Sex kahani अधूरी हसरतें
04-01-2020, 02:52 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
( शुभम तो शीतल की यह बात सुनकर एकदम से जीत गया और उसकी नजर अपने पैंट पर गई तो सच में वहां बहुत बड़ा तंबू बना हुआ था जिसे वह अपनी हथेली से छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगा और उसकी यह हालत देखकर शीतल को वहां ज्यादा देर ठहर ना ठीक नहीं लगा और वह हंसते हुए चली गई,,,, शुभम भी किसी तरह से अपनी क्लास में आकर बेठ गया।,,,,,
क्लास से इसे रिपोर्ट कार्ड मिली थी जिस पर उसे उसके पापा के दस्तखत कराने पर रिपोर्ट कार्ड लेकर घर आ गया लेकिन घर पर आकर केवल उसे उसकी मां ही नजर आती थी उसकी खूबसूरती का रसपान करते हुए चार-पांच दिन बीत गए लेकिन उसने रिपोर्ट कार्ड पर अपने पापा के दस्तखत नहीं कराए,, रिपोर्ट कार्ड पर दस्तखत कराने की अंतिम तारीख थी क्योंकि उसे क्लास में देकर जमा करना था लेकिन वह भूल गया था और उसके पापा घर से ऑफिस चले गए थे,,,,, वह उस रिपोर्ट कार्ड पर अपने पापा के दस्तखत कराने के लिए अपने पापा के ऑफिस की तरफ निकल गया।
दूसरी तरफ चार-पांच दिन गुजर जाने की वजह से रीता भी परेशान हो चुकी थी क्योंकि उसे अभी तक रकम नहीं मिली थी। क्योंकि अशोक उसे पैसे नहीं देना चाहता था जब रीता करीब नहीं होती थी तो वह इस बारे में जरूर सोचना था और उसे लगने भी लगा था कि वह काफी पैसे उसके ऊपर लुटा चुका है और उसकी लालच और ज्यादा बढ़ती जा रही है।,,
लेकिन जब पीड़िता उसके करीब होती थी तो वह सब कुछ भूल जाता था,,, ऑफिस में अपना काम करते हुए अशोक मन में ठान लिया था कि इस बार वह रीता को पैसे नहीं देगा चाहे जो भी हो जाए अगर ऐसा हुआ तो वह साफ-साफ उसे कहकर ऑफिस से निकाल देगा और दूसरी तरफ रीता अपने केबिन में बैठ कर उस पैसे के बारे में ही सोच रही थी,,, वह उठकर अशोक की केबिन में जाने लगी,,, क्योंकि वह जानती थी कि अशोक से किस तरह से पैसे लेने हैं,,, रीता केवीन का दरवाजा खोलकर ऑफिस में प्रवेश कि,, अशोक अलमारी म से े कोई फाइल ढूंढ रहा था,,,, रीता बिना कुछ सोचे समझे पीछे से जाकर अशोक के बदन से लिपट गई,,, और उससे लिपटते हुए बोली,,, अशोक मेरी जान कुछ दिनों से तो मेरे ऊपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हो क्या कोई और मिल गई है तुम्हें (इतना कहते हुए वह अपना हाथ नीचे ले जाकर पेंट के ऊपर से अशोक के लंड को सहलाने लगी,,, अशोक समझ रहा था कि वह क्या करने आई है लेकिन वह उसकी उंगलियों के जादू से बच नहीं सका क्योंकि कुछ ही सेकंड में उसके लंड में हरकत होना शुरू हो गई,,,,, और रीता धीरे से उसकी पेंट की बटन खोलकर एक झटके से ही अंडरवीयर सहित उसके पैंट को घुटनों तक सरका दी,,, और अशोक को अपनी तरफ घुमा दी,,,, एक हाथ से उसका लंड पकड़ कर ही लाते हुए उसके होठों को चूमने लगी अशोक की हालत उसकी इस हरकत से और ज्यादा खराब होने लगी,,, अशोक उत्तेजित होकर अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर रीटा की चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा रीता समझ गई कि अब यह एकदम चुदवासा हुए जा रहा है,,, तभी उसकी तड़प को और ज्यादा बढ़ाते हुए रीता अशोक से दो कदम पीछे हटी और उसके सामने ही अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगी अशोक अपना लंड पकड़ कर यह नजारा देखकर और ज्यादा मस्त हुए जा रहा था। कभी रीता ने अपनी साड़ी को कमर तक उठा दि और अपनी पैंटी को नीचे की तरफ सरकाते हुए जांघों में फंसा दी,,, अशोक की नजर रीता की चिकनी बुर पर पड़ते ही वह एकदम से चुदवासा हो गया रीता ने जानबूझकर अपनी बुर को आज ही वीट क्रीम लगाकर साफ की थी,,,, अशोक रीता की तरफ आगे बढ़ता इससे पहले ही रीता उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई,,, अशोक को समझ पाता इससे पहले ही वह अपनी नजरें पीछे घुमा कर अशोक की तरफ मादक मुस्कान बिखेरते हुए देखती हुई टेबल के ऊपर झुक गई और अपनी भारी-भरकम गांड को अशोक के सामने परोस दी,,, रीता की यही कामुक अदाएं अशोक की जान ले लेती थी अशोक से रहा नहीं गया और वह रीता की तरफ अपना लंड पकड़े आगे बढ़ा,,, रीता समझ गई थी कि वह अब एकदम से चुदवासा हो गया है। अशोक आगे बढ़कर रीता की गांड को दोनों हाथों से थाम लिया,,, रीता समझ गई कि अब वह लंड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है, वह अपना लंड ऊसकी बूर से सटाता इससे पहले ही,, रीता अपनी गांड को आगे की तरफ सिकोड़ ली,, और वह अपनीे गांड को सिकोड़ते हुए बोली,,,

