RE: antervasna चीख उठा हिमालय
"सीकेंट सर्विस के माध्यम से तुम्हें अपनी सरकार से मांग करनी चाहिए !" बाण्ड ने कहा… "तुम्हें दलील देनी चाहिए कि अखबार कुछ इस तंरह विकास का टैरर जनता में फैलाते हैं कि साधारण जनता विकास के विषय में कुछ बताते हुए डरती है और तुम्हें परेशानी होती है, इत्यादि ।"
"इस विषय पर मैं स्वयं सोच रहा था !" पोक ने कहा…"लेकिंन यहां हमारी बातों का विषय है कि हम सव को मिलकर बिकास, वतन और विजय का मुकाबंना करना है । आज दिन में मैंने अपने चीफ से बातें कर ली हैऔर उन्होंने एक ऐसा आश्वासन दिया है जिससे हमारी दोस्ती और मजबूत होगी !"
" कैसा आश्वासन ?"
" "यह कि अगर आप उनके खिलाफ हमारी मदद करें तो हमारा देश आपके देश को वतन के दोनों फार्मूलों की नकल दे देगा ।"
एक क्षण ध्यान से सांगपोक के चेहरे को देखने के बाद बाण्ड ने 'कहा-१…"अगर ये सच है तो हम तुम्हारी मदद के लिए तयार हैं ।"
" गुड !" पोक ने कहा ----"अब, एक बार… सिर्फ यह पता लग जाये कि चीन में वे लौग हैं कहां ?" इस बार हमारा प्रयास ये होगा कि उनमें से किसी की लाश भी चीन से बाहर न जा सके । हम दुनिया से उनका ड़र हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहते हैं !"
"क्या मैं भी आप लोगों का दोस्त बन सकता हूँ ?"
एक नई आवाज ने सबको चौका दिया ।
पलटकर सभी ने दरबाजे की तरफ देखा । दरबाजे पर हैरी मुस्करा रहा था !
" हैरी !" पोक एकंदम खड़ा हो गया----"तुम यहां कैसे पहुंच गए?"
" किसी भी जासूस के लिए कही भी पहुंच जाना शायद बहुत आश्चर्य की बात नही है !" कमरे में प्रविष्टि होता हुआ हैरी बाला--"संर्वप्रपम वतन की प्रयोगशाला में प्रविषट होने वाला मैं ही था , किन्तु विकास ने चमन में ही मुझे कैद कर लिया ! मेरे मेकअप में उसने स्वयं फिल्में गायब की । मुझे अलफांसे की सुरक्षा में कैद कर लिया गया ! किसी प्रकार मैं उसकी कैद से भांग निकला ! सबकुछ पता लगाया। यह भी पता लगाया कि डैडी के मेकअप मे मुझे लेने बाण्ड अकंल अकेले चमन आए थे , फिल्मों के चीन तक पहुचने की सारी कहानी पता लगी । लिहाजा मैं यहां अागया । फिल्मों का पता के चक्कंर में ही तुम्हारा पीछा कर रहा था कि तुम्हारी बातें सुनी । सोचा कि मैं भी दोस्त बनकर उस फार्मुले की नकल अपने देश तक पहुचा दू तो उचित रहेगा । यही सोच- मैं सामने आगया । "
--"तुमने बहुत अच्छा किया है हमारे बीच तुम्हारी ही कमी थी ।" पोक ने कहा…" भारत और रूस, चीन और अमेरिका के हमेशा ही खिलाफ रहे है है । इस अभियान में भी , उन दोनों देशों के जासूस मिलकर काम कर रहे हैं । हमें भी एकजुट होकर उनका मुकाबला करना चाहिए ।"
-"तुम्हारा यह प्रस्ताब पसन्दआया तभी तो मैं सामने आया ।" हैरी ने कहा…वर्ना एक दुश्मन जैसे ढंग से फिल्में प्राप्त करने के लिए मैं तुम्हारा पीछा कर रहा था । अगर तुम, अमेरिका को भी उस फार्मू्ले की नकल देने, के लिए तैयार हो तो मैं तुम्हारे साथ आ सकता हूं !"
जेम्स बाण्ड, जो हैरी के आगमन पर अभी तक कुछ नहीं बोला था । वह चुपचाप बहुत ध्यान से हैरी का चेहरा देखे जा रहा था ।। इधर सांगपोक हैरी से कह रहा था----हमारी सरकार ने अपने. मित्र राष्ट्रों को नकल देने का निश्चय कर लिया है ।"
इससे पूर्व कि हैरी कुछ बोले, जेम्स बाण्ड ने कहा-----" तुमसे कोई भी समझौता करने से पूर्व मैं कुछ बातें करना चाहता हूं हैरी?"
