RE: antervasna चीख उठा हिमालय
साँगपोक के चीखते ही तुगलक की जुबान पर ब्रेक लग गए तो तुरन्त ही नुसरत ने तुगलक से कहा--"ले बेटा, और कर मेरी चुगली । तुझसे पहले ही कहा था साले, कि माई बाप से मेरा बहुत पहला याराना है, तेरे सिखाये में नहीं आयेंगे ।"
"अबे चलचक्की के !" तुगलक ने नुसरत से कहा--" तुझसे पहली मुलाकात तो माई-बाप से मेरी ही है है"
"तुम चूप रहो ।" हवानबी गुर्रा उठा ।
" चुप क्यों नहीं रहता वे तुगलक की दुम ?" फोरन ही नुसरत तुगलक पर बिगड गया---" माई बाप का कहना नहीं मानता ?"
"मैं कहता हूँ, बको मत तुम ।" सांगपोक भूनभुना उठा ।।
"'मैं पहले ही कहता था साले नुसरत कि माई बाप को गुस्सा आ जायेगा "
तुगलक अभी आगे भी कुछ कहना चाहता था किं -----
चटाक............
झन्नाटे के साथ हवानचीं का हाथ उसके गाल से टकराया ।
" ले बेटा । " नुसरत कब चूकने वाला था ----" मैंने पहले ही कहा था कि माई बाप को गुस्सा आ गया तो मार देंगें ।"
नुसरत की बात पूरी होते-होते सांगपोक की ठोकर उसके पेट में लगी । चीखकर दुहरा होगया वह ।
"ले बेटा--अौर बोल ....."
तभी तुगलक के मुंह पर हवानची का घूंसा पडा । वड़ा ही अजीब-सा सिलसिला शुरू हो गया है हवानवी तुगलक को मारता तो नुसरत बोल पडता । सांगपोक नुसरत का मारता तो तुगलक । काफी देरत तक यही क्रम चलता रहा। एक स्थिति ऐसी आई कि दोनों ही चुप हो गए ।
नुसरत के लम्बे बाल पकड़कर झंझोड़ता हुआ सांगपोक बोला-----" अब आई अक्ल टिकाने ?"
" माई बाप...... " नुसरत ने कहा-"बोलने की इजाजत हो तो कुछ कहूं ?"
" मेरी बातों का जबाव दो ।" सांगपोक गुर्राया ।
"मैँ तो आपका खादिम हुं माई बाप-हुक्म करो ।"'
" होश टिकाने आया या नहीं ?"
" मेरे होश तो पहले ही ठिकाने थे माई-बाप !" नुसरत ने कहा-----" बदमाश तो साला ये जामुन की औलाद है । यह भी नहीं देखता कि किसके सामने बोलना है और किसके सामने नहीं । इसे मैं कई बार समझा चुका हैं कि हर आदमी को एक ही लाठी से नहीं हांकना चाहिए । लेकिन ये सुनता ही नहीं है अपने साथ मुझे भी फंसवा देता है । सारी गलती तो इसकी है माई बाप । "
ठीक यही शब्द तुगलक ने हवानची से कहे थे ।
तुगलक ने हबानची को और नुसरत ने सांगपोक को जो जबावं दिया था, वह एफ-दूसरे ने सुना । सांगपोक और
हवानची ने एक-दूसरे को देखा फिर-
सांगपोक ने नूसरत से और हबानची ने तुगलक से एक ही प्रश्न किया…........"इसका मतलब ये हुआ कि तुम बेहोश नहीं हुए थे ?"
कनखियों से तुगलक और नुसरत ने एक-दूसरे को देखा । दोनों एक ही सुर में बोले----" इस तुगलक को कई बार समझाया है कि चचा से…मजाक मत किया करो । चचा हमारे मजाक को समझते नहीं, बुरा मान जाते हैं, लेकिन ये नहीं माना : मजाक ही मजाक में इसने चचा की टांग खींच दी । नतीजा ये कि चचा बुरा मान गए । इसने मुझे भी मरवा दिया, जब हमने देखा कि चचा हमें मार ही डालेंगे तो बेहोशी का नाटक करके अपनी जान बचाई ।" नुसरत ने तुगलक का नाम लिया था और तुगलक ने नुसरत का ।
उत्तर सुनकर सांगपेक और हबानची की दृष्टि मिली ।
सांगपोक ने कहा---"ये हमारा समय नष्ट कर रहे है ।"
फिर हबानची और सांगपोक के हाथ एक साथ चले है दोनों के हाथों की बनी कैरेटें पाकिस्तानी जासूसों की -कनपटियों की नस से टकराई कि एक-दूसरे का नाम लेकर वे फर्श पर गिर गये । अच्छी तरह से तसल्ली करने के उपरान्त कि वे बेहोश हो गए है, सांगपोक ने हबानची से कहा----" जाने पाकिस्तानी कैसे, कैसे रंगरूटों की सीर्केट सर्बिस में भर्ती कर लेते है ।"
" बातों से तो ये मूर्ख किन्तु व्यवहार से चलते-पुर्जे नजर आते हैं ।" कहता हुआ हबानची विकास की तरफ मुड़ा ।
विकास के पीछे बाल पकड़े खडी सिंगसी की तऱफ देखकर बोला-----हमारे पास अधिक समय नहीं है सिंगसी !"
