RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
वो बोल रही थी.... क्या देवर जी आह... क्या करते हो, शर्म नहीं आती इतने जोर से मसलते हो.... आह, दर्द होता है। छोड़िए मुझे आप, नहीं करना है ये सब मुझे... आह।
शेसंन का हाथ दरवाज़े तक पहुंच कर रुक जाता है..... वो सोचने लगा की शीला आह उह क्यों कर रही है, आखिर ये बेचन कर क्या रहा है शीला के साथ..... यही उत्सुकता और मन में गुस्से से भरा शेसन्न बगल में लगी सीढ़ियों के सहारे खिड़की से अन्दर जैसे ही झांकता है उसके रौंगटे खड़े हो जाते है......।
खिड़की से झांकते हुए पाया की, उसका भाई बेचन उसकी औरत शीला को अपनी बाहों में जकड़े हुए उसकी एक चूची को अपने हाथ के मुट्ठी में एक दम से दबोचे हुए था। और शीला छटपटा कर उसे छोड़ने को क रही थी।
अद्भुद नज़ारा था , शीला की उम्र लगभग 55 साल की होगी लेकिन फिर भी इस उम्र में गजब की भरी हुई बदन लिए हुए किसी भी जवान मर्द का पानी निकाल सकती थी।
शीला-- आह.. छोड़िए ना देवर जी, क्या कर रहे हो, आपके भईया अगर आ गए ना तो हम दोनों की खैर नहीं।
बेचन(शीला की चूचियों को मसलते हुए)-- आह भाभी लगता है भईया तुझे कुछ ज्यादा ही मजा देते है... जो तुझे अपने इस देवर पर तरस नहीं आ रहा है.... और कहते हुए शीला की चूचियों को जोर से दबा दिया।
शीला......- आ.......ह, देवर जी, मार डालोगे क्या।
शीला बेचन की बाहों में किसी खिलौने की तरह पड़ी हुई थी, जिसे बेचन बड़े मजे ले ले कर उसकी चूचियां मसल रहा था।
बेचन--- एक बार पुरी नंगी हो जा ..... भाभी , बस एक बार।
शीला की बची खुची जवानी बेचन के इस तरह मसलने से रंग लाने लगी थी, वो जानबूझ कर नाटक कर रही थी।
शीला-- नहीं देवर जी छोड़िए मुझे, ये सब अच्छा नहीं लगता अब इस उम्र में। आपके भईया अगर......
बेचन बीच में ही बात काटते हुए-- अरे भाभी आप तो भईया के उपर ही अटकी पड़ी हो कब से.... तभी बेचन ने शीला की ब्लाउस अपनी उंगलियों में पकड़ जोर से खींच कर फाड़ दिया।
शीला -- हाय री दाईया.... ये क्या किया आपने देवर जी... और अपने दोनों हाथो से अपनी चूचियों को छुपाने लगी।
बेचन,-- क्यू तड़पा रही है भाभी , देख ना तेरी ये मस्त चूचियां देख कर मेरे लंड की क्या हालत हो गई है।
अनायास ही शीला की नजर बेचन के पजामे पर पड़ी जो अब तक वहां पर तम्बू बना था..... ये देख शीला शर्मा गई और अपनी आंखे नीचे कर ली।
बेचन शीला को इस कदर शरमाते देख उसकी हिम्मत बढ़ गई वो झट से खाट पर से उठा और शीला को अपनी बांहों में कस कर दबोच लिया।
बेचन-- क्या हुआ भाभी लगता है पसंद नहीं तुझे?
शीला कुछ बोल नहीं पाई और अपना सर नीचे ही झुका कर रखी रही।
बेचन-- भाभी अब सहा नहीं जाता... निकाल दे अपनी ये साड़ी और बन जा अपने देवर की रखैल...।
शीला ये सुनते ही पूरी की पूरी अंदर तक हिल गई..... उसके जांघो के बीच काफी सा लो से वो झनझनाहट जो आनी बंद हो गई थी, बेचैन के एक शब्द ने उसके बूर को आखिर गुदगुदा ही दिया,,।
शीला-- देवर जी आप जाओ यहां से,
शीला बोल ही रही थी कि उसने नजर उठा कर जैसे ही बेचन की तरफ देखा बेचन ने अपना पायजामा निकाल कर अपना लंड हाथ में ले लिया था और उसे धीरे धीरे आगे पीछे कर रहा था।
६ इंच का लंड देख शीला की जवानी बेकाबू होने लगी, थोड़ा सा शर्म और इज्जत की मारी शीला अपनी नजर झुकाए वहीं खड़ी रही...।
ये देख बेचन की हालत और खराब होने लगी उसका लंड तो पहले से ही उफान मार रहा था। जब से अपनी मां को चोदा था उसने और अब अपनी बिटिया सीमा का बूर खोलने की खुशी उसके तन बदन दोनों को आग लगा रही थी।
बेचन--- अरे भाभी, देख ना मेरा लंड खड़ा है और तू है कि अपनी मुंडी झुकाए खड़ी है।
चल आजा मेरी जान अपने देवर का लंड अपने मुंह में ले के चूस......।
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