RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
शुरू में कुमुद शर्मिंदगी और उलझन के मारे अपने पति का विरोध करती रही पर जैसे ही कमल की जीभ ने कुमुद की चूत की पंखुड़ियों में अपना जादू फैलाना शुरू किया की वह मचलने लगी। अपने बदन पर उसका नियत्रण ना रहा और जल्द ही वह कामुक कराहें और आहें भरने लगी। शर्मिंदगी और उलझन पर स्त्री सुलभ व्यभिचार भाव हावी हो गया। उसे होश ना था की राज और रानी दोनों उसकी चूत की चुसाई देख रहे थे और वह नंगी लेटी हुई उन दोनों के सामने अपने स्त्रीत्व का प्रदर्शन करा रही थी।
जब बड़े भैया अपनी बीबी कुमुद की चूत चूस रहे थे तो छोटा भाई कहाँ रुकने वाला था? राज ने भी फुर्ती से रानी की भरी हुई जाँघें खोल कर रानी के गाउन को ऊपर उठाकर अपना सर रानी की दो टाँगों के बिच में डाल दिया और अपनी बीबी की चूत प्यार से चाटने लगा और उसमें से झरने की तरह रिस रहा रस चूसने लगा। राज को पहली बार महसूस हुआ की काम वासना की मारी उसकी बीबी रानी की चूत में से कितना पानी बह सकता है। राज बड़े चाव से वह रिस्ता हुआ पानी चूस रहा था। रानी अपने पति की चूत चुसाई से मचल रही थी। अब उसे यह शर्म नहीं थी की उसके करीब करीब नंगे बदन को और उसकी चूत चुसाई को कमल और कुमुद देख रहे थे और उत्तेजित हो रहे थे। रानी ने सोचा की शायद कहीं ऐसा ना हो की कमल भी उसकी जाँघों के बिच आकर उसकी चूत का पानी चूसने न लग जाय। यह सोचते ही उसके बदन में एक सिहरन सी फ़ैल गयी।
कमल ने थोड़ी देर बाद अपना मुंह हटाया और कुमुद की चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दी और कुमुद को उँगलियों से चोदना शुरू किया। अक्सर औरतें लण्ड से ज्यादा उँगलियों की चुदाई से उत्तेजित हो जाती हैं। राज और रानी हैरान थे की इतनी सीधी, सादी और भगवान का भजन करने वाली कुमुद उंगली चोदन से कैसे पिलपिला रही थी और पलंग पर अपने कूल्हे रगड़ कर अपनी कामुकता प्रदर्शित कर रही थी। जैसे ही पति ने उँगलियों से चोदने की गति बढ़ाई की कुमुद से रहा ना गया और वह अपने पति से उसे चोदने की बिनती करने लगी। उसे यह कतई भी होश ना रहा की उसकी चुदाई अब राज और रानी बड़े ध्यान से देख रहे थे।
कमल की उंगलियां कुमुद के स्त्री रस से सराबोर हो रही थी। कमल ने धीरे से अपनी उँगलियों को अपनी बीबी की चूत से निकाला और उसे चाटने लगा। यह देख कर राज ने अपनीं बीबी रानी के बदन से गाउन पूरी तरह से हटा दिया। रानी के गाउन को हटाने की प्रक्रिया से कुमुद की तन्द्रा भंग हुई और कुमुद ने अपनी आँखें खोलीं तो रानी का पूरा नग्न बदन उसे एकदम करीब में ही दिखाई दिया। लम्बी और सुडौल रानी के नग्न बदन को देखकर कुमुद को इर्षा तो जरूर हुई पर फिर थोड़ा सा मुस्काकर थोड़ा सा घूम कर कुमुद ने रानी के गाल पर एक हलकी सी किस की।
रानी के कमसिन नंगे बदन को देख कर कमल थम सा गया। उसकी आँखें रानी के बदन का मुआईना करने से थक नहीं रहीं थीं। कुमुद ने अपने पति को थोड़ा सा धकका देकर याद दिलाया की वह खुद भी तो नग्न हालत में अपने पति के बिलकुल निचे चुदवाने के लिए पूरी तरह तैयार लेटी हुई थी। कमल ने अपने आपको सम्हालते हुए राज की और देखा। राज की आँखें भी कुमुद के नंगे बदन पर ऐसे टिकी हुई थीं जैसे कोई गिद्ध अपना शिकार सामने ही पा कर उसे एकटक देख रहा हो पर उसे लपक कर पकड़ने में कहीं कोई मुश्किल ना आन पड़े उससे डर रहा हो।