विकास अभी समझ भी नहीं पाया था हबा ची के शब्दों पर सिंगसी क्या प्रतिक्रिया करने वाली है कि पीछे से सिंगसी ने एक जबरदस्त ठोकर इतनी जोर से विकास की कमर पर मारी कि लड़खड़ाकर विकास अभी मुंह के वल गिरने हीं बाला था कि---------------
फटाक से सांगपोक के जूते की ठोकर उसके जवडे़ पर पडी ।
विकास अभी संभल भी नहीं पाया था कि हवानची का घुटना उसके पेट में ।
"अबे अो चीनी चमगादड़ों ।" फर्श पर पड़ा बागारोफ भावावेश में चीख पडा-----"औरतों की तरह गनों के साये में लेकर मेरे शेर के बच्चे को क्या मारते हो ? मर्द की अौलाद हो तो ये गने हटा लो---तब देखो इसका कमाल ।"
" तू चुप रह बूड्ढे ।" बागारोफ के सीने पर पैर रखे चीनी गुर्राया ।"
" बुड्ढा बोलता है गंजे की औलाद ।" दहाड उठा बोगरोफ---" बुड्ढी होगी तेरी मां । अरे सीने पर गन रख, कर क्या गुर्राता है । ये गन हटा ले, बताऊं कि बुड्ढा कौन है ! ऐसी चीख निकलेगी, तरे मुंह से कि चीन में बठा तेरा हरामजादा बाप बहरा हो जाएगा !"
उत्तर मुंह से देने के स्थान पर उसने गन की नाल बागरोफ के सीने मे गाड़ दी ।
विकास-------इस युग का सर्वाधिक खतरनाक लडका !
सांगपोक, हबानची और सिंगसी के त्रिकोण में फंसा हुआ था । विकास कों संभलने का एक भी मौका दिए बिना वे रह रह कर उस पर बार कर रहे थे । बागारोफ चीखे जा रहा था ।
हबा में चकराकर एक चीनी ने अपने दोनों पैरों का प्रहार विकास की छाती पर किया तो विकास चारों खाने चित फर्श पर जा गिरा । गुर्राया-----याद रखना हबानची तेरी लाश कों चीर-फाड़ पिकिंग के किसी चौराहे पर लटकां दूंगा ।"
तभी सांगपोक का बार सहना पड़ा उसे ।
विकास को पिटता देखकर बागरोंफ वेचारा चीखता रहा, चिल्लाता रहा । यहाँ तक रो पड़ा, रोता हुआ बोला…"ये कैसा हरामजादा लड़का है ? देख रहा है कि गनों के साये में हैं, लेकिन चूप नहीं रहता......झुकता नही ।"
इस हद तक उन तीनों ने विकास की धुनाई की कि वह बेहोंश होकर लुढक गया ।
चीन में…क्रिस्टीना ने अभी अभी टेलीविजन बन्द किया था ।।
उसका चेहंरा गंभीर था । रसीले नेत्र बता रहे थे कि वह कुछ सोच रहीं है है स्विच आँफ करके वह पीछे घूमी ।
सोफे पर बैठे विजय को देखा । उसने उस एक पल के लिए विजय के उस चेहरे कों गम्भीर देखा था जिसके विषय में उस ने पिछले चार-बाच दिनों में यह निर्णय कर लिया था कि उस
चेहरे पर गम्भीरता आ ही नहीं सकती ।
" विजय भैया ।" क्रिस्टीना बोली---" क्या सोच रहे हो ?"