तुम अब बदल गए हो अशोक तुम मुझ पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते,,,,

ऐसा क्यों कह रही हो जान मैं तुम पर बराबर ध्यान देता हूं,,,

नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है तो मुझ पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते कुछ दिनों से तो तुम मुझसे बात तक नहीं कीए हो,,

ऐसा कुछ भी नहीं है रीता,,,, तुम्हें गलतफहमी हो रही है । (इतना कहते हुए वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर रीता कि बड़ी-बड़ी गांड को पकड़ना चाह रहा था कि तभी वह उसका हाथ झटकते हुए बोली,,,)

गलतफहमी मुझे नहीं,,,, बल्कि तुम सच में बदल गए हो,,, वैलेंटाइन के दिन मैं अपना परिवार अपने पति को छोड़ कर तुम्हारे साथ शहर के बाहर गई सिर्फ तुम्हें खुश करने के,,, लिए,,, तुम्हारी खुशी की खातिर में अपने परिवार को बार-बार छोड़ कर तुम्हारे साथ कहीं भी चल देती हूं,,,,

यह तुम क्या कह रही हो रीता मुझे बिल्कुल समझ में नहीं आ रहा है । (इतना कहते हुए एक बार फिर से रीता की भराव दार गांड को थामने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि फिर से वह उसका हाथ झटकते हुए बोली,,,,)
वैलेंटाइन के दिन हर प्रेमी अपनी प्रेमिका को कुछ ना कुछ गिफ्ट देता है लेकिन तुमने मुझे कुछ भी नहीं दिया सिवाय झूठे वादे के,,,,,


नहीं जान ऐसा कुछ भी नहीं है मैं तुम्हें झूठा वादा नहीं दिया हूं (इतना कहते हुए अशोक फिर से उसकी मतवाली गांड पर अपना हाथ रखने चला लेकीन इस बार रीता ने उसके हाथ को झटकी नहीं,,,, वह अपनी नंगी गांड पर उसके हाथ को रखने दी,,, रीता की मस्त नंगी गांड पर अपने दोनों हाथ रखते ही उसका जोश बढ़ने लगा और वह कसकर रिता की गांड को अपनी हथेली में भरकर दबाने लगा,,, ऐसा करते ही अशोक को लगने लगा कि रीता नरम पड़ रही है और एक कदम आगे बढ़कर धीरे से अपने लंड को रीता की बुर के मुहाने सटा दिया,,,, लेकिन इस बार भी रीता ने उसे कुछ नहीं बोली बस अपनी नजरें पीछे की तरफ घुमा कर अशोक की हरकत पर नजर रखते हुए बोली,,,,

शुभम तुम मुझे धोखा दिए हो,,

नहीं जान ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मैं भला तुम्हें क्यों धोखा दूंगा,,,,

तो तुमने उस रात को मुझे ₹500000 देने का वादा किया था लेकिन अब तक पैसे के बारे में मुझसे कोई जिक्र तक नहीं किए हो,,,,

रीता तुम मुझे गलत समझ रही हो कुछ दिनों से मैं बहुत बिजी हूं इसलिए तुम्हें पैसे नहीं दे पाया तुम तो जानती हो ऑफिस में कितना काम रहता है,,,( इस बार अशोक ने अपने लंड के सुपाड़े को रीता की पनियाई बुर के अंदर उतार दिया,,, उसे लगने लगा कि रीता चोदने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुकी है इसलिए उसका विरोध नहीं कर रही है लेकिन उसके सोचने के बिल्कुल विपरीत रीता एक हाथ पीछे ले जाकर अशोक के लंड को पकड़कर अपने हाथ से ही अपनी बुर से बाहर निकाल दि,,,, और लंड को अपनी बुर से बाहर निकालते हुए बोली,,,,

नहीं मैं वैसे झूठे इंसान के साथ कोई भी संबंध रखना नहीं चाहती (इतना कहते हुए रीता खड़ी हो गई और अपनी साड़ी को नीचे कर दी,,, अशोक रीता की हरकत से एकदम से तड़प उठा क्योंकि अभी भी उसके लंड पर से रीता के मदन रस की बूंदे टपक रही थी, वह एकदम से चुदवासा हो गया था ओर रीताा की बुर में लंड डालने के लिए तड़प रहा था,,,, वह एक हाथ में लंड थामे रीता को बोला,,,



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