RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
रानी ने कुमुद की कराह सुन कर अपनी आँखें खोली और कमल की और देखा। कमल एक असहाय बालक जिसको की माँ ने बुरी तरह से लताड़ दिया हो ऐसे रानी की और देखने लगा। रानी से कमल का दुःख देखा न गया। उस के मनमें कमल के लिए करुणा जाग उठी। जब की उसका पति उसकी चूत में अपना लण्ड पेल रहा था और कुमुद का पति कमल उसके स्तनों को मसल रहा था उसने कमल की और अपना हाथ बढ़ाया। राज अपनी बीबी रानी को चोदते हुए यह सब देख रहा था। जब उसकी बीबी ने कमल का हाथ थामा तो राज समझ गया की अब बारी आ गयी है की वह अपनी बीबी को कमल से चुदवाने का अपना सपना साकार करे।
राज फुर्ती से अपनी बीबी के ऊपर से खिसक गया और कमल को जगह दे दी जिससे कमल रानीकी और खिसक सके। राज खिसक कर कमल की बीबी कुमुद के पास आ गया। राज ने कमल की बीबी कुमुद की चूँचियों पर अपना मुंह रख दिया और कुमुद के फुले हुए स्तनोँ को चूसने और निप्पलों को काटने लगा। कमल भी कुमुद की चुदाई छोड़ कर रानी की और बढ़ा और रानी के मस्त स्तनों को चूमने और चूसने लगा। अब दोनों पति एक दूसरे की बीबियों की चूँचियों को चूसने में मग्न हो गए थे। दोनों अपनी पत्नियों के ऊपर से निचे उतर चुके थे। दोनों पत्नियां नंगीं अपनी आँखें मूँद कर एक दूसरे के पति से अपनी चूँचियाँ चुसवाने में एकदम सराबोर मग्न लग रही थीं।
राज की बीबी रानी ने कमल के फुले हुए लोहे के छड़ समान लण्ड पर अपना हाथ रखा और उसे हिलाने लगी। फिर धीरे से रानी ने उसे खिंच कर कमल को इशारा किया की कमल उस के ऊपर चढ़ कर उसे चोदे। यह पहली बार हुआ की रानी ने कमल को चोदने के लिए सीधा सीधा आमंत्रित किया था। रानी ने कमल की पत्नी कुमुद की और देखा जैसे वह कुमुद की इजाजत मांग रही हो। रानी ने कुमुद के कानों में कहा, "बहन मुझे माफ़ करना। मुझसे तुम्हारी कराहट सुनी नहीं जाती और कमल का दर्द भी देखा नहीं जाता। आजकी रात कमल को मेरे लिए छोड़ दो और आप मेरे पति राज से चुदवाओ। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। तुम मेरी 'थोड़ी सी बेवफ़ाइ' को माफ़ करना।"
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