RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
वकील के चेहरे पर गहन गम्भीरता के भाव आये। तभी चौखट पर सब-इंस्पेक्टर यादव प्रकट हुआ । कमला ने उसका वकील से परिचय करवाया जिसकी तरफ यादव ने कोई खास तवज्जो न दी । "हम लोग लाश समेत यहां से जा रहे हैं।" - यादव बोला – आपके लिए पुलिस की क्या हिदायत है, यह आपका जासूस आपको समझा चुका होगा । कोई कसर रह गई हो तो अपने वकील से समझ लीजिएगा । मुझे सिर्फ इतना बता दीजिए कि भविष्य में आप कहीं उपलबध होगीं ?
" "गोल्फ लिंक ।" - कमला बोली । उसने अपनी कोठी का पता और फोन नम्बर यादव को लिखवा दिया।
"शुक्रिया ।" फिर यादव अपने दलबल के साथ वहां से विदा हो गया। उसके बाद वकील भी।
पीछे उजाड़ फार्म हाउस में फिर मैं और कमला चावला रह गए । “अब तुम क्या चाहते हो ?" - वह बोली ।।
"जो मैं चाहता हूं" - मैं उसे नख से शिख तक निहारता हुआ बोला - "मुझे उसके हासिल हो पाने का माहौल तो मुझे इस वक्त नहीं दिखाई दे रहा ।"
"इस वक्त क्या चाहते हो ?"
"अपनी फीस ।" "बीस हजार रुपये ?" "डाउन पेमैंट । फिलहाल ।”
"मैं तुम्हें पहले ही नहीं बता चुकी कि इस वक्त मेरे पास हजार रुपये भी नहीं है?"
"यहां नहीं हैं न?"
"नकद रकम घर पर भी मुमकिन नहीं ।”
"चैक भी चलेगा।"
"तुम कल तक इंतजार नहीं कर सकते ?"
"कल किसने देखा है, मैडम !"
"ठीक है । मेरे साथ गोल्फ लिंक चलो । मैं तुम्हें चैक लिख दूंगी।"
"मंजूर ।"
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
|