Sex kahani अधूरी हसरतें
03-31-2020, 03:13 PM,
#5
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
तुम नहीं सुधरोगीे,,,,,, (इतना कहकर वह स्कूल की तरफ कदम बढ़ाने लगी और उसके पीछे पीछे चहकते हुए शीतल भी जाने लगी,, शीतल उससे बस एक कदम की दूरी पर चल रही थी कि उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए बोली। )

रुको तो सही निर्मला,,, तुम्हें तो ना जाने कौनसी जल्दी पड़ी रहती है,,,, क्लास में जाने के लिए,,,,,,

अरे शीतल समय हो गया है कुछ ही मिनटों में क्लास शुरु हो जाएगी।( हाथ में बंध़ी घड़ी की तरफ देखते हुए बोली।)

यार तुम्हे तो बस गांड मटकाने का बहाना चाहीए ।

क्या शीतल तुम भी ना शुरू हो जाती हो तो चुप रहने का नाम ही नहीं लेती।,,,,,

यार जो सच है वही कह रही हूं झूठ नहीं कह रही,,,, तुमको शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं है कि जब चलती हो तो न जाने कितनों पर अपनी यह मदमस्त गांड का ( हाथ से निर्मला की गांड की तरफ इशारा करते हुए) कहर ढाते हुए चलती हो।

शीत,,,,,,ल,,,,,,,, चुप भी करो किसी ने अगर सुन लिया तो तुम्हारे साथ साथ मैं भी बदनाम हो जाऊंगी।

अरे छोड़ो भी यार कुछ नहीं होगा,,,,,,,,, सच में यार तुम्हारी मटकती हुई बड़ी-बड़ी गांड देखकर तो मेरे मुंह से सिसकारी निकल जाती है।,,,,, ( शीतल की बातें सुनकर निर्मला आंखें तरेर कर उसकी तरह बनावटी गुस्सा दिखाते हुए देखने लगी।)

सच यार निर्मला मुझे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं होता कि इस उम्र में भी तुम्हारी गांड का कसाव जवानी के दिनों वाला है। तुम्हें जब भी चलते हुए देखती हूं तो सबसे पहले मेरी नजर तुम्हारी मटकती हुई गांड पर ही जाती है। तुम इतना टाइट साड़ी कमर के नीचे से बांधती हो कि तुम्हारी नितंबों का एक-एक उभार साफ-साफ नजर आता है।

अरे यार शीतल,,,,,,,,,,,


सुनो तो सही यार निर्मला तुम भी हो की,,,,,,,,, मैं सच कह रही हूं कोई मजाक नहीं कर रही,,,,, तुम्हारी बात ही कुछ अलग है। मेरी भी मस्त है लेकिन तुमसे थोड़ी कम ही है इसलिए तो तुम्हारे नितंबों को देख कर मुझे तुमसे जलन होती है।
( शीतल की बात सुनकर निर्मला हंसने लगी और हंसते हुए बोली।)

जलन,,,,,,,,,, किस बात की जलन!

अरे यार पूरी खूबसूरती का खजाना हो और कहती हो किस बात की जलन,,,,,, तुम्हारे रूप लावण्य ओर अंगों का उभार कटाव देखकर तो हर औरत तुमसे जलती होगी।( निर्मला उसकी बातें सुनकर मंद मंद मन में ही मुस्कुरा रही थी।)
यार निर्मला कसम से अगर मेरे पास तुम्हारी जैसी बड़ी बड़ी चूचियां और यह बडी़े-बडी़े गोल-गोल गांड होती तो मैं तो जिस पर जाहती उस पर कहार बरसाती।,,,,,

बस करो शीतल अब समय हो गया है हमें चलना चाहिए।( इतना कहकर निर्मला चलने लगी और उसके पीछे-पीछे सीतल भी चलने लगी लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी।)

निर्मला सच कह रही हो भाई साहब तुम्हारे रूप तुम्हारे खुबसुरत बदन को देख कर दो दीवाने ही हो जाते होंगे और तो और रोज तुम्हारी जमकर लेते होंगे।