" जरूर कीजिए अंकल !"
"ये तो तुम्हें मालूम है ही कि चीन में इसं समय, विजय, विकास, वतन इत्यादि मौजूद है और वे......."
" कोई भी मेकअप कर लेने के मामले में उस्ताद है ।"
मुस्करते हुए हैरी ने बात पुरी की ---" सही भी है । आपको इस तरह अचानक मुझ पर विश्वास भी नहीं करना चहिए ।। जिस तरह भी अाप चाहे अपनी तसल्ली कर सकते हैं ।"
" इस प्रकार बाण्ड ने हर प्रकार से जांच की और पाया कि हैरी ही है तो बोला--"बैठ जाओ ।"
फिर उनके बीच इस विषय को लेकर बार्तालाप होने लगाकि विजय, विकास, वतन और बागारोफ से किस प्रकार निपटा जाये ।। पहले तो यंही प्रश्न उठा कि यह कैसे पता लगे कि इतने वडे़ चीन में वे हैं कहां ?
किन्तु पता लगाने का कोई उचित तरीका उनके दिमाग में नहीं आया । तब हैरी ने कहा----" वे लोग चीन में हैं और जब तक चुपचाप बैठे हैं, तब तक तो किसी भी प्रकार उनके ठिकाने का पता लग ही नहीं सकता। किंतु हां यह एक स्वाभाविक-सी बात है कि वे यहाँ चूप नहीं बैठेगे ।। बात अगर सिर्फ विजय अंकल की होती तो यह सोचा जा सकता था कि वे दिमाग से काम लेंगे और उसी समय कोई हरकत करेंगे' जब उन्हें पता सग जायेगा कि फिल्में कहां है ,, किंतु न विकास शांति से बैठने वाला है, न वतन । वे अवश्य ही कोई हंगामा करेंगे । बस, उनके मैदान में अाते ही हमारा काम आसान हो जायेगा ।'"
’इस प्रकार की बातों के पशचात् बारह बजे यह मीटिंग समाप्त हुई ।
सांगपोक ने हैरी के रहने का प्रबंध भी हाउस में कर दिया ।।
रात के करीब दो बजे के करीब सांगपोक अपने बिस्तर पर लेटा । लेटते ही अपने जिस्म में उसे कुछ खुजली सी महसूस हुई । फिर वह अपने जिस्म की बुरी तरह खुजलाने लगा ।
" हम खुजलां दें पोक बेटे !"' इस एक आबाज ने उसके सारे शरीर को जडवत् सा कर दिया ।
उसने देखा-दखते ही रोंगटे खड़े हो गए उसके । पर्दे के पीछे से विकास प्रकट हुआ था !
बेड पर से उछलकृर वह फर्श पर खड़ा हुअा तो बेड के नीचे छूपे किसी व्यक्ति, ने उसकी दोंनों टागें पकड़कर खींच दी । धड़ाम से मुंह के बल बह फर्श पर गिरा ।
अगले ही पल बेड के समीप वतन खडा हुया था-सफैद कपडे, आखों पर काला चश्मा, हाथ में छड़ी ।
जबरदस्त फुर्ती के साथ पुन: उठकर खड़ा हो क्या था सांगपोक ।
उसने देखा…दो तरफ से घिरा हुआ था वह ।
** दोनों तरफ बराबर की लम्बाइयों वाले लड़के । मानो कामदेवों ने एकाएक यमराज का रूप धारण कर लिया हो । सांगपोक उनके बीच स्वयं को नर्वस सा महसूस कर रहा था ।
उसके जिस्म में खुजली उठी और पागलों की तरह खुजाने लगा ।
वतन और विकास ठहाके लगाकर हंसने लगे ।
सांगपोक के मुंह से खून बहने लगा था । अपने जिस्म को पागलों की तरह वह नोचे चला जा रहा था ।
फिर वतन ने छड़ी में से मुगदर निकाला । झन्नाता हुआ एक बार उसने सागपोक की छाती पर किया, मुंह के बल गिरा तो विकास की ठोकर सहनी पडी़ ।
इस प्रकार-सागपोक पर दोनों ही पिल पड़े । उनमें है किसी ने भी सांगपोक को सम्हालने का मौका नहीं दिया । एक तो वह स्वयं ही खुजली से परेशान था ,ऊपर में उन्होंने उसे दबोच लिया । पोक कुछ भी न कर सका । मारते-मारते विकास ओर बतन ने उसे अधमरा कर दिया ।
