antervasna चीख उठा हिमालय
03-25-2020, 01:08 PM,
#38
RE: antervasna चीख उठा हिमालय
वतन को अलफांसे और हमें वतन बनना इसलिए तो जरूरी था ही कि तुम्हें धोखा दे सकें, इसलिए भी जरूरी था कक्ष और प्रयोगशाला से बाहर निकलना था ।

याद है ना ?


वतन ने डैनी, दरवाजे बाले सैनिक और मनजीत को क्या हुक्म दिया था ?
बाकीं तुम समझदार हो । यह तो समझ गये होगे कि इन फिल्मों को प्राप्त करने के लिए अपनी इतनी शक्ति और दिमाग खर्च किया है तो किस मकसद से ? अपना और वतन का फेसमास्क बनवाने में भी तो खर्चा अाया ही होगा ।। अब ये फिल्में मेरे कब्जे में हैं । जानता हूं विश्व के हर देश को इनकी ज़रूरत है । बोलियां लगेगी-जिसकी बोली सबसे बड़ी…,फिल्म उसी की न...न...न...थोड़ा गलत लिख गया मैं ।।।

आपसदारी की भी तो कोई लिहाज होनी चाहिए, वतन से कह देना तुम्हारा गुरु विकास भी तो अाने वाला है-तो उसे भी समझा देना कि तुम्हें ये फिल्में उस रेट से एक लाख कम में मिल सकती हैं, जो देश इनकी सबसे ज्यादा कीमत लगाएगा ।



माना कि रुस इन्हें एक करोड में खरीदने को तैयार होता है तो तुम्हें निन्यानवे लाख मैं मिल सकती है किसी को भी बेचने से पहले तुम्हें जरूर बताऊंगा कि कितने मैं विक
रही हैं । एक लाख कम में अाप लोग ख़रीदने के लिए तैयार होते हैं तो ठीक वरना मुझे तो एक लाख का फायदा और होगा । शायद आज तक किसी व्यापारी ने आपसदारी की
इतनी शर्म न की हो कि एक लाख का घाटा खाए।




तुम्हारे का गुरू का गुरू

अलफांसे दी ग्रेट ।



पढकर खोपडी भिन्ना गई धनुषटंकार की ।


कमाल तो यह था कि उनके बीच में रहकर ही अलफांसे फिल्म निकालने में कामयाब हो गया । अपोलो ने धनुषटकार के चेहरे पर उड़ती हवाइयां देखी, तो आंखों के संकेत से पूछा…"क्या बात है ? यह पत्र किसका है और इसमें क्या लिखा ?"




धनुषटंकार की समझ में नहीं अाया कि अपोलो को यह कैसे समझाए . बोल यह सकता नहीं था और पड़ना अपोलो नहीं जानता ।



अचानक उसे एक तरकीब सूझी ।


कागज़ की तह करके उसने जेब में डाला । बधे हुए वतन की तरफ बढा करीब पहुंचकर उसने वतन के चेहरे पर अलफांसे का फेसमास्क नोंच लिया ।

अपोलो ने देखा-देखते ही पागल हो गया ------- जैसे
उसके चेहरे पर अभी तक वतन का फेसमास्क था और वतन की ही कार लेकर उड़ा चला जा रहा था वह ।



उसके चेहरे पर उत्तेजना का एक भी लक्षण नहीं था ।



हां…होंठों पर हल्की मुस्कान अवश्य थी ।


कदाचित्-अपनी सफ़लता की मुस्कान ।



कार की गति आश्चर्यजनक रूप से उसने तेज का रखी थी ।


सड़क खाली पड़ी थी, दूर--दूर तक उसके सामने फैली हुई साफ, चिकनी चौड़ी और सड़क । कार की गति से ही अनुमान होता था कि वह जल्दी--से--जल्दी अपने किसी निश्चित लक्ष्य पर पहुंच जाना चाहता था । वह मस्त होकर कार ड्राइव करता हुआ होंठ सिक्रोड़कर सीटी बजाने लगा ।।


पन्द्रह मिनट बाद ही वह चमन के ऐसे भाग में आ गया जहाँ से वस्ती काफी दूर थी । दोनों तरफ दूर-दूर तक खेत फैले हुए थे । कार की हैडलाइटों की बदौलत तो कुछ दुर तक प्रकाश था वरना हर तरफ अंधेरा था----धुप्प अंधेरा ।



मील के उस पत्थर के पास,जिस पर बारह लिखा था, उसने गाड्री रोक दी ।

आराम से बाहर अाया ।

वतन की सफेद पतलून की जैव में से टॉर्च निकाली । दाहिनी तरफ चेहरा करके उसने टार्च का प्रकाश चेहरे पर डाला । ठीक उसके सामने काफी दूर पर एक टॉर्च चमकी ।




