RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
सुबह सोनू की निंद तब खुलती है जब उसे कोइ जगाता है,
सोनू की आंख खुली तो पाया उसके सामने उसकी मां ,कस्तुरी और अनिता खड़ी थी, उसके बगल में फातीमा काकी भी नही थी।
सुनीता-- सोता ही रहेगा, की घर भी चलेगा।
सोनू की हालत खराब हो जाती है, क्यूकीं वो पुरी तरह नंगा था।
और ये बात सब को पता था,
॥ तभी फातीमा वहां हाथ में चाय लिये आती है, वो बहुत मुश्कील से चल पा रही थी।
कस्तुरी-- अरे काकी तुम भचक भचक कर क्यूं चल रही हो, और मुस्कूरा देती है।
फातीमा-- मुझसे क्या पुछ रही है, तेरे भतीजे से पुछ उसने ही ये हालत की है।
सोनू का सुनते ही गांड फट जाती है..
सुनीता-- क्यूं बेटा क्या कीया तूने फातीमा के साथ?
सोनू को कुछ समझ नही आ रहा था की क्या बोले तभी
फातीमा-- अरे सोनू ने कल मुझे धक्का गलती से धक्का मारा और मै निजे उस लकड़ी पर गीर गयी तो थोड़ा चोट आ गयी।
ये सुनकर सोनू के जान में जान आता है,
सुनीता-- चल बेटा अब घर जा, और जरा देख कर धक्का मारा कर लगने पर दर्द होता है, और हल्का सा मुस्कुराते हुए दुसरे कमरे में सब चली जाती है।
सोनू भी फटाफट अपने कपड़े पहन बाहर निकलता है। और घर की ओर चल देता है।
दुसरे कमरे मे बैठी कस्तुरी जोर जोर से हसंने लगती है।
सुनीता-- क्यूं हसं रही है?
कस्तुरी-- अरे कल रात फातीमा दिदी की ऐसी हालत थी, उसी पर। कैसे कुतीया की तरह चिल्ला रही थी।
फातीमा-- हस ले, अगर तू उसके निचे होती और जब अपना मुसल लंड तेरी बुर में डालकर चोदता तब समझ में आता।
कस्तुरी-- अरे सोनू के निचे आने के लीये तो मैं हर दर्द सह लूगीं दिदी।
सुनीता-- चुप कर तुम लोग मेरे बेटे की जान लोगे क्या?
फातीमा-- अरे सुनीता जान तो तेरा बेरहम बेटा निकाल देता है, ऐसे चोदता है की, बुर के साथ साथ पुरा बदन कांप उठता है।
सुनीता-- मेरे बेटे ने तेरी ऐसी हालत कर दी है, फीर भी तू उसका बखान कर रही है।
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