अन्त में रोते-गिडगिडाते पोक को वतन ने पंखे पर उल्टा लटकाया और पूछा कि फिल्मे कहां है ? पोक ने जवाय नहीं दिया तो राक्षस बन गया विकास है ब्लेड निकाल कर उसने
पोक की सारी खाल नोंच डाली । नाखूनों की जडें काट दीं । कान काट लिए । माथे पर अपना नाम लिख दिया ।।
बेहोश होने से पूर्व पोक ने उन्हें बताया कि फिल्में उसने अपने चीफ को दे दी हैं । बस, इससे आगे फिल्मों के विषय में उसे कुछ पता नहीं है । विकास को क्या पता था कि वह बेचारा सच बोल रहा है ? वह तो यही समझा कि पोक असलियत छुपा रहा है अत: उसकी और अधिक खातिरदारी करने लगा ।
उस समय विकास को यकीन हो गया कि पोक ने वह बता दिया है, जव पिटता पिटता पोक मृत्यु से कुछ ही दूर रह गया !
फिर उसकी कोठी के मुख्यद्वार के बीच पोक के बेहोश शरीर को वे उलटा लटकाकर चले गये ।
अगली सुबह पूर्ण चीन में आतंक छाया हुआ था ।
अखबारों के कॉलम विकास और वतन के नामों से रंगे पडे़ थे !
अपनी कोठी के मुख्यद्वार पर न सिर्फ पोक का जिस्म उल्टा लटका पाया था, बल्कि करीब-करीब उसी स्थिति में सिंगसी और पचास सैनिक अधिकारियों के जिस्म पाये गये थे ।
चीन में इस प्रकार का आतंक जैसा किसी छोटे-से गांव में शेर के प्रविष्ट हो जाने पर फैल गया हो !!
उसी सुबह क्रिस्टीना के ड्राइंगरूम में बैठा विजय कह रहा था… तुम साले मानोगे नहीं, भला रात यह सब करने से फायदा क्या हुया ?"
"अबे चुप रह चटनी के, बच्चों को करने दे जो कर रहे हैं !"
"चचा, तुम भी इन्हें समझाने से तो गए, शै देते हो है" विजय ने कहा !
इससे पूर्व किह बागरोफ कुछ बोले, गम्भीर स्वर में वतन ने कहा-"क्रिस्टीना ने मुझे सब कुछ बता दिया है चचा ! मैं और विकास -यह समझते रहे कि हम दोनों रात को तुम्हें धोखा देकर यहां से निकल गए थे, मगर वास्तविकता ये थी की अाप न सिर्फ जाग रहे थे, वल्कि जहां-जहा हम गए वहां आप भी हमारे पीछे गये थे और हमसे पहले यहां आकर पुन: सौने का नाटक किया ।"
--'"अबे तो और क्या करता ?" विजय भडंक उठा -----"हमने तो सालो तुम्हारी सुरक्षा का ही ठेका ले लिया है !"
इससे पूर्व कि विजय की इस बात का कोई जवाब दे पाता, दरवाजे पर दस्तक हुई । 'सव एकदम चुप हो गए ।
क्रिस्टीना ने पूछा…"कोन है ?"
"लैला का मजनू ।" बाहर से आवाज आई ।
'"लूमड़ !" कहकर विजय अपने स्थान से उठा और झपटकर दरवाजा खोल दिया । सामने देखा, तो हैरी खड़ा था । जहां हैरी को देखकर विजय भौचका रह गया, वहाँ क्रिस्टीना, बागारोफ और विकास के रिर्वाल्बर बाहर आ गये ।
इससे पूर्व कि कोई कुछ हरकत कर पाता, दरवाजे पर खडे हैरी के मुंह से अलकांसे का स्वर निकला---- " चेहरा हैरी का जरूर है, लेकिन हूँ मैं अलफांसे । इस रूप में मैंने अलकांसे की कैद से फरार होने का नाटक रचा है और दुश्मनों का दोस्त बन बैठा हूं ।"
उसे कमरे के अन्दर लेकर दरवाजा पुन: बन्द कर लिया गया ।
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