RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
वैभवी --- मां ये लड़का तो मेरी नींद ही चुरा लिया है ......मुंबई में इतने लड़के मेरे दोस्त है, लेकीन कभी उतना नही सोचा जितना ये कमीने के बारे में सोच रही हूँ ।
पारुल---- यहीं तो प्यार हैं .........जा जाकर बोल दे ।
वैभवी का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है ........।
वैभवी---- नही मा थोड़ा तड़पने दे .......... उसको, अब जब मुंबई से आऊंगी तब ही उसको propose करूंग। तब तक थोड़ा तडपा लूँ, हक़ है मेरा ।
पारुल---- ठीक है तड़पा ले, बाद में वो वसूल भी कर लेगा, हक़ है उसका ।
वैभवी (शर्मा कर)----- मां .......तुम भी ना ।
पारुल---- अच्छा सो जा, कल तुझे निकलना भी हैं ।
वैभवी ठीक है मां और फिर बेड पर लेट जाती है...... वो सोने की कोशिश करती है लेकीन नींद उसकी आंखो से कोशो मील दूर थी ................।
-----------------------------------------------------------------()-------------------
बेचन घर में बैठा खाना खा रहा था, बकी लोग सब खाना खा चुके थे ......वो खाना खाते खाते सीमा को ही देख रहा था, और साथ में दारु की शीशी भी हलक मे उतार रहा था ।
सुगना --- सीमा तेरा बिस्तरा, बहु के बगल में लगा दीया है ।
सीमा--- तू कहा सोयेगी दादी?
सुगना---- मैं दुसरे कमरे में जा रही हू सोने ।
ये सुन बेचन खुश हो जाता है .....और सोचने लगता हैं की आज तो अपनी बेटी को कली से फूल बना ही दूंगा, यही जोश में वो फटा फट दो शीशी पी लेता है ......बेचन को बहुत चढ़ गई थी । वो खाना खत्म कर थोड़ा बाहर घुमने चला जाता है ........दारु के नशे में लड़खड़ा कर चल रहा था ।
सीमा (मन में)--- आज तो बापू मेरी जम कर कुटाई करेंगे , तभी रितु वहां आ जाती हैं ।
सुगना--- अरे रितु बेटा तू ।
रितु--- हा दाई वो मैं , सीमा को लेने आइ थी । कल से मेरा परीक्षा है, तो अकेले पढ़ने में मन नही लगता और नींद भी आती हैं । अगर सीमा रहेगी तो बात करते करते पढ़ भी लूंगी ।
सीमा--- अरे रितु, मुझे नींद आ रही है, तू जा मैं कल से आ जाऊंगी ।
सुगना--- जा चली जा, उसके साथ रहेगी तो वो पढ़ तो लेगी कम से कम ।
सीमा भी मरती क्या ना करती, आज उसे रितु पर बहुत गुस्सा आ रहा था .....लेकीन वो wheelchair पर बैठ रितु के साथ चली जाती है ।
और ईधर सुगना भी सीमा के बिस्तरे पर लालटेन बुझा कर रजाई ओढ़ लेट जाती है ।
|