RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
कल्लू---- अरे मां ......मेरे यार का लंड है ही शानदार किसी का भी जान आफत में डाल दे ।
मालती---- सच में कितना बड़ा हैं ......उसका ।
कल्लू--- वो मां ......मेरा भी कुछ कम नही हैं ......।
मालती ये सुन कर हंसने लगती है .......... ।
मालती---- अरे हां .......मेरे बेटे का भी किसी किसी औरत की जान आफत में डाल सकता हैं ।
कल्लू-- हा लेकीन जब एक बार मेरे यार का लंड घुस जाये तो उस बुर में ये लंड सिर्फ आने जाने लायक हो जायेगा ।
ये सुन मालती हंसने लगती है .........और बोली अरे तेरा निकल क्यूं नही रहा हैं ।
कल्लू--- उसे तेरी रसदार बुर चाहिये मां फीर निकलेगा मां ।
मालती--- चुप बदमाश ।
कल्लू--- चल कुतीया बन ना मां तूझे चोदने का बड़ा मन कर रहा है ।
मालती---- नही मुझे नही चुदाना ।
कल्लू-- इतना तो हो गया मां अब मेरा लंड लेने में क्या तकलीफ हैं ।
मालती---- तकलीफ है बेटा अगर कोई जान लेगा तो क्या सोचेगा?
कल्लू - यही सोचेगा की एक बेटा अपनी माँ से कितना प्यार करता है ।
मालती--- हा बेटा इतना प्यार की अपनी मां को चोद डाला ।
कल्लू ने अपनी मां को खींच कर अपने उपर लिटा लिया और उसके गर्म मुह में अपना मुह डाल कर उसके होटो को चूसने लगा ........।
मालती भी कल्लू की बाहों में पड़ी उसका साथ देने लगी.......।
कल्लू मालती के होठो को चुसते चुसते अपना एक हाथ नीचे ले जा कर उसका पेटी कोट उपर तक चढा दीया और मालती के गांड को अपनी हथेलियो मे कस मसलने लगता है ।
मालती को और मस्ती छाने लगती है ......उसने कल्लू के होठो से अपना होठ अलग कर ।
मालती---- ये क्या कर रहा है ....?
कल्लू--- तेरी गांड मसल रहा हूं ।
मालती--- तो सिर्फ मसलेगा ही या कुछ करेगा भी ।
कल्लू ---- सच मां ।
मालती हां में सर हिला देती है .........।
कल्लू खाट पर से उठ सीधा मालती को घोड़ी बना देता है ।
कल्लू जीस गांड को 1 साल से देख देख कर4मूठ मार रहा था ......आज वही गांड उसके सामने थी । और उसे जैसे ये कह रही हो आजा घुस जा मेरी गांड में ।
कल्लू अपनी मां की गांड को चूमने चाटने लगता है ...... जिससे मालती का बदन पुरा का पुरा गरम हो जाता है ।
मालती----- आह .......बेटा कर ले आज जो करना है अपनी मां के साथ ......आह तुझे मेरी गांड बहुत पसंद है ना ....आज से ये तेरी ही है बेटा ।
कल्लू अपनी मा की बुर में एक उंगली डाल देता है ......जिससे मालती की मस्ती और बढ़ जाती है ।
कल्लू अपनी मां की बुर में घपा घप उंगली पेले जा रहा था .......।
मालती----- आह बेटा, बहुत मज़ा आ रहा है .....तेरी उंगलिया इतनी कमाल कर रही है तो तेरा लंड कितना कमाल करेगा ....हाय रे दईया ।
कल्लू---- मेरा लंड लेने के लिए अभी तक नाटक कर रही थी साली तू,
मालती---- अब डाल भी दे मेरा ....... aaaaaaaah.....प्यारा बेटा । uuuuuuiiii.......मां अब सहा नही जाता ।
कल्लू---- एक थप्पड़ मालती के गांड पर जड़ देता है---- कमाल की बुर है तेरी मां । चल अब तैयार हो जा अपने बेटे का लंड लेने के लिए ।
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