RE: Free Sex Kahani जालिम है बेटा तेरा
शीला को बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी, ऐसी बाते उसके बदन में आग भी लगा रही थी और उसकी शर्म उसे रोक रही थी, वो भी चाहती थी की पूरा खुल कर मजे लू लेकिन गांव की औरतं इतनी जल्दी भला कैसे बेशर्म हो सकती है।
शीला-- आह हटो, आप इतनी गंदी गंदी बात कर रहे हो, मुझे शर्म आती है, आप तो बेशर्म हो कर मेरी मसले जा रहे हो और पूछते हो की।
बेचन- - क्या मसले जा रहा हूं भाभी?
शीला-- आप मसल रहे हो, तो आ....ह, आप को नहीं पता क्या?
बेचन-- मुझे नहीं पता तू ही बता दे ना मेरी , रखैल ।
शीला-- आप मर्द लोग ऐसे ही होते हो.... आह, खुद तो मजे लेते हो औरतों को मसल मसल कर और दर्द की परवाह तो होती नहीं त आप मर्दों को।
बेचन ने शीला के बूर में अपनी दो उंगलियों को घिसोड़ कचकाच पेलने लगा, शीला की बूर पानी उगलने लगी।
शीला--- आह..... अम्मा. हाय री.... देवर जी, ।
बेचन-- तेरी बूर तो पानी छोड़ रही है भाभी, कसम से बहुत कसी कसी लग रही है।
बेचन खड़े खड़े ही , अपनी उंगलियां शीला की बूर में पेले जा रहा था.... और शीला भी मस्त मज़े में अपनी टांगे चौड़ी कर के उंगलियां पेलवाने का मजा ले रही थी।
पूरे कमरे में शीला की सिसकारियों से आवाज़ गूंज रही थी, और शेशन खिड़की से ये नज़ारा देख पागल हो गया था, वो कभी सोच भी नहीं सकता था की उसकी औरत ये सब भी कर सकती है... शीला जिस तरह बेचन की बाहों में खड़ी अपनी दोनों टांगे चौड़ी कर के अपनी बूर बेचन की उंगलियों से पिलवा रही थी, वो नज़ारा ही एक दम मादक भरा था।
शेशन ने अपनी औरत को कभी भी नंगा नहीं देखा था, रात के अंधेरे में ही उस की चूद्दाई कर देता था, और अब तो उसका लंड भी खड़ा नहीं होता।
बेचन--- (उंगलियां पेलते हुए)--- कैसा लग रहा है भाभी, मजा आ रहा है कि नहीं।
शीला--- आह....म.... देवर जी, आप गंदे हो, आह दैया री... कितना अंदर डालोगे अपनी आह उंगलियां.... फाड़ दोगे क्या अपनी भाभी की बूर।
अपनी औरत के मुंह से ऐसी बात सुनकर शेशन का हाल बेहाल हो गया, क्युकी शीला भी ऐसी बाते कर सकती है उसे पता नहीं था।
और इधर बेचन समझ चुका था , की भाभी की बूर अब लंड मांग रही है, और वैसे भी काफी समय हो गया था उसे लगा उसका भाई कभी भी आ सकता है तो जल्दी से पहले चोद लेता हूं बाद में फिर कभी इत्मीनान से इसे चोदूंगा और वैसे भी अब ये मना नहीं करेगी।
बेचन--- भाभी अपना पेटीकोट उठा कर झुक जा, अब तेरी बूर में अपना लंड डालूंगा और चोदूंगा नहीं तो तेरा bhandwa मर्द आ जायेगा।
शीला--- आह, देवर जी नहीं मत करो ना मत चोदो मुझे... लेकिन शीला ने अपनी पेटीकोट को ऊपर सरका कर खाट पकड़ झुक गई....।
बेचन के सामने अब शीला पूरी नंगी बड़ी बड़ी गांड़ थी, और उसकी झांटों से घिरी बूर बेचन के ६ इंच लंड को और कड़क बना रही थी।
बेचन ने समय का तकाज़ा समझ जल्दी से चोदने का फैसला लिया हालांकि वो शीला को और रगड़ना और मसलना चाहता था लेकिन उसे डर था कि कहीं अगर शेसन आ गया तो गड़बड़ हो जाएगा।
बेचन--- आह भाभी, क्या मस्त गांड़ है.... तेरी गांड़ में ही डाल दूं क्या?
शीला अपनी पेटीकोट उठाए अपनी गांड़ बाहर की तरफ निकले झुकी थी कसम से क्या नज़ारा था जिस तरह से एक ५७ साल की औरत अपनी मदमस्त गांड़ खो ले.... अपने देवर के लंड का इंतजार कर रही थी।
शीला--- नहीं... देवर जी उसमे मत डालो... ।
बेचन(फिर से शीला के बूर में उंगलियां डाल)--- तो कहा डालू रानी.... तेरी इस बूर में डालू, बहुत गरम है... देख कैसे पानी चुआ रही है मेरे लंड के लिए।
शीला से अब रहा नहीं जा रहा था उसका बूर एकदम से गरम हो चुका था और वो थोड़ी भी देरी नहीं करना चाहती थी।
शीला--- आह, देवर जी , कब तक झुकाए रखोगे अपनी रखैल को... डाल भी दो अब।
खिड़की में से झांकता हुए शेसन अपनी औरत के मुंह से बेचन की रखैल वाली बात सुनकर लाल पीला हो गया... वो सोचने लगा वाह री शीला तू इतनी बड़ी छीनाल है मै कभी समझ ही नहीं पाया।
और इधर जैसे ही बेचन ने अपनी भाभी के मुंह से अपनी रखैल शब्द सुना तो पागल हो गया और अपना कड़क लंड शीला के बूर की फांकों में फंसा जोर का धक्का मारा और पूरा लंड एक बार में ही घुसा दिया।
शीला---- हाय री.... मेरी बूर... फाड़ दिया...aaaaaaaaaaaa... निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है....आह... नहीं... धी...... रे...।
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