RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
अरे बाबा मेरी बात तो सुनो,,,, मेरी सुनोगी भी या खुद ही बक बक बक बक करती रहोगी। तुम्हें इतना तो पता ही होगा कि कल रात कितनी मूसलधार बारिश पड़ी है। हम निकले ही तो थी तुम्हारे घर पर आने के लिए लेकिन बीच रास्ते में ही ऐसी तूफानी बारिश पड़ने लगी कि आगे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। एक्सीडेंट होते-होते बचा। तुम्हें तो पता ही होगा कि मैं गाड़ी कितने संभालकर चलाती हूं और ऐसी स्थिति में गाड़ी चला पाना मेरे बस की बात नहीं है।
इतनी तेज बारिश हो रही थी कि हाईवे पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा था अगर ऐसे में मैं तुम्हारे घर आने की कोशिश भी करती तो शायद एक्सीडेंट हो जाता मुझे मजबूरन गाड़ी को हाईवे से नीचे उतारकर पेड़ के नीचे खड़ी करनी पड़ी,,,, और तुम सायद नहीं जानती कि रात भर हमें वही ही रुकना पड़ा जब तक की बारिश बंद नहीं हो गई। एक तो भूखे प्यासे हम लोग रात भर वही रूके रहे और तू है कि हम लोगों को ही भला बुरा कहे जा रही है।
( निर्मला की बात सुनकर शीतल को इस बात का पछतावा होने लगा कि आप बिना कुछ सोचे समझे निर्मला को बोले जा रहीे थी,,,, तभी वह अपनी गलती मान कर बात को घुमाते हुए अपने मजाकिया अंदाज में बोली।)
वाह निर्मला रात भर बरसती बारिश में और वह भी कार के अंदर मुझे तो लग रहा है रात भर भाई साब ने तेरी जमकर चुदाई किए होंगे,,,,,
तु फिर शुरू हो गई तेरे दिमाग में सच में गंदगी भरी हुई जब देखो तुझे एक ही बात सुझती है।
क्या करूं निर्मला डार्लिंग जब तक बदन में जवानी है मजे ले लेना चाहिए एक बार बुढ़ापा आ गया तो बस सब कुछ एक सपना सा हो जाएगा।
तो भाई साहब तो है ना जमकर मजा लिया करो उनके साथ।
अपनी किस्मत कहां ऐसी है ऊन्हे तो काम से ही फुर्सत नहीं मिलती। बस तड़प कर ओर हथेलीे से रगड़ कर ही रह जाती हुं।
( शीतल की बात सुनकर निर्मला भी कुछ पल के लिए खो सी गई और मन ही मन सोचने लगी कि शीतल की तरह ही उसकी भी हालत यही थी वह भी तड़प कर रहे जाती थी। चुदाई का असली सुख क्या होता है यह तो वह भूल ही चुकी थी,,,, निर्मला कुछ और सोच पाती इससे पहले ही फिर से शीतल बोली,,,।)
अरे क्या हुआ तू खामोश क्यों हो गई अच्छा सच सच बताओ क्या भाई साहब ने रात भर तेरी ली है कि नहीं,,,,?
अरे यार तू सच में पागल है क्या तेरे भाई साहब को कहा फुर्सत मिलती है मेरे साथ कहीं भी आने जाने के लिए वह तो अपने बिजनेस में ही मस्त रहते हैं।
तो फिर तू किसके साथ आा रही थी।
ओहह,,, जवान लड़के के साथ और वह भी तूफानी बारिश में हाईवे के किनारे एक लड़का और एक खूबसूरत औरत कार के अंदर बड़ा ही रोमांटिक मौसम,,,,,,वाहहह,,,,, मेरी जान जरूर कुछ ना कुछ हुआ होगा,,,,,,,
धत्तत्त,,,,,, तू सच में एकदम पागल है,,वह मेरा बेटा है। तू इतना गंदा क्यों सोचती है?
