RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
नहीं मम्मी ऐसी कोई बात नहीं है मैं तो बस यूं ही पूछ लिया था।
नहीं मैं मान ही नहीं सकती तेरे मन में जरूर कुछ आया है तभी तू मुझसे यह पूछ रहा है,,, देखा सच सच बता दे तेरे और मेरे बीच में कोई भी ऐसी बात नहीं होनी चाहिए कि तु मुझसे ना कर सके और मैं तुझसे कुछ ना कह सकु अब तो हम दोनों के बीच कुछ भी छुपा नहीं रहना चाहिए तेरे मन में जो आए वह मुझे बोल सकता है इसलिए डर मत और बोल दे,,,।
( निर्मला शुभम के मन से डर निकाल रही थी वह जानती थी कि शुभम जरूर ऐसा कुछ बोलने वाला है जिसे बोलने में उसे शर्म महसूस हो रही है या तो वह डर रहा है,,, इसलिए तो उसकी बात सुनने की उत्सुकता निर्मला के मन में भी बढ़ती जा रही थी,,, अपनी मां से इस तरह के तसल्ली भरे शब्द सुनकर उसके मन का डर निकलने लगा और वह भी अपने मन की बात बताते हुए बोला।)
मम्मी मैं बताता हूं लेकिन तुम गुस्सा मत करना मेरे मन में बस यूं ही आ गया था,,,।
बेटा तू बिल्कुल चिंता मत करो अब हम दोनों के बीच कुछ भी छुपाने जैसा नहीं है इसलिए तू बिंदास बोल,,,
( इतना बोलते हुए निर्मला ने आखिरी में वाला भी अपने मुंह में डालकर उसे चलाने लगी लगभग दोनों ने खाना खा चुके थे,,, शुभम खाना खाकर पानी पीते हुए बोला,,,।)
मम्मी तुम इतनी ज्यादा खूबसूरत हो सेक्सी हो तुम्हारा बदन एकदम खूबसूरत है,,( अपने बेटे के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर निर्मला मुस्कुरा रही थी) तुम इस उम्र में भी इतनी ज्यादा सेक्सी और खूबसूरत लगती हो तो अपने कॉलेज के दिनों में तो तुम और भी ज्यादा खूबसूरत लगती होगी,,,
हां लेकिन तेरे कहने का मतलब क्या है,,
मेरा मतलब यही है कि जब तुम्हें देखकर मेरा मन मचलने लगता है तब तो उस समय तुम्हारे साथ में पढ़ने वाले लड़कों की तो हालत खराब हो जाती होगी जरूर वह तुम्हारे पीछे पड़े होंगे,,,,
( शुभम की यह बात सुनकर उसके चेहरे की रौनक बढ़ने लगी क्योंकि वह जो भी कह रहा था वह बिल्कुल सच था वह अपनी जवानी के दिनों में और भी ज्यादा सेक्सी लगती थी और लड़के भी उसके पीछे अक्सर घूमते रहते थे लेकिन वह शुभम के मुंह से असली बात जानना चाहती थी जोंकि वह गोल गोल घुमा रहा था।)
हां बेटा जो तू कह रहा है वह बिल्कुल सच है लड़के अक्सर मेरे आगे पीछे घूमा करते थे लेकिन तू कहना क्या चाहता है।
मम्मी मैं यही कहना चाहता हूं कि कॉलेज में भी तुम्हारे बॉयफ्रेंड तो होंगे ही,,,( इतना सुनते ही उसकी भौंहे तन गई )
और वह भी हो सकता है कि तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने तुम्हें,,,,
तुम्हें,,,मेरा मतलब है,,,,
तू इतने पर ही अटके रहेगा या आगे भी कुछ बोलेगा मैं तुझसे पहले भी कह चुकी हूं कि तू डर मत बोल दे जो बोलना है,,,
( निर्मला अपने बेटे के मुंह से सुनना चाहती थी लेकिन वह हड़बड़ा रहा था इसलिए उसकी हड़बड़ाहट दूर करने के लिए वह उसका हौसला बढ़ाने लगी,,।)
मम्मी मैं यह कह रहा था कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड है तो तुम्हारी चुदाई जरूर की होगी,,,, और तुम उसका लंड जरूर देखी होगी,,,,,
( इतना सुनते ही निर्मला जोर-जोर से हंसने लगी शुभम को क्या समझ में नहीं आया कि आपकी बात सुनकर उसकी मां क्यों हंस रही है,,, आश्चर्य और उत्सुकता से अपनी मां की तरफ देख रहा था तभी वह हंसते हुए बोली,,,,।)
मुझे मालूम था कि तेरे मन में यही खुराफाती शैतानी ख्यालात चल रहा है।,,,, ऐसा कुछ भी नहीं है मैं जानती हूं कि बहुत लोगों के दिमाग में यही सब ख्याल आता है।,, ऐसा नहीं है कि, मेरे पीछे लड़के ना पड़े हो लगभग कॉलेज के सभी लड़के मेरे पीछे पड़े थे लेकिन,, उनमें से किसी को भी मैंने अपनी करीब नहीं आने दी,,,, इसलिए तो मैं जो कह रही हूं आप बिल्कुल सही है,,, मैं अपने जीवन में सिर्फ दो लोगों के ही लंड को देख चुकी हूं। तेरे पापा का और तेरा,,,।
( अपनी मां की बात सुनकर शुभम के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे दोनों खाना खा चुके थे,,,, तभी निर्मला बर्तन को समेटते हुए बोली,,,)
बस अब मुझे यूं बातों में वक्त जाया नहीं करना है और यह बर्तन में सुबह साफ कर लूंगी,,, मैं अपने कमरे में जा रही हुं तु जल्दी आ जाना।
( इतना कहकर वह अपने कमरे की तरफ चल दी)
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