RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
पारुल---- बेटा वैभवी कहा है तू?
अन्दर से वैभवी आवाज लगाती है बस आइ मां एक सैकेण्ड ........ रुको ना।
पारुल वैभवी के कमरे में जाती है ........
पारुल----- क्या बात है आज मेरी बेटी तो बहुत खुबसूरत लग रही है..... कही जा रही है क्या मेरी बेटी?
वैभवी------ अरे हाँ मां पास के स्कूल में ऐड्स के बारे में something कुछ जागरुक अभियान है, तो सोचा मै भी हिस्सा ले लूँ । सुबह सुबह आंगनवाड़ी की मुखिया रजनी आइ थी, तो उन्होने ही बुलाया है।
पारुल---- ये तो बहुत अच्छी बात है बेटा । ठीक है मै हॉस्पिटल निकल रही हू.....मुझे देर होगी ।
वैभवी----- ठीक है मां bye.....tack care।
और फीर पारुल चली जाती है।
गांव के स्कूल में आज ज्यादा तर गांव के लोग आये थे....... वही पर सरपंच का बेटा विशाल भी था .......वैभवी अपने स्कूटी से स्कूल पहुंचती है........विशाल की नजर जैसे ही वैभवी पर पड़ता है । वो उसकी खूब्सुरती में खो जाता है.......।
वैभवी----- हाथ जोड़कर, नमस्ते रजनी जी।
रजनी---- नमस्ते बेटी..... aao....।
वैभवी अन्दर आती है।
रजनी---- वैभवी बेटी ये हमारे सरपंच के बेटे.....विशाल है। तुमने तो सुना ही होगा की कैसे सरपंच जी की.....
vaibhavi----- जी रजनी जी।
विशाल वैभवी की तरफ हाथ बढता है.......और वैैैैभावी भी विशाल से जैसे ही ....... हाथ मिलाती ....... सोनू भी वाही पहुंच जाता है।
सोनू को वैभवी से विशाल का हाथ मिलना अच्छा नही लगा। वैभवी की नजर भी सोनू पर पड़ती है ।
वैभवी के साथ कुर्सी पर बगल में विशाल बैठा था । और विशाल वैभवी से बातें कर रहा था .......और वैभवी भी विशाल से हंस हंस कर बात कर रही थी ।
सोनू वही खडा ये सब देख जला जा रहा था .......आज पहेली बार उसे ऐसा अहसास हो रहा था जैसे कोई उससे दूर जा रहा हो......।
सोनू (सोचते हुए)----- सोनू कही तुझे वैभवी से प्यार तो नही हो गया...... जो तू इतना जला जा रहा है उसको किसी और के साथ बात करते देख........नही नही वो तो मुझें पसंद ही नही करती । हमेशा मुझे एक आवारा लड़का समझती है....... उधर देख कैसे विशाल से हस कर बात कर रही है ......और मेरे साथ । छोड़ उसका चक्कर सोनू.......।
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