ठीक उसी तरह से उधर से टॉर्च रोशन करने वाले ने प्रकाश अपने चेहरे पर डाला । अपने सामने वाले चेहरे को टॉर्च के प्रकाश में देखकर वह संतुष्ट हुआ और अपने हाथ में रोशन टॉर्च लिए वह उसी दिशा में बढ गया ।
उधर से भी हाथ में ,रोशन टॉर्च लिए वह व्यक्ति इसकी तरफ बढा ।



एक खेत के ठीक बीच में वे मिले । मिलते ही अलफासे ने नये आदमी के चरणस्पर्श कर लिए ।



नये आदमी ने उसे चरणों से उठाकर गले से लगाया । बोला…"जीते रहो बेटे । "




फिर… वे दोनों साथ बढ गए । अलफासे ने पूछा---" हैलीकॉप्टर कहां है ?।।



"'बस, यहां से थोडी ही दूर अंधेरे में खड़ा है ।" दूसरे व्यक्ति ने कहा ।



टॉर्च बुझाकर अंधेरे का सीना… चीरते वे आगे बढ़ने लगे ।


कुछ ही देर बाद एक खेत के बीच खड़े हेलीकॉप्टर के करीब पहुचे ।

हेलीकॉप्टर में अन्य कोई नहीं था । अलफांसे को लेने अाने वाला व्यक्ति ड्राइविंग सीट पर बैठा, अलफांसे उसके बराबर हैलीकॉप्टर स्टार्ट करके वह उसे हवा में उठाता चला गया । अपनी निश्चित ऊंचाई पर पहुंचने के बाद हैलीकॉप्टर के अन्दर की लाइट आंन हो गई ।


"अब तो अपने चेहरे -पर से यह फेसमास्क उतार दो !” हेलीकॉप्टर चलाने बाले ने अलफांसे से कहा ।



" जरूर डैडी ?" अलफांसे के मुंह से निकला-"वास्तव में अब इसकी कोई जरुरत नहीं है ।"' कहते हुए उसने अपने चेहरे से फेसमास्क उतार दिया और वतन के उस फेसमास्क के नीचे से जो चेहरा निकला था, वह अलफांसे का बिल्कुल नहीं था ।



वह चेहरा था-हैरौ का-----

हैरी आर्तरट्रांग ।।


अमेरिका सीक्रेट सर्बिस का जासूस ।।


जासूसों के देवता यानी जैकी आर्मस्ट्राग का बेटा ।


और-----हैलीकॉप्टर का चालक अन्य कोई नहीं जैकी ही था-हेरी का पिता ।।
किसी को तुम पर शक तो नहीं हुआ ?", जैकी ने पूछा ।



"नो डैडी…!" मस्ती में हैरी ने कहा-----"वतन बेचारा तो आखिरी पल तक मुझे अलफांसे ही समझता रहा था । धनुषन्टंकार और अ़ापोलो के लिये मैं जब तक अलफांसे बना हुया था, वे मुझे अलफासे ही समझते रहे । हां, अाखिरी वक्त तक वे मुझे वतन .. समझ रहे थे । अलफांसे बने वतन की जेब से जब मेरा पत्र उन्हें प्राप्त होगा तो वे अपने बाल नोंच लेंगे ।"

'क्या वह पत्र तुम अपने नाम से लिखकर अाए हो ?" जैकी ने चौंककर पूछा ।



अापने मुझे इतना बेवकूफ कैसे समझ लिया, डैडी ?" हेरी हल्की सी मुस्कान के साथ बोला-"सारा काम ही अलफांसे बनकर इसलिए करना पड़ा कि वतन को यह मालूम न हो कि अमेरिका ने पुनः उसके साथ कोई हरकत की है । पत्र मैंने ठीक अलफांसे के ढंग से लिखा है और यह तो अाप जानते ही हैं कि अलफांसे की राइटिंग की नकल करना भी मेरे लिए कोई मुश्किल काम नहीं है उस पत्र क्रो पढ़ने के बाद भी वे यही जानेंगे कि फिल्में अलफांसे ले गया ।"



"आज दिन में तुमने हमसे सम्बन्ध स्थापित किया ।" जैकी बोला-"तुमने सारी बातें नहीं बताई । सिर्फ यह कहा कि मैं हैलीकॉप्टर लेकर यहां पहुंच जाऊं और तुम यहीं वतन के भेष में पहुंचोगे । यह भी नहीँ बताया था कि वतन, अपोलो और धनुषटंकार के बीच फंसे तुमने ऐसा… मौका कैसे निकाला कि मुझसे बात कर सको ?"



