RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
"वो कैसे ?"
"अभी इतना शानदार फिल्मी डायलॉग, इतने शानदार फिल्मी तरीके से जो बोला ।"
"मैं फिल्मों में आ रही हूं । यश चोपड़ा ने मुझे साइन कर भी लिया है।"
"आप जरूर कामयाब होंगी । मुझे घर के भाग ड्योढी में ही दिखाई दे रहे हैं।"
"शुक्रिया ।"
"अब यह बताइये कि आपने मुझे क्यों याद फरमाया ?"
“मुझे एक बॉडीगार्ड की जरूरत है।"
"वो तो होनी ही चाहिये । इतनी खूबसूरत बॉडी को गार्ड की जरूरत नहीं होगी तो और किसे होगी ?"
“ मिस्टर राज, फॉर गॉड सेक मजाक न कीजिये ।”
"क्यों बॉडीगार्ड की जरूरत महसूस कर रही हैं आप ?"
,,,
"मुझे डर है कि मेरा कत्ल हो सकता है।"
अब वह साफ-साफ डरी हुई लग रही थी। "इस डर की कोई वजह ? कोई बुनियाद ?"
"मैं ऐसा कुछ जानती हूं जो कि कोई नहीं चाहता कि जिन्दगी में कभी मेरी जुबान पर आये ।"
"क्या जानती हैं आप ?" ।
"वह मैं आपको नहीं बता सकती।"
"कैसे जानती हैं ?" "
यह भी मैं आपको नहीं बता सकती ।"
"फिर कैसे वात बनेगी ?"
" मिस्टर राज, मेरी हिफाजत का इन्तजाम करने के लिए आपका यह सब जानना जरूरी नहीं । आप बिना यह सब जाने भी मेरे बॉडीगार्ड बन सकते हैं। मैं आपकी कोई भी मुनासिब फीस भरने को तैयार हूं।"
"अगर आपको उस शख्स से अपनी जान का खतरा है जिसने कि चावला साहब की हत्या की है तो बॉडीगार्ड एंगेज करने से बेहतर कदम यह होगा कि आप उसकी बाबत पुलिस को बताएं । वह जेल में पहुंच जाएगा तो वह किसी की जान के लिए खतरा बनने के काबिल नहीं रह जायेगा।"
"नहीं । मुझे यह तरीका पसंद नहीं । कुछ ऐसी बातें हैं जिनकी वजह से ऐसा कोई कदम फिलहाल मैं नहीं उठाना चाहती ।"
"आप मुझे अंधेरे में रखेंगी तो मैं आपकी क्या खिदमत कर सकेंगा ?" ।
"मेरे बॉडीगार्ड का काम आप अंधेरे में रहकर भी कर सकते हैं ।"
"अंधेरे में रहकर तो मैं और भी बहुत कुछ कर सकता हूं । खूबसूरत बॉडी को गार्ड करने का काम तो अंधेरे में और भी बढ़िया होता है।"
वह खामोश रही ।
"आप जानती हैं, कत्ल के केस में पुलिस से कोई जानकारी छुपाकर रखना अपराध होता है । सामाजिक भी और नैतिक भी।"
"जो जानकारी मुझे है उसकी पुलिस को भनक नहीं लगने वाली ।"
“आप तो पहेलियां बुझा रही हैं।"
"आप इस बात का पीछा छोड़िए और यह वताइये कि आप मेरे बॉडीगार्ड बनने को तैयार हैं या नहीं ?"
"आपको ऐसी सेवा की जरूरत कब तक होगी ?"
"जब तक मेरा खौफ न मिट जाए।"
"और ऐसा कब तक होगा ?"
"पता नहीं ।”
"यानी कि आपको अनिश्चित काल के लिए बॉडीगार्ड की जरूरत है ?"
,,, "हां ।”
"हर वक्त के लिए ?"
"हां । फीस क्या है आपकी ?"
"तीन सौ रुपये रोज जमा खर्चे । कम-से-कम दो हजार रुपये एडवांस ।"
= "कम-से-कम का क्या मतलब ?" "मतलब कि अगर आपको एक ही दिन के बाद भी बॉडीगार्ड गैरजरूरी लगने लगा तो भी दो हजार रुपये लगेंगे।"
"ओह ! आप फौरन काम शुरू कर सकते हैं ?"
"मैं फौरन आपके लिए बॉडीगार्ड भिजवा सकता हूं।"
"यानी कि यह काम आप खुद नहीं करेंगे ?"
"कर सकने लायक वक्त मेरे पास होता तो मेरी खुशकिस्मती होती । ऐसी बॉडी, और वह भी दिन-रात गार्ड करने का
काम....
,,, "यह आदमी" - वह मेरी बात काटकर बोली - "होशियार होगा ? काबिल होगा ? हथियारबन्द होगा ?"
"होगा।"
"आप गारण्टी करते हैं ?"
"हां ।"
"कितनी देर में वह यहां पहुंच सकता है?"
"एक-डेढ़ घण्टा तो लग ही जायेगा ।"
"फीस एडवांस देना जरूरी है ?"
"हां ।"
"क्यों ?"
"क्योंकि आपकी जान को खतरा है, आप फीस अदा किये बिना ऊपर वाले को प्यारी हो सकती हैं।"
"जब आपका बॉडीगार्ड मेरे साथ होगा तो ऐसा कैसे होगा ?"
"वो जब होगा तब होगा । आपकी बातों से तो लगता है जैसे उसके यहां पहुंचने से पहले ही आपकी दुक्की पिट सकती है।"
"दिस इज वैरी इनडींसेण्ट एण्ड अनचैरिटेबल ऑफ यू, मिस्टर राज !"
"दिस इज बिजनेस, मैडम ! जब क्लायंट का मुकम्मल सहयोग हासिल न हो तो ऐसी सावधानी बरतनी पड़ती है।
आप यह तक तो बताना नहीं चाहती कि आपको कैसा खतरा है किससे खतरा है, कितना बड़ा खतरा है ! और आप इस बात को भी खातिर में नहीं ला रही हैं कि आपके साथ आपके बॉडीगार्ड का भी काम तमाम हो सकता है।"
वह खामोश रही ।
"आप अभी भी मुझे सारी बात साफ-साफ बताएं तो हो सकता है, मैं एडवांस जरूरी न समझें ।"
|