आँख से इशारा करते हुए कमल ने राज को जताया की अब आगे बढ़ना है। राज अपने गुरु का इशारा समझ गया और वो अपनी पत्नी रानी के दोनों स्तनों को जोर से दबाने एवं मसलने लगा। राज का लण्ड एकदम तना हुआ खड़ा हो चुका था और अब उससे रहा नहीं जा रहा था। राज ने अपने पजामे का नाडा हलके से खोल दिया और बदन को हिलाकर उसको निचे सरकाने लगा तब रानी ने अपने होँठ राज के कान के पास लाकर धीरे से बोली, "यह क्या कर रहे हो? तुमने मुझे कमल भैया के सामने नंगी तो कर ही दी। अब मुझे कमल भैया के सामने ही चोदोगे क्या? ज़रा शर्म तो करो।"
रानी की बात सुनकर राज बोला, "कमल भैया के सामने नंगी करने के लिए तो तूने मुझे पहले से ही इजाजत दे रखी थी। याद है तूने कहा था की किसी गैर मर्द के सामने मुझे नंगी करोगे क्या? और मैंने तुझे कहा था की कमल भैया कोई गैर मर्द थोड़े ही हैं? तब तूने कहा था 'हाँ यह बात तो ठीक है।' इसका मतलब यह था की तुम किसी गैर मर्द के सामने नंगी नहीं हो सकती पर कमल तो अपना है, उस के सामने तो नंगी हो सकती है। याद है की भूल गयी?"
रानी अपने पति को देखती ही रही। उसे अच्छी तरह से वो वाक्या याद था। वह खुद भी तो राज की बात सुनकर उत्तेजित हो चुकी थी। कमल से चुदवाने के लिए तो मानसिक रुप से वह तब की तैयार थी जबसे राज ने उसे कमल का नाम लेकर चुदवाने के लिए राजी कर लिया था। उसे लगा की राज की नियत उसे सिर्फ नंगी करने की या खुद चोदने की नहीं लग रही थी। शायद वह रानी को कमल से चुदवाना चाहता था।
रानी ने कहा, "देखो राज, अब बात कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ रही है। पहले तो तुमने मुझे कमल भैया के सामने नंगी करके ठीक नहीं किया। अब तुम और आगे बढ़कर मुझे कमल भैया के सामने ही चोदने लगे और कमल भैया की नियत खराब हो गयी और कहीं उनको मुझे चोदने का मन हो गया तो? तब तो गज़ब हो जाएगा। अब मेहरबानी कर के बस भी करो। प्लीज।"
रानी के बदन में कमल से चुदवाने की बात सोचते ही एक अजीब सी रोमांच भरी सिहरन फ़ैल गयी। कमल का खड़ा लम्बा और मोटा लण्ड उसकी आँखों से ओझल नहीं हो रहा था। उस वक्त तो राज और कुमुद ने बिच में ही उनका खेल बिगाड़ दिया था। कमल रानी को चोदने वाला ही था की उस का पति राज और कमल की पत्नी कुमुद अचानक ही टपक पड़े और सारा मजा किरकिरा कर दिया। क्या उसका यह ख्वाब आज पूरा होगा? यह सोच कर रानी के रोँगटे खड़े हो गए। रानी की चूत में से रस रिसने लगा।
खैर अब रानी को कुछ नहीं करना था। जो भी करना था वह उसका पति ही करेगा यह विश्वास रानी को हो गया। बल्कि रानी ने सोचा की अब तो थोड़ा ना नुक्कड़ का ड्रामा करने में कोई बुराई नहीं है। रानी ने तुरंत राज का हाथ थाम कर कहा, "राज यह हम ठीक नहीं कर रहे। आप कमल भैया और कुमुद से कहो ना की वह अपने कमरे में चले जाएँ और जो करना है वह वहाँ करें।"
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