Sex kahani अधूरी हसरतें
03-31-2020, 03:20 PM,
#34
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
शुभम का इशारा देखते ही उत्तेजना के मारे निर्मला का गला सूखने लगा क्योंकि वह अपने लंड की तरफ इशारा कर रहा था। निर्मला की बांछे खिल गई उत्तेजना और प्रसन्नता के भाव चेहरे पर आ जरूर रहे थे लेकिन वह उन्हें छिपा ले जा रही थी। उसके इशारे करने मात्र से ही निर्मला का मन कहां भरने वाला था इसलिए वह बोली।

कहां बेटा ऐसे कैसे मुझे बता तो सही,,,, तेरी जांघ पर लगी है क्या?

नहीं मम्मी जांघ पर नहीं इस जगह( तोलिए में उठे हुए भाग पर इशारा करते हुए) पर लगी है।
( शुभम अपनी मम्मी के सामने इस तरह से अपनी मां को दिखाते हुए अपने लंड की तरफ इशारा करके उत्तेजित होने लगा था जिसकी वजह से उसके तौलिए में तंबू का साइज बढ़ने लगा था उसे देखकर निर्मला का मुंह खुला का खुला रह गया और वह बोली।)

यह तेरे तोलिया में क्या है जो इतना उठता चला रहा है। ( तौलिए में बनते तंबू को देखकर निर्मला की हालत खराब होने लगी थी साथ ही साथ शुभम की उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी उसे आने वाले कल के बारे में सोच कर दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी।)

इसी पर तो मम्मी मुझे चोट लगी है।
( निर्मला की सांसे ऊपर नीचे होने लगी उसे अब सत प्रतिशत विश्वास हो गया था कि आज वह अपने बेटे के हथियार को एकदम करीब से नजर भर कर देख लेगी,,,,,,

उत्तेजना के मारे शुभम का भी गला सूख रहा था उसे भी यकीन हो चला था कि आज वह अपनी मां को अपने लंड के दर्शन जरुर करा देगा। उसकी मां जिस तरह से उस जगह के बारे में पूछताछ कर रही थी उसे भी इतना आभास तो हो गया था कि वह भी उसके लंड को देखने के लिए उत्सुक है।
निर्मला बोली।

चल दिखा मुझे कैसी चोट है जो तुझे परेशान किए हुए हैं।

( निर्मला फिर से तो बम से पूछने लगी और इस तरह से अपनी मां के द्वारा पूछे जाने पर शुभम को लगने लगा कि अपनी मां को साफ साफ बता देना चाहिए क्योंकि अंदर ही अंदर वह भी जानती थी कि कौन सी जगह पर मुझे चोट लगी है। जोकी चोट बोट कुछ नहीं लगी थी यह तो बस बहाना ही था। इसलिए वह बोला।


लललल,,,,,,,,, लंड पर लगी है मम्मी,,,,,,, ( उत्तेजना और घबराहट की वजह से हकलाते हुए बोला। लेकिन उसके मुंह से अपनी मां के सामने लंड शब्द निकलते ही उसकी नजरें शर्म से नीचे झुक गई,, शुभम भले ही अपनी मां को गंदी नजरों से देखने लगा था भले ही वह अपनी मां के साथ संभोग सुख का आनंद लेना चाहता था। लेकिन अभी तक वह अपनी मां के सामने पूरी तरह से खुला नहीं था इसलिए इस तरह के शब्द अपनी मां के सामने बोलना उसके संस्कार में नहीं था। लेकिन एक बार संस्कार की जगह वासना ने ले ली तो सारे संस्कार और मर्यादा धरी की धरी रह जाते हैं। निर्मला को भी अपने बेटे के मुंह से इस शब्द को सुनने की बिल्कुल भी आशा नहीं थी,,,, लेकिन आज पहली बार अपने बेटे के मुंह से लंड शब्द सुनकर उसके बदन में झुनझुनी सी होने लगी थी। ऊसे
कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अपने बेटे के इस शब्द का वहां कैसे प्रतिक्रिया दें। लेकिन वह तो यही समझ रही थी कि उसके बेटे को सच में गेंद से चोट लगी है और उसके लंड पर ही लगी है,,,, उत्सुकता तो थी ही अपने बेटे के लंड को देखने की लेकिन इस समय उसे चिकित्सा की भी जरूरत थी। भीलवाड़ा के मन में यह बात भी चल रही थी कि अगर कहीं शर्म के मारे वह खुद अपने बेटे का योग्य इलाज ना कर सकी तो कहीं ऐसा ना हो कि छोटा सा घाव बड़ा रूप धारण कर ले और बाद में तकलीफ झेलना पड़ जाए। इसलिए वह अपने बेटे की मुंह से लंड शब्द को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया में शख्ति ना दिखाते हुए मुस्कुराती ताकि उसकी मुस्कुराहट देखकर शुभम का डर उसके मन से निकल जाए। इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोली।