"मैँने आपसे चमन की प्रयोगशाला की तैट्रीन में से सम्बन्ध स्थापित किया ।" हेरी ने बताया---" और ज्यादा बाते इसलिए नहीं की र्थी क्योंक्रि उस थोडे से मिले वक्त में ही मुझे वहुत-से काम करने थे ।"




"जैसे ? "



"मुझे अलंफासे समझकर वतन ने मुझे सारी प्रयोगशाला घुमाई ।" हैरी ने बताया…"क्रोई प्रयोगशाला के अन्दर न पहुंच सके, इसके लिए उसने-क्या सुरक्षाएं की हैं--यह भी बताया ।" कहते हुए हैरी ने प्रयोगशाला की पूरी स्थिति जैकी को बता दी । यह बताते हुए कि वतन के मुहसे प्रयोगशाला की सारी सुरक्षाएँ सुनने के बाद ही उसने दिमाग में यह स्कीम तैयार कर ली थी कि उसे 'वेवज एम' और 'अणुनाशक किरणों ' का फार्मूला कैसे प्राप्त करना है ।"
हैरी ने यह भी बता दिया कि उसने सारा काम किस तरह किया । अन्त में बोला-----"' वतन के बेहोश होते ही मैंने अलफांसै का फेसमास्क वतन को पहना दिया और वतन का खुद पहन लिया । कपडे इत्यादि भी बदल दिए । धनुषटंकार और अपोलो जब लोटे तो यहीं समझे कि वतन ने अलफासे को बेहोश कर दिया ।"

इस तरह पूरी कहानी सुनने के बाद जैकी का सीना गर्व से फूल गया । उसके होंठों पर ऐसी मुस्कान दौड़ गई मानो उसके जीवन की सबसे बड़ी मुराद पूरी गई हो, बोला, "हैरी, मेरे बच्चे ।। आज मुझे यकीन हो गया है कि जो कुछ तूझे बनना चाहता था, वह वन जाएगा । आज मैं बहुत खुश हूं । वतन की प्रयोगशाला की सुरक्षा के बारे में जो कुछ तुमने सुनाया उसे सुनकर मैं दंग रह गया । मैं सोचने लगा कि इस ज़बरदस्त सुरक्षित स्थान में से भला कोई कैसे कामयाबी के साथ अपनी इच्छित वस्तु निकाल सकता है मगर फिर तुमने मुझे यह बताया कि किस योजना के आधार पर तुमने वतन के उस सुरक्षित किले में छेद का दिया । उसे सुनकर हम दंग रह गए । सच, तुम्हारी जगह अगर हम भी होते शायद ऐसी तरक्रीब नहीं सोच पाते । बेशक तुममें दिमाग है और दिमाग से सोची हुई किसी स्कीम को स्वंय कार्यान्वित करने की ताकत भी ।"



"‘जो भी है डैडी ।" हैरी ने कहा----"आपसे प्राप्त किया है ।"






"गुड...!' जैकी बोला---" और हां, इसका मतलब यह हुआ कि अब हमारे वैज्ञानिक "अणुनाशक किरणे‘ भी वना सकेंगे ।"




"जी हां” हैरी ने कहा---" दोनों के फार्मूले की फिल्में प्राप्त का ली है मैंने ।"



"अच्छा तो वे फिल्में तो दिखाओ ।" जैकी ने कहा, "जरा हम भी तो देखें, महान वतन के उन दो आविष्कारों का नमुना ।" हैरी ने फिल्में जेब से निकालकर अपने डैडी को थमा दी ।



“जरा हैलीकॉप्टर सम्भालना ।" कहते हुए जैकी ड्राइविंग' सीट से उठ गया ।

कुछ ही देर बाद हैलीकॉप्टर ड्राइव कर रहा था हैरी और उसके बराबर में बैठा जैकी उन फिल्मों को उलट पुलटकर देख रहा था ।

उसकी आंखें इस तरह चमक रही थी मानो उसे दुनिया की सबसे बड़ी दौलत मिल गई हो ।
अपने कोट की जेब है उसने चमडे़ का एक पर्स निकाला, दोनों फिल्में उसमें डालकर उसने चेन बन्द कर दी और वापस एक झटके के साथ हैलीकॉप्टर से बाहऱ अंधेरे वातावरण में फेंक दिया ।।।


ऐसे उछला हैरी, जैस, विच्छू ने डंक मार दिया हो, मुंह से निकला…"ये आपने क्या क्रिया ?"



