RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
"वह परसों रात चावला की स्टडी में घुसा हुआ था। वहां से वह ऐसा कुछ जान गया होगा जो कि कमला चावला के लिए खतरनाक साबित हो सकता था और उसे सीधे फांसी के फंदे तक ले जा सकता था। उसका मुंह बंद रखने के लिए उसने उसका कत्ल कर दिया होगा।
" ऐसा उसने पहले क्यों नहीं किया ?"
"क्योंकि पहले उसने कोई और कत्ल करना था। जूही चावला का । हर काम अपनी बारी से ही होता है, जासूस साहब !
" मैं खामोश रहा।
"तुम सयाने बड़े बनते हो लेकिन कम-से-कम इस बार तो तुम उस औरत के हाथों जी भर के बेवकूफ बन रहे हो । अभी तक जो तीन कत्ल हुये हैं, उन तीनों में ही किसी न किसी तरीके से उसने तुम्हें अपनी एलीबाई बनाया है। कल रात अगर मेरा आदमी तुम्हारी निगरानी न कर रहा होता तो बाद में तुम गंगाजली उठाकर यह कहने को तैयार हो जाते कि वह रात के हर क्षण तुम्हारे पास थी।"
"चौधरी का कत्ल मेरे फ्लैट में क्यों ?"
“होगी कोई वजह । शायद वह तुम्हें उस कत्ल के इंजाम में फंसाना चाहती हो !"
"लेकिन मैं तो उसके साथ था।"
"क्या सबूत है?"
"वो खुद सबूत है।"
"अगर वो मुकर जाये तो क्या सबूत है ? इस बात का जवाब कोठी की निगरानी करते मेरे आदमी को नजरअंदाज करके देना।
" फिर तो कोई सबूत नहीं ।
” "एगजैक्टली । शर्मा साहब, तुम्हारे ऐसा कहने पर वह ऐसी हालदुहाई मचा सकती है कि तौबा भली । वह कह सकती है कि तुम एक गंदे, जलील आदमी एक लाचार, बेसहारा विधवा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हो। कौन मान लेता इस बात को कि उसके पति का अंतिम संस्कार होने से भी पहले वह किसी गैरमर्द की बांहों में थी ?"
"चावला की लाश अभी भी पुलिस के पास है ?"
"नहीं । आज सुबह-सवेरे मिसेज लाश ले गई थी और उसका अंतिम संस्कार हो चुका है।"
,,, "और जूही चावला की लाश ?"
"वह अभी पुलिस के ही पास है । उसे शाम तक रिलीज किया जाएगा।"
"उसका कोई रिश्तेदार सामने आया है ?"
"सामने कोई नहीं आया लेकिन खबर लगी है उसके रिश्तेदारों की । उसका परिवार शिमला में रहता है। उन्हें खबर भिजवाई जा चुकी है।"
मैं फिर खामोश हो गया।
मेरी आंखों के सामने फिर कमला चावला का चेहरा उभरा ।। कितना छल कपट छुपा हुआ था उस खूबसूरत चेहरे की ओट में !
कैसे इतना खूब सफेद हो सकता था किसी औरत का !
अब मुझे यह भी महसूस होने लगा कि मेरी दो लाख की फीस उसने कुछ ज्यादा ही जल्दी कबूल कर ली थी और बीस हजार रूपये मुझे कुछ ज्यादा ही सहूलियत से हासिल हो गए थे। उस औरत ने बीस हजार रूपये में अपना कोई मुहाफिज या खैरख्वाह नहीं खरीदा था, एक बली का बकरा खरीदा था जिसका नाम राज था।
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