ओहहहहह,,,,, वहां लगी है। ( मुस्कुराते हुए) तू भी नहीं इतना शर्मा रहा है कि जैसे,,,,,,,, ठीक है मानती हूं कि उस जगह पर चोट लगी है ऐसा बताने में शर्म महसूस होती है लेकिन मुझसे कैसी शर्म,,,, और मुझे नहीं बताएगा तो कैसे बताएगा अच्छा हुआ तूने मुझे बता दिया मैं तेरा अच्छे से इलाज कर दूंगी,,,,,

( शुभम जब लंड शब्द बोला था तब उसके चेहरे पर उत्तेजना और घबराहट साफ नजर आ रही थी । वह ईसलिए घबरा रहा था कि कहीं उसकी मां यह सब्द ऊसके मुंह से सुन कर उस पर बिगड़ ना जाए। लेकिन अपनी मां को मुस्कुराते हुए देखकर वह थोड़ा सहज हाेने लगा उसके मन से डर बाहर निकलने लगा। वह भी आश्चर्य से अपनी मां को देख ही रहा था कि तभी उसकी मां बोली।)

चल अच्छा मुझे अब दिखा तो चोट कैसी है ? ( निर्मला एकदम बेझिझक होकर बोली। लेकिन अपनी मां की बात सुनकर शुभम के पसीने छूट गए। पहले तो वह सिर्फ कल्पना में ही ना जाने क्या-क्या सोच कर रखा था। उसे यह बड़ा आसान लग रहा था वह सोच कर रखा था कि वह अपनी मां को बेझिझक हो कर के अपना खड़ा लंड ं दिखाएगा और वह मस्त होकर के उसके साथ संभोग सुख प्राप्त करने के लिए तड़पने लगेगी। लेकिन इस समय अपनी मां के सामने वह शर्म के साथ साथ खबरा भी रहा था। जब की सबकुछ े साफ हो चुका था उसकी मां भी उसका लंड देखना चाहती थी जिस पर चोट लगी थी। वैसे भी वह चोट नहीं चोट के बहाने उसके दमदार लंड को देखना चाहती थी जिसकी ना जाने ऊसने कितनी बार कल्पना करके अपनी बुर का पानी निकाल चुकी थी। शुभम अपनी मां की बात सुनकर हक्का-बक्का सा खड़ा ही रह गया उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें तभी उसकी मां फिर बोली।)

क्या हुआ दिखा तो ऐसे खड़ा क्यों है?

मम्मी मुझे शर्म आ रही है मैं कैसे आपको दिखाऊं,,,,, और इस समय तो देखो कैसा है। ( शुभम शरमाते हुए बोला और शर्म के मारे अपनी नज़रें नीचे झुका लिया,,,,, निर्मला अपने बेटे के कहने का मतलब को साफ साफ समझ चुकी थी क्योंकि इस समय उसका लंड पूरी तरह से खड़ा था जो कि तौलिए में तंबू बनाए हुए था। वह अपने बेटे की मनोस्थिति को अच्छी तरह से समझ रही थी इसलिए वह बात को संभालते हुए बोली।)

अच्छा कोई बात नहीं तुम मेरे कमरे में चलो मैं आती हूं,,,, और दवा भी वहीं रखी हुई है।

ठीक है मम्मी,,,,,( इतना कहकर वह नजर झुका कर अपनी मां की कमरे की तरफ जाने के लिए रसोई घर से निकल गया और निर्मला उसे जाते हुए देख रही थी और उसके होठों पर एक अजीब प्रकार की मुस्कान तैरने लगी।
संस्कारों और मर्यादाओं से सुसज्जित निर्मला,,,, अपने बदन कि प्यार और वासना के भंवर में एकदम से जकड़ा चुकी थी। किस भंवर से निकलने का उसके पास कोई रास्ता नहीं था वह जिस रास्ते से गुजर रही थी उसकी मंजिल असीम सुख का सागर था। और उस सुख के सागर का पूरी तरह से आनंद लेने के लिए संस्कार मर्यादा रीति रिवाज और मां बेटे के बीच पवित्र रिश्ते का केंचुल ऊतारना ही पड़ता और केंचुल को उतारने के लिए निर्मला अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर चुकी थी। शुभम अपनी मां के कमरे में जा चुका था निर्मला अभी भी रसोई घर में थी उसके मन में अजीब प्रकार की गुदगुदी हो रही थी। उसका मन हर्षोल्लास से भर चुका था आज उसकी मनोकामना पूरी होने वाली थी। वह जल्दी से गैस बंद करके अपने कमरे में पहुंच गई। कंमरे मे प्रवेश करते ही उसकी नजर शुभम पर गई जोकि बिस्तर के किनारे खड़ा था। और उसके चेहरे पर शर्म की रेखाएं साफ नजर आ रही थी। शर्म के बावजूद भी उसके तौलिए में उसका लंड पूरी तरह से तैयार खड़ा था जिस पर नजर पड़ते ही निर्मला की बुर उत्तेजना के मारे फुलने पिचकने लगी,,,,। शुभम शरमा भी रही था और पूरी तरह से उत्तेजित भी था। निर्मला उसकी हालत देखकर अंदर ही अंदर खुश हो रही थीे वह बिना कुछ बोले ही अलमारी का ड्रोवर खोलकर उसमें से मुव निकाल ली। शुभम तिरछी नजरों से अपनी मां को ही देख रहा था।
निर्मला मुव के केप को खोलते हुए बोली।

शुभम अब अपना तौलिया उतार दे और मुझे बता कि किस जगह पर चोट लगी है। ( इतना कहते हुए वह खुद बिस्तर पर बैठ गई लेकिन शुभम ज्यों का त्यों खड़ा रहा। )
अब क्या हुआ तुझे?

