RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
दीन के 12 बजे थे, और बेचन झुमरी के बगल वाली खाट पर लेटा था। तभी उसकी मां सुगना आ जाती है।
सुगना-- बेटा, ये गेहूं की बोरी जरा छत पर पहुचां दे।
बेचन खाट पर से उठ जाता है, और गेंहू की बोरीया लेके छत पर जाने लगता है। उसके पीछे पीछे सुगना भी छत पर आ जाती है।
बेचन गेहुं की बोरीया रखते हुए)-- अम्मा सीमा कहा रह गयी?
सुगना(गुस्से में)- क्यूं क्या काम था तुझे उससे?
बेचन-- कुछ काम नही था अम्मा, मैं तो बस ऐसे ही!
सुगना-- अरे थोड़ी तो शरम कर, तूझे अपनी बेटी की शादी करने के वजाय तू खुद उसके साथ....छी।
बाचन-- कलती हो गयी अम्मा, वो उस रात सीमा को खाट पर बीठाने के चक्कर में उसे गोद में उठाया तो मैं थोड़ा बहक गया।
सुगना-- अच्छा , अच्छा ठीक है। आगे से कुछ ऐसा वैसा मत करना॥
बेचन-- मेरी प्यारी अम्मा, ठीक है। नही करुगां,
सुगना-- अच्छा जरा ये गेंहू की बोरी खोल और गेंहू पानी की बाल्टी में भीगो।
बेचन फटाफट गेंहू की बोरी खोल गेहूं को पानी के बाल्टी में डाल देता है।
की बाल्टी में डाल देता है।
सुगना गेंहू को हाथ डाल कर साफ करने लगती है, बेचन वही एक तरफ बैठ जाता है,
सुगना-- क्यूं करता है रे तू ऐसा? घर तेरी औरत है फीर भी तू अपनी बेटी पर।
बेचन-- अरे अम्मा हो गयी गलती, आगे से नही होगी।
सुगना-- चल ठीक है, तू जा झुमरी के पास बैठ उसे पानी वानी की जरुरत पड़ी तो।
बेचन- ठीक है अम्मा, और उठकर नीचे चला आता है।
बेचन जैसे ही निचे आता है, उसे उसकी बेटी सीमा नजर आती है। जो झुमरी के खाट के पास बैठी थी और उसके साथ उसकी सहेली रीता थी।
बेचन- अरे रीता बिटीया तुम?
रीता-- हां काका वो सीमा को छोड़ने आयी थी। (रीता एक 23 साल की भरे बदन वाली लड़की थी, थोड़ी सावलीं मगर बदन में कसावट कमाल की थी। उसकी चुचीयां सीमा से थोड़ी बड़ी थी, लेकीन गांड के मामले में सीमा का कोइ जवाब नही था)
रीता-- अच्छा सीमा मैं चलती हूं॥
सीमा-- ठीक है रीता।
रीता के जाते ही, बेचन सीमा के खाट की तरफ बढ़ा तभी बाहर से आवाज आती है....बेचन वो बेचन घर पर है क्या?
बेचन आवाज सुनते ही बाहर आ जाता है, बाहर उसका बड़ा भाइ शेसन खड़ा था।
बेचन-- क्या हुआ भैय्या?
शेसन-- मेरा खेत का पानी हो गया है, जा जाके तू लगा ले पानी॥
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