RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
आज सोनू अपने खेत के बने झोपड़े में बैठा वैभवी को अपनी यादों सें निकाल देने की कोशिश कर रहा था .....लेकीन वैभवी का वो खुबसूरत प्यारा चेहरा उसके आंखो के सामने आ ही जाता था .......वो एकदम पागल हो जाता है ।
सोनू सोचने लगा की यार मैं उसको कैसे भूलू , तभी सोहन वहां आ जाता हैं ।
सोनू सोहन को देख कर सोचा ---- अब तो बस चुदायी करूंगा बस, ताकी उसका खयाल ना आये.......लेकीन सोनू शायद ये नही समझ रहा था की ......चुदायी की बात करते समय भी वो वैभवी की ही बात कर रहा है .......जिसे वो भूल जाना चहता है ।
सोहन---- अरे मेरे राज क्या सोच रहे हो .......मेरा तो खयाल ही नही रहा ।
सोनू---- भोस्ड़ी के ज्यादा बोल मत और मेरा लंड निकाल और चुस ......।
सोहन बिना देर किये सोनू का लंड निकाल अपने मुह में भर लेता है ।
सोनू लेटा हुआ अपने लंड को उसके मुह में घुसा रहा था ......लेकीन उसका ध्यान तो सिर्फ वैभवी के उपर ही था ।
करीब 5 मिनट से सोहन सोनू के लंड को चुस रहा था ।
सोहन---- क्या बात हैं ......राजा, आज ये फ़ौलाद खड़ा क्यूँ नही हो रहा हैं ।
सोनू--- तु चुसता रह साले ......।
सोहन और 10 मिनट चुसता है लेकीन सोनू का लंड खड़ा ही नही होता .......और खड़ा भी कैसे होता सोनू का ध्यान तो अपने लंड पर नही बल्की वैभवी पर था ।
अखिर थक हार कर सोहन उसका लंड छोड़ देता है .......।
सोहन---- लगता है आज इसका मुड़ नही है ......मैं जा रहा हूं ।
सोनू---- ठीक है जा तू।
सोहन अपना गांड लिए झोपड़े से बाहर निकल जाता हैं ।
सोनू--- अरे यार ये लड़की आखिर मेरे खयालो से जा क्यूं नही रही हैं । वो एकदम परेशान हो जाता है , और वही खाट पर पड़े फिर से वैभवी के खयालो में खो जाता है .......।
और ईधर वैभवी भी बिस्तर पर पड़े सोनू के बारे में ही सोच रही थी ।तभी पायल आ जाती हैं ........।
पायल---- कीस खयाल में खोयी हैं मेरी बेटी ।
वैभवी---- कुछ नही मा, वो मुझे कल मुंबई वापस जाना है exam हैं, ना तो वही सोच रही थी ।
पायल--- लेकीन मेरी बेटी की आँखे तो कुछ और ही कह रही हैं ।
वैभवी--- अरे मां वही सोच रही थी मैं, और कुछ नही ।
पायल--- सच सच बता क्या बात हैं ......मैं तेरी मां ही नही तेरी दोस्त भी हूं ।
वैभवी--- वो मां मैं सोनू के बारे में सोच रही थी .......आज उससे जब मिली तो पता चला की वो मुझसे प्यार करता है........।
पायल--- तो तू भी तो उससे प्यार करती हैं ।
वैभवी--- नही मा मैं नही करती ......वो गांव का अनपढ़ और मैं एक medical student कैसे, हो ही नही सकता ।
पायाल--- बेटी प्यार किसी status, की मुहमुहताज नही होती वो तो बस हो जाता हैं । भगवान ने हमे जिन्दगीं दी हैं सिर्फ जीने के लिए नही, बल्की उसके साथ जीने के लिए जिसके साथ हम अपनी पुरी जीन्दगी गुजार सके । और रही बात तेरी जो तू बोल रही है की तू सोनू को प्यार नही करती, अगर सच में नही करती तो उसके बारे में सोचती ही नही ।
देख बेटी ये जिन्दगी तेरी है तो तू ही फैसला कर सोनू तेरे लिए सही है या नही ........ ।
वैभवी पारुल की बाहों में अपना सर रख कर लेट जाती हैं .......।
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