विजय सम्हाला स्वंय को, पुन: अपने चेहरे की सामान्य करता हुआ बोला----"बारह तो तुम्हारे चेहरे पर बजे हैं ।"
गम्भीर ही रही क्रिस्टीना, बोली---"गम्भीरता की बात ही है विजय भैया ।चीनियों ने वतन को जला डाला है ।"
" अजी जला डाला है तो तुम्हारी सेहत पर क्या क्या फर्क पड़ता है ?"
"'भैया ।" विजय के समीप अा गई क्रिस्टीना---" वतन से कभी मिली नहीं हूं ।उनकी कहानी सुनी है । अजीब से दर्द में डूबी है उसकी कहानी । कई बार उसके फोटो देखे हैं । एक बार पहले टी . बी . पर भी देखा पा था । कितना सुदंर था वतन और अब........अब-देखा तो उफ-इन जालिमों ने किस तरह जलाकर राख कर दिया है उसे ? कैसा भयानक डरावना और बदसूरत हो गया है वतन !"
"लगता है क्रिस्टीना ! दिल में कहीं दर्द है तुम्हारे "
"क्या मतलब भैया ।"
"सुना है, दिलों में जब मुहब्बत का अचार पकने लगता है तो आंखों से सड़ा हुआ गन्ने का रस निकलने लगता है ।" विजय कहे चला गया…"मुझे लगता है कि वतन का अचार तुम्हारे दिल में पक रहा है ।"
"भैया !" गम्भीर थी क्रिस्टीना---"मुझे गर्व है कि आपका नाम लेकर आपको भैया कहती हूँ मैं । यह भाग्य है मेरा कि आप जैसे महान जासूस को मैं अपना भाई कह सकती हूं । विजय-भैया, महान हैं आप, जो आपने मुझे यह अधिकार दिया । मैं स्पयं नहीं समझ सकती कि मेरा हृदय आपको इतना -सम्मान क्यों देता है ?"
"हमें बनाने की कोशिश मत करो क्रिस्टी ! इन बातों में वतन की बात को घुमाने की चेष्टा मत करो ।"
हल्के से मुस्काई क्रिस्टीना--- बोली--- " आप मेरी बातों में कहां आयेंगे । "
'‘बिरुकुल नहीं आयेंगे ।" अपने ही अन्दाज में विजय ने कहा---" और जनाब आने की ही क्या बात है, हम तो जायेंगे भी नहीं । ताड़ने बाले कयामत की नजर रखते हैं ।
बोलो---" तुम यहाँ वतन की मुहब्बत के बताशों में आलू-पाना भर रही हो न ।" "ऐसी तो कोई बात नहीं है ।" क्रिस्टीना ने कहा चाहा ।
किन्तु विजय कहां मानने बाला था, बोला… " झूठ काला, सफेद, हरा, नीला पीला झूठ ।"
-"'भैया पुनः गम्बीर हो गई क्रिस्टीना----"ऐसी बात नहीं है । बतन मिली नहीं हूँ, उसकी कहानी जानी है, उसकी तस्वीर देखी है । उत्कंठा है उसे देखने की । कैसा होगा वह ? कैसा लगता होगा ? कैसा होगा वतन, जिसने आठ वर्ष की उम्र में जिम का कत्ल कर डाला ? पूरे अमेरिका को झुकाकर जो आज चमन का राजा बन बैठा, अभी विजय कुछ कहनां ही चाहता थां कि लॉकेट रूपी ट्रांसमीटर स्पाक्क करने लगा ।
शीध्रता से आन कर , ट्रासंमीटर को मुंह के करीब ले जाकर बोला ---" हेलो प्यारे बर्फ की सिल्ली ! मैं बोल रही हूं गिल्ली ।"
" मैं डण्डा बोल रहा हूं जासूस प्यारे ।" दूसरी तरफ से अलफांसे की आबाज उभरी ।
" गुच्चिक कहां है ?" विजय ने पूछा ।
"अभी अभी उसे तुमने टीबी पर देखा होगा ।'" अलफांसे की आवाज आई----"देखा ना भी हो तो सुन अवश्य लिया होगा कि वतन विश्व भर के टीवीज पर बोला है ।"
" देखा भी है और सुना भी है प्यारे लूमड़ खान ।" विजय ने कहा-पूछ रहे हैं खाकर बनॉरसी पान कि तुम वहां क्या कर रहे हो लगाकर ध्यान ?"
"जिस वतन को तुमने अभी अभी टीबी पर देखा है, वह वतन नहीं जासूस प्यारे, जले हुए वतन के रुप में पिचासनाथ था ।"
" अमां ये तुम क्या कह रहे हो, लूमड़ भाई ?"
