RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
राज तो कमल के आने की खबर से मारे ख़ुशी के बाँवरा सा हो गया। उसने कमल भैया की आवभगत के लिए काफी तैयारी की और नया फर्नीचर, परदे, तौलिये और पता नहीं क्या क्या नयी चीज़ें खरीद लाया। राज का उत्साह देखकर उसकी की बीबी रानी हैरान रह गयी। वह जानती तो थी की कमल के लिए राज के मन में खूब प्रेम और सम्मान था, पर इस हद तक का प्रेम और उत्साह तो उसने पहली बार देखा। राज बार बार कहता, "कमल मेरा दोस्त नहीं, भाई भी नहीं, भगवान है। मैं उसके लिए जो भी करूँ कम है। उसने मुझे नयी जिंदगी दी है।"
तीन दिन जब कमल मैच खेल रहा था तो रानी रोज मैच देखने जाती थी। कमल का प्रदर्शन बैटिंग और बोलिंग में सर्वोत्तम रहा। रानी रोज खेल के बाद थोड़ी देर के लिए कमल से जरूर मिलती और मिलकर उसे बधाई देती। मैच खतम होने के दूसरे दिन राज कमल को सुबह ही सुबह घर ले आया।
कमल को जैसे ही घर में प्रवेश कराया की राज ने कमल की आरती उतारी, उसके पाँव खुद छुए और रानी से छूने को कहा। पर कमल ने राज की बीबी रानी को पाँव नहीं छूने दिया, बल्कि प्यार से गले लगाया। फिर राज ने कमल के ललाट पर तिलक लगाया, उसे जलपान कराया और सीधे ही अपने बैडरूम में ले जा कर थोड़ी देर लेट कर आराम करने को बाध्य किया।
कमल के लेटते ही राज पलंग के ऊपर कमल के पाँव के पास बैठकर कमल के पाँव दबाने लगा। एक कोने में खड़ी खड़ी रानी अपने पति का ऐसा मित्र प्रेम देखती रही। राज ने अपनी बीबी रानी को अपने पास बिठाकर उसके कंधे पर एक हाथ रख कर कहा, "रानी डार्लिंग, कमल भैया मेरा सर्वस्व है। जैसा मैं तेरे लिए सबकुछ हूँ वैसे कमल भैया मेरे लिए सब कुछ है। उनकी इच्छा भी मेरे लिए आज्ञा सामान है।"
पति की इतनी गहरी मित्र भक्ति देख कर रानी थोड़ी सी भावुक हो गयी और धीरे से राज के पास पलंग पर बैठ कर कमल का दुसरा पाँव अपनी गोद में लेकर उसे प्यार से दबाने लगी। कमल के मना करने पर भी वह नहीं मानी और जब तक कमल सो नहीं गया तब तक दोनों कमल की पाद सेवा करते रहे।
कमल ने महसूस किया की बरबस ही उसकी नजर न चाहते हुए भी रानी के सुन्दर और कमनीय बदन पर चली जाती थी। कमल को भी ऐसा लगा की रानी भी शर्माते हुए अपनी नजरें निचीं कर हल्का सा मुस्का कर उसे कुछ कुछ प्रतिक्रिया (रिस्पॉन्स) दे रही थी। जब कमल साथ होते तो रानी की बातें ख़तम ही नहीं होती थीं। वह कमल को उसके क्रिकेट के बारे में काफी पूछती रहती थी।
उन चार दिनों में राज तो अपने ऑफिस चला जाता पर रानी रोज कमल को क्लब में ले जाती और कमल और रानी क्लब में क्रिकेट की प्रैक्टिस करते। कई बार जब क्लब में ज्यादा लोग ना होते तो कमल रानी के पीछे सट कर खड़ा रहता और कैसे बैटिंग करना है वह सिखाता। कई बार कमल रानी के पीछे खड़े होकर रानी की बाहें पीछे से पकड़ कर कैसे गेंद फेंकी जाती है वह दिखाता।
उस समय कमल का लण्ड पतलून में खड़ा हो जाता और रानी को अच्छी तरह अपनी जाँघों के बिच में या फिर अपनी गाँड़ की दरार में कई बार कमल का लण्ड महसूस होता था। रानी जान गई थी की कमल बहुत उत्तेजित हो रहा था। बॉलिंग करते समय कैसे शरीर का संतुलन रखना चाहिए यह सिखाने के लिए कई बार कमल रानी के पीछे खड़ा होकर रानी की छाती पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे सिखाता। ऐसा करते हुए उसे रानी के स्तनों को दबाने का पूरा मौक़ा मिलता।
रानी शायद समझ गयी थी की कमल भैया सिखाने के साथ साथ उसके बदन का मजा ले रहे थे पर वह कुछ नहीं बोलती। रानी कमल भैया की क्रिकेट खेलने की सूझबूझ और सिखाने की लगन से खुश थी। शायद रानी के मनमें भी तो कुछ कुछ सेक्स की आग लगी हुई थी।
उन चार दिनों में रानी कमल के साथ काफी कुछ घुलमिल गयी थी। अब वह पहले की तरह कमल से ज्यादा अतड़ी अलग सी नहीं रहती थी। रानी ने जाते समय कमल को रात ट्रैन में खाने के लिए खाना पैक कर दिया। जब कमल ने डिब्बा खोला तो उसमें से एक पर्ची निकली जिसमें लिखा था "हमारे घर आने का बहोत बहोत शुक्रिया। हमें भूल मत जाना और आते रहना।" कमल की समझ में नहीं आया की वह कोई ख़ास सन्देश था या फिर एक साधारण धन्यवाद।
राज का अपने प्रति इतना बदलाव और राज का रानी को इतनी छूट देना रानी को बहुत अच्छा तो लगा पर रानी के मनमें उत्सुकता हुई की आखिर कुछ न कुछ बात है जिससे की उसका पति रानी की और इतना ध्यान देने लगा है। आखिर बात क्या है? एकदिन राज से रानी ने वह बात पूछ ही डाली जिसका राज को डर था। उसने राज को बात बात में पूछा की, "राज एक बात बताओ। पहले तो आप अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे की मेरी और ज़रा भी ध्यान नहीं देते थे। पर आजकल आप मेरे बारे में, मेरे शरीर के बारेमें और मुझे सेक्सी दिखाने में आपका इंटरेस्ट इतना क्यों बढ़ गया है? आपमें अचानक इतना जबरदस्त परिवर्तन कैसे आया?"
तब राज ने जवाब दिया की "यह सब कमल का कमाल है।" और फिर राज ने रानी को कमल से हुई बातचीत के बारेमें बताया।
रानी राज की बात सुनकर हैरान रह गयी, फिर धीरे से बोली, "कमाल है। कमल भैया बड़े ही समझदार हैं। पत्नी का कैसे ध्यान रखना चाहिए यह वह बखूबी जानते हैं।" राज समझ गया की सेक्स लाइफ में सुधार होने से रानी भी खुश लग रही थी और दूसरे रानी को यह भी शिकायत नहीं थी की उसका पति राज कमल से रानी के बदन के बारेमें खुल्लम खुल्ला बात कर रहे थे।
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