिया ,मेरे घर वाले उस सेलिब्रेटी जादूगर से मिलकर खुश थे असल में बहुत भीड़ थी उनसे मिलने के लिए यंहा तक की VIP लोगो की भी ,मंत्री जी ने मुझे जादूगर के सेकेट्री से मिलवाया
“सर काम क्या है “
“यार काम नही बता सकता बस मीटिंग करवाओ ,अगर पैसे लगेंगे तो मैं देने को तैयार हु “
“सर बात पैसों की नही है असल में सर बहुत बिजी होते है ..”
“आधा घंटा बस ..”
सेकेट्री थोड़े सोच में पड़ गया मुझे तब समझ आया की सेलिब्रेटी होना क्या होता है ,उसके सामने पैसा भी कोई मतलब नही रखता वक्त की ये कीमत होती है ..
“ओके सर ,अब आप मंत्री जी के थ्रू आये है तो मैं कुछ करता हु ,कल सुबह गार्डन में चलेगा ,वो मॉर्निंग वाक में जाते है ..”
“ओके डन ..”
मैं सुबह सुबह वंहा पहुच गया था ..
मैं अपना सामान्य परिचय देने ही वाला था की वो बोल उठे
“मैं जानता हु आपको चंदानी साहब ,कल ही तो हम मिले थे आप अपने परिवार के साथ आये थे,मेरी याददाश्त इतनी भी कमजोर नही है,और ऐसे भी इस उम्र के अरबपति है ही कितने दुनिया में जो पूरा बिजनेस खुद के दम पर चला रहे है …”
मैं उनकी बात सुनकर बस मुस्कुराया ,वो बेहद ही तेज चलते थे,उनके सामने मुझे लगभग दौड़ाना पड़ रहा था
“सर मुझे आपसे के चीज जाननी है “
“बोलिये “
“वो जो आपने टंकी वाला सीन किया था ,गजब का था ऐसा लगा जैसे की आप नीचे गिर गए और मगरमच्छो ने आपको खा ही दिया लेकिन आप पीछे से आ गए ..सर मुझे बस ये जानना है की आपने ऐसा किया कैसे ..”
वो अचानक से रुक गए
“आप ये जानने के लिए मुझसे मिलना चाहते थे ,क्या आपको पता नही की कोई भी जादूगर अपना सीक्रेट किसी को कभी नही बताता ..मुझे तो लगा था की आप बिजनेसमैन है कोई की बात करना चाहते होंगे लेकिन आप तो सच में एक बच्चे ही निकले ..”
वो फिर से चलने लगा
“अरे सर मैं जानता हु की जादूगर अपना सीक्रेट नही बताते,मैं आपसे वो पूछ भी नही रहा हु मुझे डिटेल नही जानना है बस मुझे ये जानना है की ऐसा किस तरीके से किया जा सकता है और कहा कहा किया जा सकता है ,मतलब की क्या इसे कहि भी अंजाम दिया जा सकता है ,क्योकि जब आपने इसे हाल में किया तो आपके पास पहली की तैयारी रही होगी ,आपके सपोर्ट में लोग रहे होंगे ,लेकिन क्या इसे ऐसे भी किया जा सकता है “
वो फिर से रुक गए और मेरे चहरे को ध्यान से देखने लगे
“मैं आजतक बहुत से लोगो से मिला जो की ये जानने को बेताब थे की जादू को कैसे किया गया लेकिन तुम जैसी बेताबी मैंने कभी नही देखी ..मामला सिर्फ जादू का तो नही है “
“सर मामला बेहद ही गंभीर है ,समझ लो की मेरे जीवन से बहुत ही जुड़ा हुआ है ..”
“हम्म असल में हम इसे जिस टेक्निक का यूज़ करते है वो है delusion creat करना ,अब ये कैसे बनाया जाता है वो अलग अलग जगह और काम के हिसाब से अलग अलग हो सकता है ...समझ लो की सामने वाले की आंखों में एक धोखा दिखाया जाता है जिसे लोग सच समझने लगे और वो इसे कोई जादू समझे ..लेकिन इसे स्टेज में करना ही इतना मुश्किल है की बाहर करना तो ...बहुत मुश्किल होगा ,हा छोटे मोटे चीज तो कोई भी जादूगर कर सकता है लेकिन कल जैसा परफॉर्मेंस बाहर करना .. कोई बहुत ही ट्रेंड आदमी ही कर सकता है जो की इस फील्ड का उस्ताद हो ,क्योकि इसमे उस्ताद बनने के लिए बचपन से मेहनत लगती है ..”
“ह्म्म्म सर एक बात और आप के अलावा इसे बाहर और कितने लोग कर सकते है ,मतलब की हमारे देश में कितने लोग होंगे इस काबिलियत के “
वो मुस्कुराये और मेरे कंधे पर अपना हाथ रख दिया
“बेटा तुम क्या करने वाले हो ये तो मुझे नही पता लेकिन ऐसे हजारों लोग है जो ये कर सकते है ,बस उन्हें अच्छा टीम मिलनी चाहिए बिना टीम के कोई भी कुछ भी नही कर सकता “
“थैंक्स सर “
“क्या बस इतना ही “
“जो जानना था वो जान लिया थैंक्स ..”
मैं वंहा से निकल गया था…..
मैं अभी नेहा दीदी के कमरे में था
“अरे भाई इतनी सुबह सुबह ..”
वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी
“दीदी मैं उस जादूगर से बात करके आ रहा हु ,और जो मैं समझ पाया उसके हिसाब से …..”
मैंने उन्हें घूर कर देखा
“क्या??”
“क्या मैं जो सोच रहा हु वो सही है “
“और तुम क्या सोच रहे हो मेरे भाई “
वो मेरे पास आकर बैठ गई ,मैंने उनका हाथ अपने हाथो में रख लिया था
“दीदी प्लीज मैंने ऐसी चीजे ढूंढते हुए इतना समय बिता दिया जिसको ढूंढने की मुझे जरूरत ही नही थी ,मुझे अब फिर से इस जासूसी करने का कोई मूड नही है तो प्लीज बता दो ना ..”
“अरे वही तो पूछ रही हु की क्या बताऊ “
मैंने उन्हें नाराजगी से देखा वो हँस पड़ी
“अच्छा बाबा ठीक है,और जवाब है की हा ..”
मैं अपना सर पकड़ कर बैठ गया
“लेकिन आखिर क्यो ??? यार मेरे घर वालो को हो क्या गया है हर चीज में इतना ड्रामा करने की क्या जरूरत है “
मैं अब भी अपना सर पकड़े हुए बैठा था
“उनसे ही पूछ लेना “
“कहा मिलेंगे ..??”
उन्होंने गहरी सांस छोड़ी
“कल चलते है ,लेकिन बस हम दोनो और किसी को पता नही चलना चाहीये वो सब कुछ छोड़ चुके है “
मैंने हा में अपना सर हिलाया ..
मुझे सच जानने के लिए कल तक रुकना था ,अजीब बात है ना की जिस सच को जानकर कुछ भी नही बदलने वाला उसे भी जानने की इतनी बेताबी होती है ,आज मुझे पता चला की मेरे पिता जिंदा है ,उन्होंने इतना बड़ा ड्रामा रच दिया था ,ये तो समझ आ गया था की कैसे लेकिन बस ये जानना था की क्यो ????
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