RE: Adult Stories बेगुनाह ( एक थ्रिलर उपन्यास )
उसने मेरे साथ जाम टकराकर चियर्स बोला।
"तुम्हे सूझा कैसे ?" - वह बोला - "कि सारे फसाद की जड़ वह बलराज सोनी का बच्चा था ?"
"कई छोटी-छोटी बातों को जमा करने से सूझा ।" - मैं बोला - "मसलन मुझे इस बात की गारंटी थी कि चौधरी के । कल वाली रात को चावला की कोठी पर मुझे विस्की में बेहोशी की दवा मिलाकर पिलाई गई थी। वहां मेरे अलावा विस्की पीने वाला या वकील बलराज सोनी था और या कमला थी । कमला कहती थी कि उसने मुझे बेहोशी की दवा नहीं दी । अगर वह सच बोल रही थी तो जाहिर था कि वह काम बलराज सोनी का और सिर्फ बलराज सोनी का हो सकता था।"
"उसने तुम्हें बेहोशी की दवा क्यों दी ?"
"क्योंकि वह मेरे फ्लैट की तलाशी लेना चाहता था।"
"क्यों ?"
"क्योंकि कमला को फंसाने के लिए छतरपुर के फार्म हाउस में जो सबूत उसने कमला के खिलाफ प्लांट किये थे, वे मैंने वहां से गायब कर दिये थे।"
"तुमने ऐसा किया था ?"
"हां ।" - मैं लापरवाही से बोला - "कोई एतराज ?"
उस घड़ी वो भला कैसे एतराज कर सकता था !
"आगे बढ़ो।"
"वह निश्चित रूप से यह नहीं जानता था कि वह हरकत मेरी थी लेकिन उसे मुझ पर शक था और उसे उम्मीद थी कि । मेरे फ्लैट की तलाशी लेने से वह मेरी नीयत के बारे में बहुत कुछ जान सकता था। जो सबूत मैंने फार्म हाउस से गायब किये थे, वे अगर उसे मेरे फ्लैट में मिल जाते तो वह उन्हें यथास्थान रहने देता और पुलिस को उनकी बाबत कोई गुमनाम टिप दे देता । फिर मैं भी अपराधी का मददगार होने के इल्जाम में शर्तिया गिरफ्तार होता।"
"तुम्हारे फ्लैट पर ऐसा कुछ था ?"
"कुछ नहीं था। वे सबूत तो मैं पहले ही, चावला के कत्ल वाली रात को ही, नष्ट कर चुका था।"
"थे क्या वो सबूत ?"
"वो सबूत थे कमला की लिपिस्टिक लगे सिगरेट के दो टुकड़े, एक फूलों का गुलदस्ता, कमला का एक रूमाल जिससे लगता था कि उसने रिवॉल्वर पर से उंगलियों के निशान पोंछे थे और टॉयलेट में तैरता एक पेपर नैपकिन जिस पर कमला की लिपस्टिक के निशान लगे थे। उन सबूतों से वह यह साबित करना चाहता था कि कमला और उसका पति काफी अरसे से वहां थे, आरम्भ में उनमें सदभावना का माहौल था लेकिन बाद में उनमें ऐसी तकरार हुई थी कि कमला ने अपने पति को शूट कर दिया था।"
"फिर ?"
"फिर यह कि उसकी बदकिस्मती कि जब वह मेरे फ्लैट की तलाशी ले रहा था तो मेरी दुक्की पीटने की नीयत से । ऊपर से चौधरी वहां पहुंच गया। उसे जरूर बलराज सोनी पर मेरा धोखा हुआ होगा। मुझे समझकर उसने बलराज सोनी पर आक्रमण किया । तब बलराज सोनी के हाथ मेरा चाकू पड़ गया होगा जिससे कि उसने चौधरी पर वार किया होगा । तलाशी वह जरूर दस्ताने पहनकर ले रहा होगा जिसकी वजह से उस चाकू के अनोखे हैंडल से उसकी
हथेली पर पंक्चर मार्क बनने से रह गये होंगे।"
"यानी कि चौधरी से उसकी कोई अदावत नहीं थी ?"
"न । चौधरी की अदावत मेरे से थी । वह मेरा कत्ल करने मेरे फ्लैट पर पहुंचा था। यह उसकी बदकिस्मती थी कि ऐन उस वक्त फ्लैट पर मैं नहीं, बलराज सोनी मौजूद था जो वहां चोर की हैसियत से रंगे हाथों पकड़े जाने का कतई | खाहिशमन्द नहीं था।"
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