बस यार शीतल कितना बकबक करती हो बस अब कुछ मतं बोलना क्लास शुरु हो रही है।

ठीक है कुछ नहीं बोलूंगी लेकिन बाद में मिलते हैं ठीक है ना,,,,,,( इतना कहकर सितम अपनी क्लास की तरफ जाने लगी और निर्मला अपने क्लाश की तरफ,,,, चलते-चलते निर्मला को शीतल के द्वारा कही गई सारी बातें याद आने लगी और मन ही मन वह खुश होकर मुस्कुराने लगी भले ही निर्मला उपर से एसी बातो को नापसंद करने का ढोंग करती हो लेकिन अंदर ही अंदर शीतल की कही गई एक एक बात से वह बेहद प्रसन्न होती थी। यही सब बातें वह अपने पति के मुंह से सुनने के लिए तरस जाती थी। जो बातें अशोक को कहनी चाहिए थी वह सारी बातें शीतल कहती थी। लेकिन निर्मला को भी यह बात बड़ी अजीब लगती थी कि यही सारे कमेंट अगर कोई मर्द करता था तो उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था और वह अंदर ही अंदर घबराहट महसूस करती थी, लेकिन यही सब बातें शीतल के मुंह से बड़ी अच्छी लगती थी। उसके बदन के एक-एक अंग का तारीफ जिस तरह से शीतल करती थी उसे सुनकर निर्मला के बदन में झनझनाहट सी होने लगती थी। निर्मला के लिए भी एक तरह से यह बड़ी फक्र वाली बात थी, क्योंकि अगर किसी औरत की तारीफ एक मर्द करता है तो वह अलग बात होती है,,,,, क्योंकि मर्द अपने फायदे के लिए ही औरत की तारीफ करता है,,,, उसी औरत से जब अपने मतलब की कोई चीज चाहिए रहती है तभी वह औरत की तारीफ करता है। लेकिन एक औरत जब किसी औरत की तारीफ करें तो जरुर उस औरत ने कोई न कोई बात जरुर होती है जो दूसरी औरतों को भी आकर्षित करती है। इसलिए वह शीतल की बातें सुनकर हमेशा प्रसन्नता से गदगद हो जाया करती थी। लेकिन इस बात को कभी भी वह शीतल पर जाहिर होने नहीं दी। शीतल के सामने वह हमेशा ऐसा ही बर्ताव करती थी की उसे उसकी बातें बिल्कुल भी पसंद नहीं होती हैं। तभी चलते चलते उसे गांड मटकाने वाली बात याद आ गई और वह ना चाहते हुए भी अपनी नजरें पीछे घुमाके अपनी गांड की तरफ देखने लगे कि क्या वाकई में चलते समय उसकी गांड ज्यादा मटकती है। नजरें घुमा कर भी वहां अपनी मटकती हुई गांड के उतार-चढ़ाव को देखकर फैसला नहीं कर पाई।
तब तक ऊसकी क्लासरुम आ गई।

निर्मला क्लास रूम के बाहर पहुंच चुकी थी क्लास रुम में सभी विद्यार्थी शोर शराबा कर रहे थे,,, विद्यार्थियों की नजर जैसे ही क्लास रूम के दरवाजे पर पड़ी तो सभी विद्यार्थी एक दम शांत हो गए और अपने-अपने बेंच पर बैठ गए,,,, क्योंकि सभी विद्यार्थी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थे कि निर्मला मैडम शिष्त की बहुत कड़क थी सभी विद्यार्थियों को सिष्त में रखने की आग्रही थी,,,,, इसलिए कोई चाहकर भी उनकी मौजूदगी में शोर शराबा या किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार नहीं कर पाता था। इसलिए तो क्लास के बाहर निर्मला को देखते ही सभी विद्यार्थी एक दम शांत हो गए और जैसे ही निर्मला क्लास के अंदर प्रवेश की वैसे ही सभी विद्यार्थी एक साथ अभिवादन करते हुए अपनी अपनी जगह पर खड़े हो गए।

गुड मॉर्निंग मैडम,,,,,,,, ( सभी विद्यार्थी एक साथ अभिवादन करते हुए बोले,,,,, निर्मला भी सभी विद्यार्थियों का अभिवादन स्वीकार करते हुए बोली)