अरे पागल मैं नहीं तू है बेटा है तो क्या हुआ है तो जहान में उस की नसों में भी जवान खून दोड़ रहा होगा,,, एक जवान खूबसूरत औरत को अपने करीब और वह भी ऐसी बरसती बारिश में पाकर उसका भी लंड खड़ा हो गया होगा,,,,,
शीतल,,,,,,,, क्या बकवास कर रही है।
बकवास नहीं सच कह रही हूं मैंने बहुत सी इंग्लिश मूवी में देखा है की एक जवान बेटा,,, अपनी मां की चुदाई करता है और उसकी मां भी अपने बेटे से जम कर चुदवाती है।
बस कर शीतल तू अब बहुत बोल रही है ऐसा कुछ भी नहीं है।
क्या सच में कुछ नहीं हुआ?
नहीं यार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ मैं इस तरह कुछ सोच भी नहीं सकती।
यार इतना अच्छा मौका तुम दोनों ने गंवा दिया तो रात भर क्या हुआ मंजीरा बजा रहे थे।
बारिश बंद होने का इंतजार कर रहे थे।( निर्मला हंसते हुए बोली।)
धत्त तुम दोनों बेवकूफ के बेवकूफ हो,,,, अगर कहीं मैं ऐसी परिस्थिति में अपने बेटे के साथ तूफानी बारिश में कहीं फसी होती तो सच में अपने बेटे के जवान लंड से जरूर चुदी होती,,,,,
क्या सच में तू ऐसा करती शीतल,,,,
तो क्या निर्मला में तेरी तरह बेवकूफ थोड़ी हूं इस उम्र में जवान लंड का स्वाद चखने को मिल जाए यही बहुत ,, होता है,,,। और वैसे भी कहां किसी को पता चलने वाला है अब खुद का बेटा तो दूसरे को यह नहीं कहना ना वह अपनी मां को चोदता है और ना ही उसकी मां ही कहेगी की वह अपने बेटे से चुदवाती है। इसलिए सब कुछ सुरक्षित ही रहता है और इस उम्र में कहीं बाहर जाकर मुंह मारो तो बदनामी का डर भी रहता है और इतना मजा भी नहीं आता। और इस तरह से तो घर की बात घर में ही रह जाती है।
( निर्मला शीतल की यह बात सुनकर हंसने लगी और हंसते हंसते कुछ सोचते हुए बोली,,,, )
यार सीतल कितना अच्छा होता अगर तेरे भी एक बेटा होता,,, तू किसी डॉक्टर के वहां चेकअप नहीं करवाई।
करवाई थी यार मेरा तो सब कुछ नॉर्मल है खामी तो उनके मे ही,,,,
तो उनको इलाज करवाना था ना।
लेकिन वह इलाज के लिए तैयार हो तो ना मर्द हैं कभी झुकना नहीं चाहते,,, इसलिए तो आज तक बिना औलाद के ही हूं,,,, सच कहूं तो निर्मला इसलिए मेरा मन इधर उधर भटकता रहता है किसी और से संबंध बनाने के लिए लेकिन भले ही में इतना कुछ बोल डालती हूं अंदर ही अंदर मुझे बहुत ही शर्म महसूस होती है । मेरी बातें सुनकर तू भी यही सोचती होगी कि मैं गंदी औरत हुं,,, लेकिन सच बताऊं तो मैंने आज तक कभी भी किसी गैर मर्द के साथ संबंध नहीं बनाए।
( शीतल की बात सुनकर निर्मला थोड़ा उदास हो गई और उस को दिलासा देते हुए बोली,,,,)
तू परेशान मत हो शीतल सब कुछ ठीक हो जाएगा,,,,
क्या खाक ठीक हो जाएगा निर्मला तू भी बस झूठा दिलासा देती रहती है,,,,,( तभी शीतल हंसते हुए बोली) हां जरूर ठीक हो जाएगा जब तू अपने बेटे को मेरे पास भेज देगी हो सकता है उसके जवान लंड से चुदकर में पेट से हो जाऊं( इतना कहने के साथ ही वह जोर जोर से हंसने लगी लेकिन निर्मला खामोशी रही वह शीतल की बात सुनकर कुछ भी नहीं बोल पाई तभी सीतल बोली,,,,)
अच्छा यह तो बताओ कि तू आज स्कूल क्यों नहीं आई।
अरे कैसे आती है अभी तो मैं सोकर उठी हूं,,,,,,
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