मगर तब तक तो न सिर्फ जैकी ने रिवॉल्वर निकालकर उसकी कनपटी से सटा दिया, बल्कि गुर्रा भी रहा था---" बेशक तुमने वतन की प्रयोगशाला में से से चोरी करके बड़ा काम क्रिया था हैरी बेटे, लेकिन बच्चे हो अभी यह भी नहीं समझते कि इतनी कीमती चीजे किसी के हाथ में यू ही नहीं दे देनी चाहिए । फिल्में तो अब वहां जाएंगी जहां पहुचनी चाहिए मगर तुम कोई हरकत नहीं करोगे । जिस गति से चला रहे हो , आराम के साथ उसी रफ्तार से चलाते रहो ।"



जैकी के मुंह से निकली इस आवाज को पहचानते ही हैरी का मस्तिष्क जैसे अन्तरिक्ष में तैरने लगा ।
पागल से हुए अपोलो ने यह समझते ही कि जिसे उन्होंने बांध रखा है, वह वतन है और -वतन के भेष में फिल्म लेकर निकल जाने वाला अलफांसे है-बाहर जम्प लगा दीं ।


धनुषटंकार भी जैसे खूनी हो उठा था-वह भी कक्ष से बाहर झपटा ।



गैलरी में तीव्र गति से बकरा भागा चला जा रहा था ।।




इसी तरह दोनों भागते राष्ट्रपति भवन से बाहर अा गए ।



अपोलो तो सड़क पर पागलों की तरह एक तरफ भागता ही चला गया।

राष्ट्रपति भवन के दरवाजे पर खड़े कई सैनियों ने उसे रोकना चाहा लेकिन वह नहीं रूका ।



हां----एक अधिकारी के पास हढ़बड़ाया सा धनुषटंकार रुक गया ।




"क्या बात है मोण्टो ? तुम दोनों इस तरह घबराए क्यों हो ?" अधिकारी ने जल्दी प्रश्न किया ।


धनुषटंकार का ध्यान उसके प्रश्न की तरफ कहाँ था ?


वह तो तेजी से घसीट मारता हुआ अपनी डायरी पर कुछ लिख रहा था ।


लिखकर उसने अधिकारी की तरफ बड़ा दिया ।



अधिकारी ने पढा और चौंक पड़ा, लिखा था…"जो वतन अमी-अभी राष्ट्रपति भवन से निकला है, वह वतन नहीं, उसके भेष में अलफांसे था । जल्दी बताओ कि यह वतन की कार को लेकर किधर गया है ?"



हड़बड़ाहट में धनुकांकार का मुंह ताकने के सिवा अधिकारी कुछ भी न कर सका ।



झुंझलाहट में धनुषटंकार ने जल्दी से बताने का इशारा क्रिया ।

"इधर... । बिना कुछ सोचे-समझे बौखलाए से अधिकारी ने एक तरफ को उंगली उठा दी ।


झपटकर धनुषटंकार ने उससे डायरी ली । बडी तेजी से घसीट मारकर उसने डायरी पुन: अधिकारी को पकड़ा दी ।



अधिकारी ने पढ़ा, लिखा था----




…जल्दी से किसी जीप का इन्तजाम करो ।"


बेचारा अधिकारी-उसका दिमाग तो जैसे एकदम शून्य हो गया था । परिस्थिति ऐसी थी कि यह ठीक से कुछ भी सौच-समझ नहीं पा रहा था । वह कुछ समझने की केशिश करता भी कैसे ? इऩ पलों में उसे तो ऐसों लग रहा था कि जैसे उसके पास दिमाग नाम की कोई चीज ही नहीं है ।


समझता भी कैसे ?

परिस्थिति ही ऐसी थी ।


उसके सामने थोडी ही देर पहले भवन से वतन निकला था । उसने चाहा भी था कि पूछ ले कि महाराज !

इतनी रात गए कहाँ जा रहे हैं ?


वतन से यह प्रश्न करने की हिम्मत नहीं जुटा सका था ।


उसके और अन्य सैनिकों के देखते-ही-देखते वह कार में बैठा और चला गया । सभी सैनिकॉ को मन-ही-मन इस बात पर भी आश्चर्य था कि इस वक्त वतन के साथ अपोलो नहीं था ।

अपोलो--जो वतन के अानमन का प्रतीक है । सारी दुनिया जानती है कि जहाँ वतन पहुचेगा , उससे एक सैर्किड पहले 'अपने गले की धण्टियां बजाता अपोलौ अपने अागमन की सूचना देगा ।


सैनिको की नजरों में यह पहला ही मौका था जब वतन अपोलो के बिना राष्ट्रपति भवन से बाहर निकला था ।


उस अधिकारी ने इसके लिए भी वतन को रोकना चाहा था पर हिम्मत न जुटा सका था ।



और अब बौखलाये से अपोलो और धनुषटंकार बाहर अाए थे ।
Reply


Messages In This Thread
RE: antervasna चीख उठा हिमालय - by sexstories - 03-25-2020, 01:08 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,444,502 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,040 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,209,470 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 914,322 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,620,741 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,053,749 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,906,207 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,907,036 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,973,896 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 279,622 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)