मॉर्निंग डीयर स्टूडेंट,,,,,,,,,,

( सभी विद्यार्थी अपनी-अपनी जगह पर बैठ गए और निर्मला मैथ्स पढ़ाना शुरु कर दी,,,,, क्लास में बैठे सभी लड़के और लड़कियां शुभम के ही हमउम्र थे और उनके बीच सुभम भी बैठा हुआ था,,,, सभी को इस बात की अच्छी तरह से जानकारी थी कि शुभम निर्मला मैडम का ही लड़का है लेकिन निर्मला ने कभी भी क्लास के अंदर इस बात का फायदा अपने बेटे शुभम को नहीं लेने दि की वह उसका बेटा है बल्कि जिस तरह से वह दूसरे विद्यार्थियों के साथ बर्ताव करती थी ठीक उसी तरह से ही वह अपने बेटे शुभम के साथ भी एक विद्यार्थी के संबंध वाला ही बर्ताव करती थी। निर्मला पूरी स्कूल में सभी विद्यार्थी की फेवरेट मैडम थी क्योंकि वह बड़े ही प्यार से और बहुत ही अच्छे तरीके से पढ़ाती थी जिससे की सभी विद्यार्थियों को एक ही बार में समझ आ जाता था।
निर्मला जिस क्लास के विद्यार्थियों को पढ़ाती थी उनकी उम्र के हिसाब से उनके मन में नई नई उमंगे भी जागती रहती है सभी विद्यार्थी उम्र के उस दौर से गुजर रहे थे जहां पर,,,, लड़कों को लड़की के प्रति और लड़कियों को लड़के के प्रति आकर्षण जन्म लेता है। यही असर क्लास के विद्यार्थियों को भी जरूर होता था क्योंकि जब भी निर्मला ब्लैक बोर्ड पर चौक से मैथ के सवाल हल करती थी,,,,तो अधिकतर विद्यार्थियों की नजर निर्मला के भरावदार बदन के उस खास हिस्से पर फिर नहीं लगती थी जहां से मर्दों के लिए औरतों के प्रति आकर्षण शुरू होता था। क्लास के अधिकतर लड़के निर्मला के भराव दार गोरे बदन को निहारने में ही लगे रहते थे,,,, खास करके तब जब वह ब्लैक बोर्ड पर कुछ लिखती रहती थी क्योंकि जैसे जैसे ब्लैक बोर्ड पर निर्मला के हाथ चलते थे वैसे वैसे उसके बदन में एक अजीब प्रकार की मदद हरकत होने लगती थी जो कि वह हरकत खास करके उसके नितंबों पर गहरा असर डालती थी। बदन में हो रही हरकत के साथ साथ उसकी कमर के नीचे उसके भरावदार नितंबों में अजीब सी मादक थिरकन होने लगती थी,,, जिसकी वजह से क्लास में सभी लड़कों का ध्यान अपने आप ही ऊस खास स्थान पर चला जाता था। क्लास में उपस्थित सभी लड़कों का बस इसी पल का बेसब्री से इंतजार रहता था कि कब मैडम ब्लैक बोर्ड पर लिखना शुरु करें,,और उन लोगों को ऊस मादक पल को अपने जेहन में उतारने का पूरा भरपूर मौका मिल सके। ऐसा कोई भी लड़का क्लास में नहीं था जो कि यह नजारा देखने के बाद ऊसका लंड खड़ा ना हुआ हो,,,,, उन लोगों की पेंट में हमेशा तंबु बन जाता था। और वह तंबू तब तक बना रहता था जब तक निर्मला क्लास में उपस्थित रहती थी उसके जाने के बाद खुद ब खुद स्थिति सामान्य हो जाती थी। क्या रोज का हो चुका था शुरु शुरु में तो निर्मला