RE: antervasna चीख उठा हिमालय
अलफांसे इतना ही कह सका---"तुम यहां ?"
किन्तु अलफांसे के प्रश्न का कोई भी उत्तर न :देकर वतन ने उसके हाथ में से ट्रांसमीटर ले लिया ।
दूसरी तरफ से ट्रांसमीटर पर विजय की यहीं आवाज गूंज रही थी---" अबे मियां लूमड़ प्यारे क्या हो गया है यार हमारे ? वतन --- वतन कहकर क्यों कहकर चुप क्यों हो गये ?"
"'प्रणाम चचा ?" वतन ने कहा---"मुझे यहां देखकर लूमड़ चचा हैरान रह गये ।"
"हांय ।" दूसरी तरफ से विजयं चौका----बटन प्यारे तुम साले राष्ट्रपति भवन की कमीज से टूटकर यहां कहाँ पहुंच गये ।।"
'" आप भूल गये चचा कि कम से-कम चमन में वतन वहीं पहुच जाता है, जहां उसकी आवश्यकता होती है ।" वतन ने गम्भीर स्वर में कहा-----"रही यह बात कि वतन का कोई किडनैप न कर ले तो क्या आप जवाब देंगे कि --- क्या महान सिंगही वैज्ञानिक नहीं है ?"
"विल्कुल है बटन प्यारे । " विजय की आबाज ----" रूपये में सत्रह आनें है !"
"क्या कभी किसी ने उन्हें क्रिडनैप किया ?"
'"किसी को मरना है क्या ?"
" तो यह समझिये उनके शिष्य को भी किडनैप करने का प्रयास करेगा तो वह अपनी मौत को ही दावत देगा ।"
"लेकिम मियाँ बटन प्यारे तुम यहाँ पहूंच कैसे गए?"बिजय ने पूछा।
"आपने महान सिंगही के शिष्य को मूर्ख समझकर बहुत बड़ी भूल की है चचा ।" वतन ने कहा- आप समझते हैं कि अखबार में स्टेटमेंट देना मेरी मूर्खता थी । हकीकतं है तो यह है कि वह स्टेटमै'ट एक बहुत बड़ी साजिश थी मेरी । उसमें आप भी फंस गये ।"
"क्या मतलब ?"
"मेरी बातों के मतलब उस समय तक समझे मैं नहीं आयेंगे चचा, जव तक कि मैं स्वयं आपको नहीं समझा दूंगा ।" वतन ने कहा-----" बहुत जल्दी ही आपसे मिलूंगा मैं । आपसे बातें करुगा ।"
" -लेकिन यह मामला क्या है वटन प्यारे ?"
"मामला सिर्फ यह है चचा कि कुछ दिनों के लिये दुनिया के इन महान जासूसों के बीच घूम रहा हूं मैं ।" अतन्त गम्भीर स्वर में वतन कह रहा था-----दोस्त और दुश्मन को पहचान चूका हूँ मैं । ऐलान कर दो चचा-दुनिया के महान जासूसों में ऐलान करार दो कि वतन आ रहा है । ढंके की चोट से मदान में आ रह हूँ । किसी में ताकत हो तो पूछ ले मुझसे वेवज एम का फार्मूला ।"
"तुम क्या चाहते हो ?"
यह कि जिस दिन से अखबार में मैंने स्टैटमेंट दिया है, उसी दिन से मेरी और सिर्फ मेरी ही जीत होती चली आई है ।" वतन ने कहा-"कौई भी इस भ्रममें न पड़े कि वह जीत गया है । आप, विकास, लूमड़ अंकल सभी हारे हैं । क्यों-कैसे? इन सब प्रश्नो के उत्तर मैं बाद दुगा ।"
कहने के साथ ही वतन ने सम्बन्ध बिच्छेद कर दिया ।
पलटकऱ अलफांसे और पिशाचऩाथ की ओर देखा ।
वतन बोला--" इस तरह क्यों खड़े हैं चचा , बैठ जाइये ।"
इस बीच अलफासे स्वयं को नियन्त्रित कर चुका था । बोला------"तुम यहाँ कैसे पहुंच गए ।"
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