RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
फातीमां कमरें में जाती है , तो देखती है सोनू खाट पर लेटा हुआ था।
फातीमा-- नीदं आ रही है क्यां सोनू बेटा?
सोनू-- नही काकी, बस ऐसे ही लेटा था।
फातीमां एक लाल कलर की सलवार कमीज पहने हुइ थी। उसके सलवार में उसकी गांड काफी कसी हुइ थी, सोनू की नजर जैसे ही उसकी बड़ी बड़ी और कसी हुइ गांड पर पड़ती है। उसका लंड सलामी देने लगता है।
तभी फातीमा सोनू के बगल में बैठ जाती है, और अपना दुपट्टा हटा कर खाट पर रख देती है।
सोनू के सामने उसकी बड़ी बड़ी गोल चुचींया जो की कमीज में से आजाद होने को चाहती थी देख कर सोनू मस्त हो जाता है।
सोनू की नज़र अभी भी उसकी चुचींयो को ही घुर रही थी।
फातीमां-- क्या देख रहा है सोनू बेटा।
सोनू (भोलू बनते हुए)-- ये आपकी कीतनी बड़ी बड़ी है।
फातीमा-- क्या बड़ी बड़ी है? बेटा
सोनू फातीमां के चुचीयों की तरफ इशारा करते हुए।
फातीमा-- अच्छा मेरी इसकी बात कर रहा है। क्यूं तुझे अच्छी नही लगी?
सोनू-- अच्छी है काकी।
फातीमा-- जब तेरी शादी होगी ना तो तेरी औरत की भी ऐसी ही होगी।
सोनू-- काकी लोग शादी करते है। तो बच्चा पैदा हो जाता है वो कैसे?
फातीमा को पता था की ये अनाड़ी है। और वैसे भी यही सब सीखाने तो सुनीता ने इसे भेजा है॥
फातीमा-- अरे सोनू बेटा सीर्फ शादी करने से बच्चे पैदा नही होते। बल्की कुछ और करना होता है।
सोनू(मन में)-- काकी आज तो तू गयी।
सोनू-- और क्या करना होता है?
फातीमा-- तुझे पता है आज जब तेरी भैंस गरम थी, तब तू उसे भानू के सांड के पास ले गया था।
सोनू-- हां काकी, पता है।
फातीमा-- तो सांड ने क्या कीया?
सोनू-- वो अपना बड़ा सा पता नही क्या नीकाला और भैसं के पीछे डाल कर धक्का मारने लगा।
फातीमा-- हां बेटा, वैसे ही जम मर्द औरत के अंदर डालकर धक्का मारता है। तब वो गर्भवती होती है।
लेकीन उससे पहले औरत को भी गरम करना पड़ता है।
सोनू--काकी ये औरत गरम कैसे होती है,
अंदर कमये में से नजारा देख रही सुनीता , कस्तुरी और अनिता।
कस्तुरी- अब बताओ फातीमा दीदी औरत गरम कैसे होती है।
फातीमा-- बेटा, तूझे कैसे समझाउ मैं की औरत को कैसे गरम करते है।
सोनू-- काकी तू बता मैं समझ जाउगां॥
फातीमा अपने मन में सोचती है की सोनू तो अभी नादान है। तो वैसे भी इसको सीखाना पड़ेगा ही॥
फातीमा-- बेटा औरत को गरम करने के लीये औरत के बदन के साथ खेलना पड़ता है।
सोनू-- काकी मैं समझ नही रहा हू?
फातीमा-- अरे सोनू बेटा, औरत के जीस्म के साथ खेलना मतलब, उसकी चुम्मीया लेना। और अपनी चुचीयों की तरफ इशार करते हुए, उसका ये दबाना ये सब करने से औरत गरम होती है।
सोनू(अपना पासा फेंकते हुए)- क्या काकी तुम झूठ बोल रही है।
फातीमा-- अरे नही बेटा सच कह रही हूं॥
सोनू-- तो मैं एक बार तूझे गरम करना चाहता हू। फीर पता चलेगा काकी तू झूठ बोल रही है या सच।
ये सुनकर फातीमा असमंजस में पड़ जाती है, की ये सोनू ने क्या कह दीया ॥ भला मैं इसके साथ कैसे?
अंदर कमरे में सुनीता के साथ साथ कस्तुरी और अनीता का भी रंग उड़ चुका था।
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