का ध्यान इस बात पर बिलकुल नहीं किया लेकिन धीरे-धीरे उसे इस बात का एहसास होने लगा कि जब भी वह ब्लैकबोर्ड पर कुछ लिखती है तो क्लास के लड़कों की नजरें उसके कमर के नीचे वाले भाग पर ही टिकी रहती थी। इस बात का एहसास होते ही कि लड़कों की नजर उसकी बड़ी बड़ी गांड पर ही टिकी होती है तो वह शर्मिंदा हो गई। उसे यकीन ही नहीं हो पा रहा था कि इस उम्र के लड़के भी इस तरह की हरकत कर सकते हैं लेकिन वह कर भी क्या सकती थी। अब वह लड़कों से तो खुल कर बोल नहीं सकती थी कि तुम लोग मेरी गांड क्यों देखते हो,,, वह इस बारे में सोच-सोच कर बहुत परेशान हो रही थी,,, सारा सारा दिन इसी बात को सोचकर वह अपने आप को परेशान किए हुए थी,,,, कुछ दिन तक तो वहां ब्लैक बोर्ड पर लिखना ही बंद कर दी थी बस कुर्सी पर बैठे-बैठे ही समझाती रहती लेकिन ऐसे काम चलने वाला नहीं था क्योंकि इस तरह से समझाने में विद्यार्थियों को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था,,, दूसरी तरफ विद्यार्थियों का भी बुरा हाल था क्योंकि वह अभी निर्मला के प्रति आकर्षित हो चुके थे खास करके उसके बड़े बड़े नितंबो के प्रति जो की निर्मला के इस व्यवहार के कारण उंन्हें आंख सेंकने का मौका नहीं मिल पा रहा था। विद्यार्थियों का उतरा हुआ मुंह देख कर तो ऐसा लगता था कि उनके मुंह से कोई निवाला छीन लिया हो,,,,, लेकिन निर्मला भी क्या कर सकती थी टीचर की जॉब जो करनी थी इसलिए उसे एक स्थिति का सामना तो करना ही था इसलिए ना चाहते हुए भी वह मन कड़ा करके फिर से पहले की ही तरह ब्लैक बोर्ड पर सवालों को समझाने लगी,,
और निर्मला के इस व्यवहार की वजह से क्लास में ऐसा लग रहा था कि जैसे,,,, रेगिस्तान में बरसात हो गई हो सुखे खेतों में फिर से हरियाली छा गई हो,,,,,,
निर्मला के ही वजह से क्लास में विद्यार्थियों की उपस्थिति शत प्रतिशत होने लगी थी,,, जिससे स्कूल के प्रिंसिपल भी खुश थे,,,,,
लड़के तो लड़के लड़कियां भी निर्मला की खूबसूरती की दीवानी थी और जिस तरह से लड़के उस खास अंग पर ज्यादा नजर बनाए रखते थे उसी तरह से लड़कियां भी
निर्मला के उसी भरावदार नितंब पर अपनी नजर गड़ाए रहती थी। इस बात का एहसास निर्मला को तब हुआ जब एक बार रिशेष समाप्त होने के बाद वह क्लास के करीब पहुंची ही थी कि अंदर से फुसफुसाहट की आवाज सुनकर कोतूहल वश वह दरवाजे पर कान लगाकर अंदर से आ रही आवाज को सुनने लगी। अंदर से आ रही लड़कियों के बातचीत की आवाज को सुनकर निर्मला हैरान हो गई उसे बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि लड़कियां इस तरह की बातें कर सकती हैं। सभी लड़कियां निर्मला के बारे में ही अपनी अपनी राय दे रही थी।

