RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
कमल ने राज की और राज की प्रतीक्रिया महसूस करने के लिए देखा। राज को ऐसा लगा की शायद कमल ने जान बुझ कर ऊपर की चद्दर पैरों से झटका मार कर हटा दी थी ताकि राज को कुमुद के स्तनों के दर्शन हो सके। कुमुद के उन्नत स्तनों को देखते ही राज की आँखें फटी की फटी रह गयीं। अपनी बीबी रानी के स्तन भी तो भरे हुए और मदमस्त थे जो की उसने सैंकड़ों बार देखे थे। पर कमल की पत्नी कुमुद के स्तनों को निहार कर तो राज की शक्ल देख कर कमल को लगा जैसे राज पगला गया सा लग रहा था। उसका हाथ हालांकि अपनी बीबी रानी की छाती के उभार को सेहला रहा था पर उसकी निगाहें तो बस कुमुद की छाती से हटने का नाम नहीं ले रही थीं।
कुमुद की उन्मत्त चूँचियों को देखकर राज का लण्ड उसके पाजामें में फुंफकार मारने लगा। राज ने बरबस अपना लण्ड अपनी बीबी रानी की जाँघों से सटा दिया तब रानी ने आँखें खोली तो अपने पति राज को कमल की पत्नी कुमुद की नंगी चूँचियों के दर्शन करते हुए पाया। रानी अपने मन में ही कुढ़ने लगी। क्या उसके स्तन कुमुद के स्तनों से कम थे? क्या उसकी चूँचियाँ कुमुद की चूँचियों से छोटी या कम सुन्दर थीं? एक बार तो रानी का मन किया की वह अपने पति राज को धक्का देकर उसको डाँटे। पर फिर उसने सोचा की वह खुद भी तो कुछ ही देर पहले कुमुद के पति कमल का मोटा लंबा लण्ड देखकर पागल हो रही थी।
रानी ने फिर भी नारी वश इर्षा के कारण अपने पति की ठुड्डी अपने हाथों में लेकर हिलायी और उसके कानों में फुसफुसाई, "अरे भाई, कुमुद की चूँचियाँ मेरी चूँचियों से बड़ी और ज्यादा अच्छी हैं क्या? मेरी चूँचियों को देख कर क्या तुम्हारा पेट नहीं भरा?"
राज ने अपनी पत्नी की और घबराते हुए देखा और फिर सोचा क्यों ना इस नारी वश इर्षा का फायदा उठा जाय? उसने रानी को चिढ़ाते हुए रानी के कानों में कहा, "तो फिर दिखाओ ना अपनी मदमस्त चूँचियों को और अपने आप ही देखलो किसकी चूँचियाँ ज्यादा सुन्दर हैं?"
अपने पति राज की बात सुनकर रानी ने शर्मा कर राज के कानों में फुसफुसाते हुए कहा, "मेरे बुद्धू पतिदेव, इन पर तुम्हारा अधिकार है। कमल भैया के हाथ तो बड़े अच्छे चल रहें हैं तो अगर इन्हें देखना है तो तुम्हारे हाथों को क्या लकवा मार गया है? भला मैं तुम्हें कैसे रोक सकती हूँ?" यह कह कर रानी ने राज पर अपने पति की ही जुबान में जवाब दिया।
राज समझ गया की उस की बीबी रानी अब गरम हो रही थी। राज ने धीरे से चद्दर को अपने पॉंव के अंगूठे से पकड़ कर थोड़ी ऐसे खिसका दी जिससे कमल और कुमुद रानी को खुल्ला देख सके। रानी ने अपनी आँखें बंद ही कर रखीं थीं। राज ने फुर्ती से रानी के गाउन के आगे वाले बटन खोल दिए। बटनों के खुलते ही रानी के बड़े बड़े तरबूच रानी की ब्रा में से बाहर अनावृत होकर निकलने के लिए जैसे बेताब हो रहे थे।
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