" मुझे आश्चर्य है कि बात तुम्हारी समझ मैं क्यों नहीं आई ?" दूसरी तरफ से अलफांसे ने तुक मिलाई------वतन निश्चय कर चुका है कि इस बार उसे चीन में तबाही मचानी है । " मुझे आश्चर्य है कि बात तुम्हारी समझ मैं क्यों नहीं आई ?" दूसरी तरफ से अलफांसे ने तुक मिलाई------वतन निश्चय कर चुका है कि इस बार उसे चीन में तबाही मचानी है ।---------- तुम समझ सकते हो कि वतन एक स्वतन्त्र देश का राजा है । अगर वह ऐसा कुछ करेगा तो आतर्राष्ट्रीय अदालत में मुजरिंम साबित हो जाएगा । जो कुछ उसने करने की ठानी है, वह उसी दौरान करेगा, जिसमें जला वतन बना के
पिशाचनाथ चमन में ठीक होने के लिए पडा़ है । टीबी पर पर जो शब्द उसने कहे, वे भी उसी योजना के अंग हैं ।"
"अमां मियां लूमड़ खान, यह तो पता लगे कि वह योजना क्या है ?" उत्तर में अलकांसे ने सब कुछ बता दिया ।
सुनने के बाद विजय ने कहा--लेकिन प्यारे वतन को चीन ही से क्या दुश्मनी है ?"
" क्योकि उसे पता लग चुका है कि उसका फार्मूला चीनी जासूसों के हाथ लग गया है ।''
चौका विजय, बोला----क्या कह रहे तो लूमड़ भाई जो बात साली हमें नहीं पता वह उस साले बटन को पता है ?"
""बिकास मैदान में कूदने से बाज नहीं आया विजय ।"
"क्या मतलब ?"
" मतलब ये कि हैरी को विकास ने गिरफ्तार कर लिया ।" अलफांसे ने बताया-"वह अभी तक मेरी कैद में है।। विकास स्वयं हैरी बनकर वतन की प्रयोगशाला में गया । फार्मुला चुराया । हैरी बनकर जैकी से मिला ।"
" फिर ?"
"उसके बाद की कहानी मुझे अभी-अभी विकास ने ट्रांसमीटर पर बताई है ।"
"क्या कहानी ?"
"सुनो विजय ।" अलफांसे बताने लगा,""मैंने विकास को बहुंत रोका, वहुत समझाया कि फिलहाल वह भी हमारी तरह ही आराम से बैठकर तमाशा देखे लेकिन वह नहीं माना,
इस विषय में विकास के बारे में मुझसे ज्यादा तुम जानते हो, वह जो करने की ठान लेगा, करेगा । किसी के रोकने से रुकेगा नहीं । मैंने भी उसे खूब रोका, लेकिन बोला कि-- घुस कर तमाशा देखने में कुछ और ही मजा आता है ।परिणाम यह कि वह घुस गया । सिर्फ यहां तक मुझे पता लगा कि वह फिल्मों सहित हैरी बना जैकी के साथ हैलीकॉप्टर में जा बैठा, बाद में यह भी सूचना मिली कि वह हैलीकॉप्टर " किसी पहाडी से टकराकर नष्ट हो गया, । मैं यहां विकास की कोई भी सूचना पाने के लिए व्यग्र रहृा । इस बीच, वतन से बातें हुई । पिशाचनाथ को बतन बना कर उसकी योजना कार्यान्वित की । अभी कुछ देर पहले ट्रांसमीटर पर विकास ने मुझ से सम्बन्ध स्थापित्त किया।"
" क्या ?"
"कहता था कि वह एक जलपोत से बोल-रहा है ।"
"जलपोत ?" विजय हल्के से चौका ।
" हां ।" अलफांसे ने कहा--"उसके साथ जो भी कुछ हुआ, उसमें संक्षेप-में मुझे बताया । उसका कहना है कि
जैकी के रूप में वाण्ड था । पहले बाण्ड से उसका टकराव हुआ ।" इत्यादि सब कुछ बताने के बाद अलफांसे ने कहा…उसने बताया कि इस समय वह एक चीनी जलपोत से बोल रहा है । यह जलपोत उसे, जेम्स बाण्ड, बागारोफ, नुसरत और तुगलक को लिए पिकिंग की तरफ़ बढ रहा है । फिल्में इम समय सांगपोकं इत्यादि के कब्जे में हैं । विकास का कहना है कि उन्हें जलपोत में इस प्रकार कैद किया गया है कि फिलहाल वे कुछ भी करने में समर्थ नहीं है ।"
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