दरवाजा,,,,,,( दरवाजे की तरफ नजर घुमाते हुए बोला।)

अरे घर में हम दोनों के सिवा तीसरा कोई भी नहीं है । (अच्छा रूक में दरवाजा बंद कर देती हुं इतना कहने के साथ ही वह बिस्तर पर से उठी और दरवाजा बंद करके वापस आकर बिस्तर पर बैठ गई।)

चल अब जल्दी से तौलिया हटा,,, मे जल्दी से दवा लगा दुं मुझे और भी काम करना है।

मैं कैसे मुझे शर्म आ रही है।

अच्छा इधर आ कुछ शर्माता बहुत है सब कुछ मुझे ही करना होगा।
( अपनी मां की बात सुनकर शुभम धीरे धीरे अपनी मां के सामने आ करके खड़ा हो गया उसे ईस समय बहुत घबराहट हो रही थी क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि कुछ ही पल में हो अपनी मां के सामने पूरी तरह से नंगा खड़ा होने वाला है। लेकिन इस समय जिस तरह से वह घबरा रहा था इस बारे में उसने कभी सोचा नहीं था मैं तो यह सोच रहा था कि वह खुद ही सब कुछ कर लेगा लेकीन अपने सोच के विपरीत वहां इस समय एकदम घबरा रहा था लेकिन उसके बदन में उत्तेजना बिल्कुल पहले की ही तरह बनी हुई थी। शुभम अपनी मां के ठीक सामने खड़ा था और निर्मला बिस्तर पर बैठी हुई थी उसकी नजर शुभम के तोलिए के बीचो-बीच थी जिसने बड़ा ही भयंकर तंबू बना हुआ था उस शंभू को देखकर निर्मला समझ गई थी कि अंदर का हथियार बेहद दमदार और तगड़ा है जो कि वह पहले भी देख चुकी थी लेकिन आज आंखों के इतने करीब से देखने की उत्सुकता से उसके बदन की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। अब शुभम को तो लिया उतारने के लिए कहना बेकार था क्योंकि फिर से वह शर्माने का बहाना कर देता। जोकि निर्मला को सच में लग रहा था कि शुभम शर्मा रहा है इसलिए वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर तोलिया को एक ही झटके में शुभम के बदन से खींचकर अलग कर दि। और अगले ही पल जो नजारा सामने आया उसे देखते ही निर्मला की हालत खराब हो गई। उसकी आंखों में कामुकता की चमक साफ नजर आने लगी, वह फटी आंखो से अपने बेटे के तगड़े और खड़े लंड को देखे जा रही थी। लंड इतना ज्यादा टाइट था कि तन कर उसका सुपाड़ा छत की तरफ मुंह उठाए खड़ा था। जिसे देखते ही निर्मला की बुर से नमकीन रस की बूंदे टपकने लगी। जिंदगी में पहली बार वह अपने पति के बाद किसी और का लंड देख रही थी तो वह उसका बेटा ही था। लंड की आश्चर्यजनक लंबाई और उसकी मोटाई को देखकर निर्मला की सांसे ऊपर-नीचे हो गई,,,, उस दिन तो वहां दूर से ही देख कर एक दम मस्त हो गई थी लेकिन आज तो वह एकदम करीब से अपने बेटे के लंड को देख रही थी। शुभम के लंड में खून का दौरा इतनी तेजी से हो रहा था कि लंड की अंदरूनी नशे लंड की ऊपरी सतह पर उपस आई थी,,, जिसे देख कर निर्मला की बुर में गुदगुदी सी होने लगी थी। निर्मला तो भौंचक्की सी अपने बेटे के लंड को देखे जा रही थी। लंड का सुपाड़ा करीब डेढ़ इंच का था। सुपाड़े की इतनी भयंकर गोलाई को देखकर निर्मला तो एक पल के लिए सोचने लगी कि इतना मोटा सुपाड़ा उसकी बुर में घुसेगा केसे।
अपनी मां के सामने इस तरह से नंगा खड़े होने पर और एकदम खड़ा लंड अपनी मां को दिखाने पर उसे शर्म सी महसूस हो रही थी इसलिए वह अपनी नजरें इधर उधर फेर ले रहा था लेकिन जिस तरह से उसकी मां उसके टनटनाए हुए लंड को देख रही थी, उसे देखकर शुभम के बदन में झुनझुनी सी फैल जा रहीे थी।
निर्मला तो अपने बेटे के लंड को देखकर अंदर से एकदम उत्साहित और उन्मादित नजर आ रही थी।


Messages In This Thread
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 03-31-2020, 03:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,460,078 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,756 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,585 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,228 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,452 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,542 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,918,007 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,947,989 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,989,727 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,956 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 21 Guest(s)