RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
रास्ते में चलते चलते अचानक से बारीश होने लगती है, वो भागकर जल्दी से सोहन के घर मे घुस जाता है,
सोहन घर पर लेटा हुआ था, उसने जैसे ही सोनू को देखा उसकी आखो में चमक आ गयी,
सोहन-- क्या बात है, आज मेरे राजा को मेरे घर की याद कैसे आ गयी,
सोनू-- सोनी मेरी जान तेरे घर की नही, तेरी गांड की याद आ गयी,
सोहन-- हाय रे, परसो रात भर मेरी गांड मार कर मन नही भरा,
सोनू-- तेरी गांड से मन नही भरेगा रे, साले और खाट पर लेट जाता है,
सोहन-- अपने कपड़े उतार कर नंगा हो जाता है, और सोनू का पैटं निचे खीसका देता है,
अब सोहन जैसे ही, सोनू की चड्ढ़ी खीसकाता है, उसका मोटा लंड फनफनाने लगता है,
सोनू का लंड सोहन चुसने लगता है, तभी अचानक से घर का दरवाजा खुलता है, सामने मालती अपने हाथो में कपड़े लिये खड़ी थी, वो पूरी भीग गयी थी, मालती को देख दोनो के रंग उड़ जाते है,
मालती--हाय राम ये क्या कर रहे हो आप लोग,
सोहन उठ कर दरवाजा बंद कर देता है,
सोहन--देख म...मालती, तू कीसी को कुछ बताना मत,
मालती-- अरे सोहन भाइ, सोनू तो अभी बच्चा है, कम से कम आप तो समझते थे,
सोहन-- मालती देख, मै मर्द नही हू, बल्की एक हिंजड़ा हू,
मालती अपनी नज़र निचे सोहन के लंड पर गड़ाती है. तो हैरान हो जाती है,
मालती-- थोड़ा हसते हुए, हा रे तु तो सच में,
सोहन--तो तू ही बता, सब मजे करते है, थोड़ा सा मैने कर लीया तो क्या गलत कीया,
मालती-- अच्छा ठीक है, मैं कीसी को नही बताउगीं, और सोनू के लंड की तरफ देखने लगती है,
मालती-- अरे सोनू अब अपना वो तोपेगा भी,
सोनू-- मालती काकी एक बार कर लू, फिर तोपूगा॥
मालती-- हे भगवान तू कीतना बिगड़ गया चल तेरी मां को बताती हू,
सोनू--ठीक है काकी , बता देना पहले दरवाजा तो बंद कर दे,
मालती-- मुझे जाने दे, फीर जो करना है वो करना,
सोनू--तो फीर जा ना काकी,
मालती-- देख नही रहा बारीश हो रही है,
सोनू-- तो ठीक है तू बारिश रुकने का इतजांर कर, तब तक मै, इसे लेता हु।
मालती-- कीतना कमीना है,
सोनू-- चल आ जा साले, और चुस इसे।
सोहन फट से खाट पर चढ़ जाता है, और सोनू के लंड को अपने मुह में डालकर चुसने लगता है,
मालती चुपके चुपके उन दोनो को देख रही थी, मालती की आंखे तब फटती है जब सोनू का सोया लंड अपने आकार में आता है,
मालती मन मे-- हे भगवान, इसका लंड है या घोड़े का,
सोनू को पता था की मालती ये सब बगल नजरो से देख रही है,
सोनू-- चुस साले, मादरचोद, हा ऐसे ही चुस मजा आ रहा है, भोसड़ी के,
सोहन और जोर से लंड चुसने लगता है,
अब मालती की भी हालत खराब होने लगी थी, मालती की बुर भी फड़फड़ाने लगी थी,
सोनू-- चल भोसड़ी, गांड खोल और झुक जा,
सोहन ने खाट पकड़ कर अपनी गाडं पीछे की तरफ उठा दीया,
सोनू सोहन के पिछे आता है, और उसके गांड पर जोर का थप्पड़ मारता है,
सोनू-- मालती काकी देख मैं इसकी गांड कैसे मारता हू,
मालती-- मुझे नही देखना, तू ही कर ऐसे गंदे काम,
सोनू-- अच्छा थोड़ा अपने मुह में ले के गीला कर दे इसे, नही तो इसे बहुत तकलीफ होगी,
मालती-- मै भल क्यूं मुह में लेने लगी,
सोनू-- सोनी मेरी जान, तू कुछ बोलेगा या, डालू तेरे गांड मे,
सोहन-- मालती गीला कर दे, नही तो बड़ी बे रहमी से गांड मारेगा ये,
मालती-- मैं नही लूगीं इसका मोटा मुसल,
सोहन--मालती मेरे खातीर एक बार डाल ले ना मुह में,
मालती-- नही मैं नही लूगीं,
सोनू सोहन के गांड पर एक थप्पड़ लगाता हुआ अपना लंड उसके गांड के सुराख पर रख देता है, और उसकी कमर पकड़े जोर का धक्का मारता है, और पुरा लंड सरसराता घुस जाता है,
सोहन चिल्लाते हुए खाट पर गिर जाता है, लेकीन सोनू उसके उपर चढ़ जातअ है, और जोर जोर से उसकी गांड मारने लगता है,
|