RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
दोनो कार से नीचे उतरते है और वही एक पुल पर बैठ जाते है।
वैभवी--- सोनू मैने आज जो कीया उसके लिए I am really sorry.....
सोनू---- अरे मैडम आप भी क्या ये बात दील पर ले कर बैठ गई ।
वैभवी--- वो क्या है ना सोनू मुझें थोड़ा भी अच्छा नही लगता जब कोई अन्दर से दुखी होता है।
सोनू---- अच्छा ठीक है, वैसे एक बात कहूँ ।
वैभवी--- हा कहो ।
सोनू--- आज आप बहुत खूब्सुरत लग रही हू।
वैभवी---- सोनू ........ तुम फीर शुरु हो गये.....और थोड़ा मुस्कुरा देती है।
सोनू--- पता नही क्यूँ आप को देखता हूँ तो।
वैभवी---- देखते हो तो क्या?
सोनू---- सब कुछ भूल जाता हू......। कुछ समझ नही आता मन करता है की बस आपके साथ पुरी जिन्दगी गुजार दूं ।
वैभवी----पुरी जिन्दगी गुज़रना साथ में बहुत मुश्क़िल है सोनू । मैं तुमसे एक बात बताना चाहती हू।
सोनू--- हां बोलिए।
वैभवी--- मैं मुंबई में जीस कॉलेज में पढ़ती हूं । उसी कॉलेज में एक लड़का पढ़ता है। तो.......मैं और वो एक दुसरे से प्यार करते है.....। मुझें पता हैं की तुम मुझें चाहते हो .......लेकिन।
सोनू---- लेकीन आप किसी और की हो....... कोई बात नही मैं तो बस ऐसे ही.....जो मन में आता है बोल देता हू। और वैसे भी आप5भी डॉक्टर वो भी डॉक्टर दोनो की जोड़ी भी अच्छी है ।
मेरे साथ भला क्या जोड़ी बनेगी आप की.......।
वैभवी----- सोनू ........लेकीन हम दोस्त हमेशा रहेंगे ।
सोनू---- वो क्या है ना मैडम ...... अगर आप के साथ5ज्यादा वक़्त बिताउंगा तो बहुत गजब वाला प्यार हो जायेगा । तो हमारा दूर रहेना ही ठीक होगा ।
वैभवी कुछ बोल नही पाती ........कुछ देर दोनो शांत रहते है फीर सोनू बोला ।
सोनू-- अन्धेरा होने वाला है ......हमे अब घर चलना चाहिये।
सोनू का दील अन्दर ही अन्दर रह रह कर रो रहा था ।
वैभवी सोनू को घर छोड़ती है और फीर अपने घर चली जाती है ।
सोनू घर में बैठा अकेला वैभवी के बारे में सोच सोच कर रो रहा था ......
सोनू(मन मे)---- अरे यार कहा से मुझें प्यार व्यार हो गया ......आज के बाद कभी किसी से प्यार ही नही करूंगा ......... ।
|