RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
बेचन ने सीमा की चुचियो पर धावा बोल उसे आराम आराम से चूसने और दबाने लगता है ........... तभी एक अवाज उनके सारे जोश को ठंढा कर देती है......।
बेचन बेटा ........कहा है तू?
सीमा----- आ गई हरामजादि ,
बेचन और सीमा फटाफट अपने कपड़े पहनते है ........और बेचन छत से नीचे आ जाता है........।
सीमा भी बैठ कर घिसक घिसक कर सीढियों से आंगन में आ जाती है।
बेचन---- क्या हुआ अम्मा ।
सुगना --- अरे शीला को बिछुुुआ डंंक मार दीया है................।
बेचन---- ठीक है मै जाता हू झाड़ दूंगा ..........उसका लंड धोती में टेंट बनाये हुए था जीसे उसकी अम्मा ने देख लिया था ।
सुगना समझ गई की ये जरुर कुछ सीमा के साथ गड़बड़ कर रहा था । लेकीन तब तक बेचन जा चुका था ।
वैभवी अपने घर में बैठी आज यही सोच रही थी की मुझे ऐसा नही करना चाहिये था ........बेचारा सोनू क्या सोचता होगा मेरे बारे मे।
तभी उसकी माँ पारुल आ जाती है ......... ।
पारुल---- अरे मेरी प्यारी बेटी कीस खयाल मे डूबी है।
वैभवी ने पारुल को वो सारी बात बता दिया.............।
पारुल----- तुम्हे ऐसा नही करना चाहिये था बेटा । अब कभी मिलेगी तो सॉरी जरुर बोल देना ।
वैभवी---- अरे माँ मैने sorry बोला उसको, लेकीन वो फीर भी मुझसे नाराज है । बोलता है आज के बाद कभी बात नही करूंगा ........तो मत करे मुझें कौन सा फर्क गिरता है।
पारुल ( उसके करीब आते हुए)---- अगर फर्क नही गिरता ना तो मेरी बेटी अकेले में बैठ उसके बारे में सोचती नही ।
वैभवी----- अरे माँ मै तो ......वो इसलिये सोच रही थी की मैने गलती की है ।
पारुल----- ok बाबा चल अब शांत हो जा ।
वैभवी----- माँ .......मै सोच रही थी की एक बार जा कर फीर से sorry बोल दूँ ।
पारुल---- ये तो और अच्छी बात है।
वैभवी ठीक है मा तो मै जाती हूँ ..........
parul---- अरे रूक बाद मे चली जाना ।
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