RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
"फिर भी इस बाबत आपने उनसे कोई सवाल नहीं किया ?"
"कल आधी रात के बाद" - "मैंने बम सा छोड़ा - "आपने चावला साहब की कोठी पर फोन क्यों किया था ?"
उस सवाल पर उसने हैरानी तो बहुत जाहिर की लेकिन जवाब देने में कोई हुज्जत न की।
"मैं उनके लिए फिक्रमंद थी" - वह बोली - "और तसल्ली करना चाहती थी कि वे खैरियत से थे।"
"क्यों चाहती थीं आप ऐसा ? और वह भी इतनी रात गए ?"
"मुझे बहुत बुरा सपना आया था। मेरा मन उनके किसी अनिष्ट की आशंका से कांप गया था।"
"कमाल है !"
वह खामोश रही।
"आप शैली भटनागर को जानती हैं ?"
तभी कॉल बैल बज उठी।
"जानती हूं" - अकस्मात बजी घंटी की आवाज पर वह तनिक हड़बड़ाई - "बतौर फैशन मॉडल मैं शैली भटनागर से अनुबंधित हूं। उसी ने मुझे इतनी फेमस फैशन मॉडल बनाया है।" बाहर नौकरानी किसी से बात कर रही थी । जवाब में कोई जोर-जोर से बोल रहा था, उसकी आवाज मैंने फौरन पहचानी । मुझे वहां कोई हंगामा खड़ा होने का अंदेशा लगने लगा। जूही जरूर वह आवाज नहीं पहचान पाई थी इसीलिए वह अभी शांत बैठी थी । तभी नौकरानी वहां पहुंची।
मिसेज कमला चावला आई हैं।" - उसने घोषणा की।
जूही यूं हड़बड़ाकर उठकर खड़ी हुई, जैसे उसे कांटा चुभा हो । उसके चेहरे से रंग निचुड़ गया । उसने व्याकुल भाव से मेरी तरफ देखा।
"तुम्हें उससे डर लगता है ?" - मैंने पूछा।
उसने जल्दी-जल्दी सहमति में सिर हिलाया।
"वो पहले कभी यहां आई है?"
,,, | "नहीं, कभी नहीं ।"
"घबराओ नहीं और शान्ति से बैठो । उसे मैं संभाल लूंगा । मेरे होते वह कोई तमाशा नहीं खड़ा करेगी। करेगी तो मैं नहीं करने दूंगा।
" बुलाओ" - जूही खोखले स्वर में नौकरानी से बोली। वह वापिस सोफे पर ढेर हो गई। - कुछ क्षण बाद बगोले की तरह कमला वहां दाखिल हुई । मुझे देखकर वह ठिठकी। उसके चेहरे पर आश्चर्य और | तिरस्कार के मिले-जुले भाव प्रकट हुए ।
"तुम !" - वह बोली - "तुम यहां क्या कर रहे हो ?"
"बैठा हूं।" - मैं सहज भाव से बोला - "और क्या कर रहा हूं !"
"क्यों बैठे हो ?" - फिर उसका ध्यान ड्रिंक्स की ट्रे की तरफ गया - "ओह, तो यह बात है !"
"क्या बात है ?"
"बड़े कमीने आदमी हो राज !"
"वो तो मैं हूं लेकिन तुम्हें कैसे मालूम हुआ ?"
"मैं पूछती हूं तुम किसकी तरफ हो ?"
"क्या मतलब ?" ।
"मैं तुम्हारी क्लायन्ट हूं या यह चुडैल?"
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