यार निर्मला मैडम कितनी खूबसूरत है मैंने आज तक ऊन जैसी खूबसूरत औरत कभी भी नहीं देखी,,,,,


हां यार तू बिल्कुल सच कह रही है। भगवान ने उन्हें बड़ी फुर्सत से बनाया है । लगता है कि पानी से नहीं दूध से नहाती है तभी तो इतनी ज्यादा गोरी है,,,
( तभी तीसरी लड़की की आवाज आई,,,,)

तूने उनकी चूचियां देखी है,,,,,,,, चुचीयां,,,,,,,,, कितनी बड़ी-बड़ी है,,,,,
( तभी बीच में दूसरी लड़की बोली)

मुझे तो लगता है कि मैडम अपनी चुचियों के साइज से कम साइज की ब्रा और ब्लाउज पहनती है,,,,,, तभी तो देख उनकी चुचियों के बीच की लकीर कितनी लंबी नजर आती है,,,,,,
( तभी उनमें से एक लड़की बात को बीच में काटते हुए बोली,,,,,)

नहीं यार ऐसा नहीं है उनकी चूचियां है ही इतनी बड़ी-बड़ी के ब्लाउज में ही नहीं समा पाती,,, इसलिए तो उनकी छातीयां ऐसी लगती है जैसे कि कोई विशाल पर्वत हो,,,,,, उनकी चूचियां देख कर तो ऐसा ही लगता है कि उनके हस्बैंड रोज दबा दबा कर और घंटों मुंह में भर कर पीते होंगे तभी तो इतनी मस्त गोल-गोल और बड़ी है,,, और सबसे खास बात तो यह कि इस उम्र में भी उनकी चुचियो का कसाव बरकरार है,,, वर्ना ईस उम्र में तो ढीली पड़ जाती है और लटकने लगती है
( तभी उनमें से एक लड़की बोली,,,,)

काश भगवान ने मेरी भी चुचीयां इतनी बड़ी-बड़ी बनाई होती तो कितना मजा आ जाता है,,,,,,
( उसकी सहेली बीच में चुटकी लेते हुए बोली,,,,,)
चिंता मत कर तेरी चूचियां भी बड़ी बड़ी हो जाएंगी जब तेरा पति ईसे दबा दबा कर पिएगा,,,,,,

यार शादी होने में तो अभी काफी समय है तब तक इन छोटे-छोटे शंतरों से बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा है,,,,
( अब दूसरी लड़की उसके इस बात पर चुटकी लेते हुए बोली।)

मेरी जान तब तक अपने बॉयफ्रेंड को ही बोल दे वह खूब दबा दबा कर पीएगा तब शादी से पहले ही तेरे संतरे खरबूजे हो जाएंगे,,,,,
( उसकी बात पर सारी लड़कियां खिलखिलाकर हंस दी,, और दरवाजे के बाहर खड़ी निर्मला उन लड़कियों की बात सुनकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी उसे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें,,, लड़कियां भी इतनी गरम और गंदी बातें कर सकती है आज पहली बार वह अपने कानों से सुन कर ही उस बात पर भरोसा कर पाई थी,,,,, निर्मला उन लड़कियों की बात सुनकर गनंगना गई थी,,,, निर्मला को लड़कियों की बातें सुन कर रहा नहीं गया और उसने एक नजर अपनी छातियों पर फिरा दी,,,,, लेकिन इस पर भी निर्मला को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वह उन लड़कियों की बात सुनकर हैरान हो या उन लड़कियों के द्वारा की गई तारीफ सुनकर प्रसन्न हो,,,,,, वह कुछ समझ पाती उससे पहले ही कुछ देर से खामोश बैठी लड़की बोली,,, जिसकी बातें सुनकर निर्मला पूरी तरह से दंग और स्तब्ध रह गई


यार तुम लोग तो मैडम की चुचियों के पीछे पड़े हो असली खूबसूरती की तरफ तो तुम लोगों का ध्यान ही नहीं जाता,,,,,

(सभी लड़कियां एक साथ बोली,,,)

कौन सी असली खूबसूरती,,,,,,,


मैडम जी की गांड,,,,,,, ( गर्म आहें भरते हुए बड़े ही कामुक अंदाज में वह लड़की बोली,,,,,)

गांड,,,,,,, ( एक साथ सभी लड़कियों के मुंह से निकला)

हां यार गांड,,,,,, कसम से यार उनकी बड़ी-बड़ी भरावदार गांड पर जब भी मेरी नजर जाती है तो ना जाने मुझे क्या होने लगता है,,,,, एक अजब सी ख़ुमारी मेरे अंदर अपना असर दिखाने लगती है और मैं मंत्रमुग्ध सी बस मैडम की भरावदार नितंबों को ही घुरती रहती हूं

( तभी दूसरी लड़की उसके सुर में सुर मिलाते हुए बोली,,,)

हां यार तू बिल्कुल सच कह रही है मैं भी जब भी मैडम की गांड देखती हूं तो मुझे भी अजीब सा नशा छाने लगता है जी करता है कि बस उनकी गांड को देखते ही जाऊं,,,,,,
( बारी-बारी से सभी लड़कियों ने मैडम की गांड की तारीफ में अपना मत व्यक्त करने लगे)
हां यार सच है, मैडम की गांड देख करके हम लड़कियों की हालत खराब हो जाती तो सोचो लड़कों का तो लंड ही खड़ा हो जाता होगा,,,,,,,


Messages In This Thread
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 03-31-2020, 03:13 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,459,187 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,690 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,245 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,946 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,017 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,129 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,220 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,945,656 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,988,864 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,897 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 14 Guest(s)