RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
कस्तुरी---- आह..बेरहम तेरा ये लंड देख कर तो कोई भी औरत....आह पागल हो जायेगी लेेकीन तेरा दिया हुआ. दर्द सब औरतें नही सह पायेगी रे.......आ....मां ...मेरी... चु....चीयांं.।
सोनू ने आखीर उसकी नीप्पल से.खुन का कतरा नीकाल ही.दिया...।
कस्तुरी---- .हाय रे द इया, जब तक तुझे खुन नही दीखता तब तक तूझे चैन नही मीलता ना.बेरहम........।
सोनू अपनी बेेेर..हमी पर उतर आया था.... कस्तुरी की एक चुचीं की बैंड बजाने के बाद अब.उसकी दुसरी चुचीं की तरफ रूख मोड़ा...
कस्तरी--- हे। भगवान, इतना जोर से मत दबा रे बेेरहम......आह,
सनूू---- आहसम से रानी.... तेरी चुचीयां तो बवाल हैं।
कस्तुरी-----.....आह....इसी लिए त इतनी जोर जोर से दबाा रहा है ना.भले मेरी हालत खकुछ भी हो...।
सोनू----- तू सली मजे ले रही है....मुझे सब ........पता है ।
कस्तूरी----हां मुझे सब पता है। तुम भी तो मज़े लेते हो।
सोनू--- चल अब ज़रा कुतीया तो बन ।
कस्तूरी फटाक से कुतीया बन जती है, सोनू कस्तूरी की मोटी और बडी गांड देखकर पागल हो जता है, वो उस पर जोर से थप्पड़ लगता है.....
कस्तूरी--- आह .....मा आराम से........
सोनू--- चुप साली एक तो इतनी बडी बडी गांड ले के मेरे लंड मे आग लगाती है और कहती है आराम से .....आज तो तेरी गांड का वो हाल करूंगा की तू जीन्दगी भर अपनी गांड में मेरा लंड लिये घूमेगी ।
कस्तूरी ---- आह मेरे राजा यही तो मै चाहती हू.......की तू अपना मुसल लंड से मेरि बुर और गांड चौड़ी कर दे.....आ........आ....न......ही......निका........ल.....सोनू।
अब तक सोनू का लंड कस्तूरी के गांड का सुराख बडा करता अंदर जड़ तक पहुंच गया था.....और कस्तूरी इधर उधर छटपटा रही थी लेकिन सोनू उसके कमर को पकड़ बेरहमी से उसकी गांड के छोटे से सुराख में अपना मोटा लंड पेले जा रहा था.....अचानक कस्तुरी उसके चंगुल से छूटती है और रोते रोते भाग कर खाट के बगल एक कोने में अपना गांड पकड़ी बैैैठ जती.......है।
कस्तूरी जोर जोर से रो रही थी।
सोनू अपना मोटा लंड लिये वैसे ही खाट पर था ..... कस्तूरी रोते रोते सोनू के लंड को देख रही थी जिस पर खून लगा हुआ और निचे रज़ाई पर टपक रहा था .......
सोनू---- चल मेरी कुतीया जल्दी आ ....देख मेरा लंड कैसा फुफफुफकार रहा है......।
कस्तूरी (रोते हुए)---- नही नही ...... मेरी गांड फट गायी है .....मैं अब नही ले सकती .......तू बेरहम है .....तूझे सिर्फ अपनी मज़े की पड़ी रहती है.....बकी औरतें मरे या जिये उससे तूझे कोई मतलब नही......।
सोनू---- अच्छा चल आजा आराम से करूँगा ।
कस्तुरी---- नही मुझें पता है तू फाड़ डालेगा.....
सोनू---- अरे मेरी जान फाड़ तो दिया ही है .... अब कितना फडुगा......।
कस्तुरी----- सच में ना धीरे धीरे करोगे ......।
सोनू--- हा सच में चल अब आ जा......।
कस्तुरी के आंख के आंसू बयाँ कर रहे थे की उसको कितना दर्द हो रहा था ......वो डर भी रही थी की सोनू4उसका क्या हाल करेगा ......यही सोचते सोचते ......वो खाट पर अपनी मोटी गांड सोनू की तरफ कर कुतीया बन जती है........।
सोनू इस बार कस्तूरी की कमर मजबूती से पकड अपना लंड बेरहमी से फिर से कस्तूरी के गांड में घुसा देता है .....।
कस्तूरी(चिल्लाते हुए) .....ही........आ.aaaaaaaaaa........आ...मां ....छोड़ .......दे........सोनू ।
सोनू---- चिल्ला साली कितना चिल्लाएगी .....बहुत भगती है ना .....ले अब मेरा लंड ......अपनी गांड मे.....कसम से तेरी गांड तो .....आह बहुत टाइट है।
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