RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
सुबह सुनीता की नींद खुलती है, और वो खाट पर से उठ कर कमरे जाती है , और सुनहरी को उठाती है॥
सुनीता-- उठो दिदी,
सुनहरी की नींद खुलती है, उठते ही सुनीता और सुनहरी घर के कामो में लग जाते है, सुनहरी घर के आंगन में झाड़ू लगाते लगाते कल रात के बारे में ही सोच रही थी, उसकी एक तरफ़ की चुचीं अभी दर्द कर रही थी,
सुनहरी मन मे-- मुए ने ऐसा मसला है की अभी तक दर्द कर रहा है, और हल्की सी मुस्कान उसके चेहरे पर दौड़ जाती है,
दिन का सुरज निकलता है , लेकीन सोनू अभी तक सो रहा था,
सुनीता-- कस्तुरी....जरा सोनू को उठा दे, कब तक सोयेगा॥
कस्तुरी सोनू को उठाने जाती है,
कस्तुरी-- उठ जा सोनू बेटा, सुरज चढ़ गया तू अभी तक सो रहा है,
सोनू अपनी आंख मिजते हुए उठ जाता है, उठते ही उसकी नज़र बड़ी अम्मा को ढुंढ़ने लगती है,
सुनीता-- अब बैठा ही रहेगा या, उठेगा भी खेत नही जाना है क्या? तेरे बड़े पापा तेरा इंतजार करते होगें,
तब तक आवाज़ आती है अरे क्यूं परेशान कर रही है मेरे बेटे को, सोनू नज़र घुमा कर देखता है, ये और कोइ नही उसकी बड़ी अम्मा थी,
सोनू की नज़र जैसे ही सुनहरी से ट्कराती है, सुनहरी का चेहरा शरम से लाल हो जाती है,
सुनीता-- देखो ना दिदी वहा बड़े भैया इसकी राह देख रहे होगें और ये अभी तक खाट पर से भी नही उठा,
सुनहरी-- अरे तू भी ना, उठ तो गया है, क्या उठते ही भागा जाये क्या?
सुनहरी-- चल बेटा, हाथ मुह धो ले, फीर खेत जाना,
सोनू उठकर बाहर हैडपंप पर मुह हाथ धोने चला जाता है।
भैया आज मैं भी खेत मे चलूंगा आप के साथ, सोनू जैसे ही नज़र घुमाता है उसके सामने राजू खड़ा था,
सोनू-- ठीक है चल,
हाथ मुह धोने के बाद दोनो खेत की तरफ नीकल देते है,
दोनो जैसे ही खेत में पहुचतें है, रजिंदर अपने दोस्त सोहन के साथ चिलम सुलगा कर बैठा था,
सोहन-- अरे बेटा, आ गये हम लोग तेरा ही इतंजार कर रहे थे,
रजिदंर-- अच्छा सोहन मैं घर चलता हू,
सोहन-- ठीक है,
रजिदंर-- अरे राजू तू यहां क्या कर रहा है, तुझे आज तेरे मामा के यहा जाना है,
राजू-- पापा मेरा मन नही कर रहा तुम चले जाओ,
रजिदंर-- अरे बेटा आज मुझे शहर जाना है, खेतो में खाद छिटना है, तू ही चला जा,
सोनू-- हा राजू चला जा तू ही,
राजू-- ठीक है भैया, और कहकर अपने पापा के साथ वापस घर की तरफ चला जाता है,
खेत के बिच बने झोपड़े में सोहन और सोनू खाट पर बैठे थे,
सोनू-- और बताओ काका कैसे हो,
सोहन-- ठीक हू बेटा, तूम कैसे हो।
सोनू-- मैं तो ठीक हू काका, लेकीन आपसे कुछ बात पुछनी थी!
सोहन-- हा पुछों बेटा।
सोनू-- काका आपने शादी क्यूं नही की लगभग 35 साल की उमर होगी आपकी,
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