RE: antervasna चीख उठा हिमालय
-"मानते हैं कि अगर हम चाहें तो फार्मूले को प्रयोगशाला से बाहर ही न निकलने दें ।" अलकांसे ने कहा… "'लेकिन दिमाग लगाकर जरा यह सोचने की कोशिश करो..कि अगर हम ऐसा करें तो क्या होगा ?"
"फामू'ला सुरक्षित रहेगा और क्या 'होगा ?"
" बिल्कुल ठीक ।" अलफांसे ने कहा-"यह बात बिल्कुल सच है कि फार्मूला प्रयोगशाला में बिल्कुल सुरक्षित रहेगा, किन्तु याद रहे, जब तक वह प्रयोगशाला में सुरक्षित रहेगा तब तक किसी भी देश का जासूस चमन से नहीं टलेगा और इस प्रकार चमन न जाने कब तक अन्तर्राष्ट्रीय जासूसों का केन्द्र बना रहेगा, जो न चमन के लिए उचित है, न -वतन के लिए है"
-"तो आप यह चाहते है कि फार्मूला प्रयोगशाला से बाहर आये ।"
-"ठीक समझे ।"
" ठीक है ।'"विकास ने कहा…"फार्मूला प्रयोगशाला से बाहर तो अवश्य आयेगा, किन्तु उस तरह जिस तरह मैं चाहता हूँ ।"
"तुम किस तरह चाहते हो ?"
चुप रह गयो बिकास है उसने कोई जवाब नहीं दिया ।
इस बीच न जाने वह क्या… सोच रहा था । अलकांसे के साथ साथ पिशाचनाथ 'भी विंचित्र-सी दृष्टि से उसकी तरफ़ देख रहा था ।।।
जब काफी देर की खामोशी के पश्चात भी विकास 'कुछ न बोला, चुप ही रहा तो----
" क्या सोच रहे हो बेटे ?" अलफासे ने उसकी विचार श्रृंखला भंग की ।
एकाएक ही अलफांसे की ओर देखकर चुटकी बजाई बिकास ने, बोला-"दिमाग में आइडिया आ गया गुरु ।"
" क्या ?"
" ---सचमुच अलफांसे बना हैरी प्रयोगशाला से फार्मूला गायब करेगा ।
" ये कौन-सा नया आइडिया ? "
" सचमुच आपकी और विजय अंकल की स्कीम बहुत अच्छी है गुरु ।" अपनी रिस्टवाच में समय देखते हुए विकास ने कहा--- लेकिन मेरे दिमाग में जो आइडिया आया है अगर यह इस स्कीम में फिट कर दिया जाये तो सच, खतरे की कोई बात ही न रहे ।"
-"कुछ बताओगे भी या ऐसे ही पहेलियां ही बुझाते रहोगे ?"
"सुनिये ।" कहने के उपरान्त विकास धीरे-धीरे उन्हें कोई बात बताने लगा । उसकी बातें सुनने के लिए पिशाचसाथ भी करीब खिसक आया था और कान लगाकर उनकी बातें सुन रहा था । सवं कुछ सुनने के पश्चात उसके मुंह से वरबस ही निकल पडा-"सच महाराज । यह आइडिया फिट रहेगा ।"
किंतु, अलफांसे ने कहा…"यह क्या गारन्टी है कि जो तुम कह रहे हो, वह हो ही जायेगा ।"
" क्या अपने शिष्य पर भरोसा नहीं रहा गुरु ?"
" मेरा मतलब हैं कि बातं उल्टी भी तो पड़ सकती है ।"
" यह कार्य मेरे अधीन है गुरु और इस कार्य की आप चिन्ता न करें !" विकास ने कहा…"अगर आप मुझे सिर्फ यह इजाजत दें कि मैं यह सव कर डालूं ।"
हल्के से मुस्कराया अलाफांसे बौला-"जानता हूँ बेटे कि अगर में इजाजत न भी दूं तो जो तुम करना चाहते हो , बह करने से बाज नहीं आओगे ।। अत: इजाजत देकर अपना सम्मान बचाये रखना ही उचित हैै तुम वही करोगे जो कह रहे हो, इसके अतिरिक्त कुछ नहीं करोगे ।। "
"'जियो गुरु, हजारों साल तक जियो !" कहते हुए विकास ने अलफांसे के चेहरे-पर चुम्बनों की झडी लगा दी ।।।
रात के आठ बज रहे थे है चमन की इमारतें, सड़क, बाजार और दुकानें विद्युत बल्वों एवं रोंंडों से चमक रही थी है कि अलफांसे बने हैरी के होंठों इस समय विजयात्मक मुस्कान थी ।
वह प्रयोगशाला के चारों और फैली छावनी से लौट रहा था । किसी प्रकार वह चार सैनिकों को मारकर उनकी गर्ने प्रयोगशाला की चारों सर्चलाइटों के निशाने पर इस प्रकार फिट कर आया था कि वे चारों गनें एक-एक…मिनट के अन्त-राल ठीक वारह बजे गर्जनी थीं ।।
वह जानता था कि जो प्रबन्ध वह करने आया है उसके अनुसार बारह बजे चारों सर्चलाइटैं फूट जायेंगी ।
चारों मृत सैनिको के शरीरों को वह मजबूत रेशम की डोरी की सहायता से खाई में लटका आया था ।।
इस समय टेक्सी में वह राष्ट्रपति भवन की और लोट रहा था ।
टैस्सी की गति से कहीं अधिक तीव्रता के साथ उसके मस्तिष्क में विचारों का आवागमन हो रहा था ।
वह एक बार पुनः मस्तिष्क में निर्धारित कर रहा था कि अपनी योजना अनुसार उसे अागे क्या करना है ।।
एक झटके के साथ टेक्सी रुक जाने से अचानक उसकी विचार श्रृंखला भंग हो गई ।।
उसने चौंककर देखा टैक्सी एक सुनसान इलाके में सड़क के किनारे रुकी थी ।।
हैरी एकदम स्तर्क हो गया जेब के बाहर से ही हाथ रिबाँल्वर पर जमाकर बोला---"क्या बात है ड्राइवर ?"
