RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
धिरे धिरे दिन बितता है, दोपहर को सुनीता खाना ले कर आती है,
सुनीता-- सिर्फ बैठा है या खेत का पानी भी देख रहा है,
सोनू- देख तो रहा हूं मा...
सुनीता-- चल ठीक है मै जा रही हू रात को खाना ले कर आउगीं तो ये थाली ये कर जाउगीं
सोनू-- ठीक है मां,
सुनीता चली जाती है, सोनू खाना खा कर ऐक बिड़ी सुलगाता है और पिने लगता है, उसे बस रात का इतंजार था, क्यूकीं आज वो सोहन की हालत पतली करने वाला था, सोनू एक नम्बर का वहसी जो था...
धिरे धिरे दिन निकलता है और रात अपनी चादर ओढ़ने लगती है, ठंडी भी तुफान पे था, कोहरे की वजह से हाथ तक नही दिख रहा था,
सोनू उठता है और खेत की तरफ बढ़ चलता है, ऐक खेत से दुसरे खेत मे पानी का पाइप लगा कर वो वापस आता है तो उसकी मां सुनीता खाना लेकर आइ थी।
सुनीता--हे भगवान कितनी ठंडी है, तू भी खाना खाकर चुपचाप सो जाना बाहर मत निकलना वरना ठंड लग जायेगी,
सोनू--ठीक है मां॥
सुनीता-- चल मै जाती हूं, जाते जाते समय लग जायेगा।
सोनू-- ठीक है मां,
फीर सुनीता चली जाती है........
सोनू खाना खाकर जैसे ही उठता है सोहन आ जाता है,
सोनू-- आ गया मेरी जान,
सोहन -- आप बाहर जाओ मुझे तैयार होना है,
सोनू झोपड़े के बाहर चला जाता है, और एक बिड़ी सुलगा कर पिने लगता है, करीब आधे घंटे बाद सोहन झोपड़े में जाता है तो देखता है सोहन दुल्हन के जोड़े में खाट पर बैढी थी, सोनू का लंड झटका मारने लगता है,
सोनू झोपड़े की फटकी अंदर से बंद कर के सिधा खाट पर चढ़ जाता है,
सोनू सोहन का घुंघट उठाता है, वो वैसे सजा था जैसे कोई दुल्हन सजती है,
सोनू-- क्या बात है सोनी कयामत लग रही है,
सोहन शरमा जाता है, सोनू उसे बाहो में लेकर खाट पर लेट जाता है,
सोनू सोहन के होठो को चुसने लगता है, सोहन भी उसका साथ देने लगता है, सोनू के उपर हवस सवार होने लगा था, वो सोहन के मुह मे अपना पुरा जुबान डाल देता, जिससे सोहन भी मस्त हो जाता,
सोनू सोहन के होठो को निचोड़ निचोड़ कर चुस रहा था, फिर सोनू उसके होठो छोड़ देता है,
सोनू सोहन की साड़ी उतार देता है, सोनू लाल कलर की पेटीं और ब्रा पहने हुए था, उसकी छोटी मगर कसी चुचीयां देख कर वो पागल हो जाता है, वो उठ कर कोने मे पड़ी छोटी छोटी रस्सीया ले कर आता है, और सोहन के हाथ पावं खाट से बांध देता है,
सोहन-- खाट मे बंधा, क्या इरादा है जी,
सोनू-- तूझे हिंजड़े से औरत बनाने का इरादा है,
सोहन-- आप बहुत बेरहम है,
सोनू अपने कपड़े उतार देता है, उसका 9 इचं का बहुत मोटा लंड ही देखने में भयानक लग रहा था, उसके लंड की नसे इतनी मेटी थी की देखने में आकर्षक लग रहा था,
सोहन-- हे भगवान, इसांन का है की घोड़े का,
सोनू अपने लंड को आगे पिछे करते हुए, जब तेरी गांड का सुराख खुलेगा तो तू ही बताना मादरचोद, और सोहन के उपर चड़ जाता है,
वो सोहन के होठो को अपने मुह में भर लेता है, लेकीन इस बार चुसने के लिये नही बल्की काटने के लिये,
वो सोहन के होठो को अपने दातो से पकड़ कर काटने लगता है,
सोहन छटपटाने लगता है, लेकीन उसके हाथं पांव तो बधें हुए थे,
सोहन--उ...उ...उ की आवाज़ निकलने लगती है, उसे नही पता था की वो सच में एक बेरहम इसांन के निचे है,
सोहन के होठो से अब खुन निकलने लगा था,
सोनू सोहन के होठो को जैसे ही छोड़ता है,
सोहन-- आह मां, दर्द हो रहा है...
सोनू सोहन की ब्रा ऐक झटके में फ़ाड़ देता है, और उसकी चुचीयो को अपने मुह में लेकर जोर जोर से चुसने लगता है, जिससे सोहन को मज़ा आने लगता है....,
सोनू सोहन के छोटे से निप्पल को अपने दातो से कस कर दबा लेता है और उसे अपर की तरह खीचनें लगता है,
सोहन--आ......आ......इ.......इ.....या...दर....द...हो....रहा...है,
लेकीन सोनू अपनी मस्ती में मस्त उसके निप्पल को काट कर खुन निकाल ही देता है,
सोनू-- आह साले मज़ा आ गया,
सोहन अभी भी रो रहा था...।
सोनू उसके हाथ पांव खोल देता है,
सोनू-- चल उठ जा भोसड़ी,
सोहन उठ जाता है, और सोनू खाट पर लेट जाता है,
सोनू अपना लंड खड़े हुऐ-- देख क्या रहा है, चल चुस..साले
सोहन खाट पर आ जाता है, और सोनू का लंड हाथ मे पकड़ कर मुह मे डालता है, देखने लायक नज़ारा था सोहन अपना मुह पुरा फाड़ कर सोनू का लंड चूस रहा था, चुस क्या रहा था मुह में आगे पिछे कर रहा था,
सोनू-- हां हां हां हसने लगता है, क्यूं बहुत मोटा है क्यां
सोहन हां में सर हिलाता है,
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