"ड्राइवर नहीं, तुम्हारा शिष्य है गुरु ।” ड्राइवर के मुख से विकास का स्वर निकला --' त--तुम ?" हैरी हकला-सा गया ।
."क्यों गुरु, मुझे यहाँ देखकर चकरा क्युं गए ।।
सचमुच हैरी का मस्तिष्क बुरी तरह चकरा उठा । झनाहट-सी हो रही थी उसके दिमाग में !
इस बात की तो उसने कल्पना भी नहीं की थी कि इस तरह अचानक-से उसका सामना विकास से हो जाएगा ।
एक बार को तो उसके दिमाग में विचार जमा कि वह रिवॉल्वर निकालकर फौरन विकास पर फायर कर दे, किंतु--ठहर गया । उसने ऐसा नहीं किया'। ऐसा करते ही यह स्पष्ट हो जाना था फि वह अलफांसे नहीं, कोई अन्य है विकास के उपर्युक्त वाक्यों से उसने जाना था कि विकास उसे अलफांसे ही समझ रहा है ।
यह जानना भी उसके लिए बहुत आवश्यक था कि विकासं यहां क्या कर रहा है ?
अत: सम्भलकर अलफांसे के स्वर में ही बोला---" चकराने का तो कोई प्रशन् ही नहीं, किन्तु...... !"
"किन्तु क्या गुरु ?"
--"तुम यहाँ क्या कंर रहे हो ?"
" जो आप कर रहे है !"
" यानी ?'"
"मैं वतन और उसकी हिफाजत के लिए चमन में आया हुं ।" विकास ने कहा ।
" उसके स्टेटमेंट का तो परिणाम है कि आप जैसी हस्ती चमन में घूम रहीं है ।" कहता हुआ विकास कार का देरवाजा खोलकर बाहर आ गया ।
हैरी भी पूर्णतया सतर्क और अपनी सतर्कता का परिचय देता हुआ वह भी दरवाजा खोलकर तुरन्त ही बाहर आ गया था है किन्तु-----विकास ने आगे बढकर उसके पैर छू लिए, बोला----" यह जानना चाहता हूँ गुरु कि आप चमन में क्या कर रहे है ?"
"जिस लिए तुम आए हो, उसी मकसद से मैं भी चमन-आया हूँ ।" अलफासे के ही स्वर में हैरी ने उत्तर दिया, यहाँ तक मेरा ख्याल है, सभी देश अपने-अपने जासूसों को यह फार्मूला प्राप्त करने के लिए चमन में भेंजेंगे ।"
" और आप उन सबसे पहले फार्मूला प्राप्त करने यहां पहुँच गये । "
" क्या बकते हो ?"
"फार्मूला प्राप्त करने के उपरान्त आप अपनी पुरानी आदतानुसार उसकी कीमत लगा सकें ।" विकास ने कहा… "जो देश आपको उसकी सर्वाधिक कीमत दें, उसे आप वह फार्मूला वेच सकें,, बोलिए-चमन में आपके अाने का यही मकसद है ना ?"
""क्या बात कर रहे हो विकास ?" अलफांसे ने कहा ----"हकीकत यह है कि से यहाँ उस फार्मूले की हिफाजत के लिए आया हूँ । यह सोचकर आया हूँ कि किसी भी राष्ट्र के जासूस को यह… फार्मुला प्राप्त नहीं करने दूंगा । क्या तुम समझते थे कि मैं वतन के साथ ऐसी हरकत करूंगा ?"
" -वतन के साथ ही क्या--- आप किसी के साथ भी यहीं हरकत कर सकते है ।"
" यह भी तो सम्भव है कि भारतीय सरकार ने तुम्हें चमन में वतन का यह फार्मूला प्राप्त करने भेजा हो ?"
"'यह आप कह रहे हैं ?"
.मुस्कराया वह, बोला, "'क्यों क्यों यह नहीं हो सकता? अन्य देशों की भांति भारत को भी तो यह फार्मूला प्राप्त करने का लालच हो सकता है और जहाँ तक मैं समझता हूं भारत के पास कम-से-कम इस काम के लिए तुमसे बेहतर जासूस नहीं है !"
सुर्ख हो गया विकास का चेहरा सारा जिस्म क्रोध से कांपने लगा ।
विकास गुर्रा उठा----"मेरा देश अमेरिका की भांति जलील और कमीना नहीं है ।"
" क्या मतलब?" हैरी एकदम सतर्क हुआ--" अमेरिका से क्या मतलब ..?"
"यह भ्रम अपने दिमाग से निकाल दो हैरी बेटे, कि विकास तुम्हें अलफांसे समझ रहा है ।" किसी खूनी भेड़िये की भाँति गुर्राता ही चला गया" विकास-----" जानता हूं कि तुम हैरी हो और यह भी जानता हूँ कि गुरु का यह मास्क पहनकर तुम क्या कुछ कर चुके हों ।"
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