RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
रीता को इस तरह से ऑफिस में आता देखकर अशोक को अच्छा तो नहीं लगा,, लेकिन वह कर भी क्या सकता था,, रीता को पहले से ही वह हर तरह की छूट दे रखा था,,,, पुरानी यादो के झरोखों से अशोक बाहर आ चुका था,,, रीता के चेहरे की तरफ देखकर वह भी समझ गया कि रीता आज गुस्से में इसलिए वह कुछ बोलती ऊससे पहले ही वह बोल पड़ा,,,
क्या हुआ रिता तुम्हारा चेहरा क्यों बुझा-बुझा सा है,,,,
चलो यह तो अच्छा हुआ कि तुम्हें इस बात का पता तो चल गया कि मेरा चेहरा बुझा बुझा सा है,,,, और इसके पीछे का कारण भी तुम अच्छी तरह से जानते हो,,,,,,
मैं समझा नहीं कि तुम क्या कहना चाहती हो,,
बनो मत अशोक तुम अच्छी तरह से जानते हो कि मैं क्या कहना चाहती हूं,, मुझे पैसों की सख्त जरूरत है और तुम मुझे वादा करके पैसे देने से इंकार कर रहे हो,,,
मैं कब इनकार किया,,,,
इंकार नहीं किए लेकिन तुम्हारा मतलब साफ़ दिखाई दे रहा है,,,,( रीता चेयर को अपनी तरफ खींच कर उस पर बैठते हुए बोली,,,।)
देखो रीता मैं सच कहूं तो इस समय मेरे पास पैसे नहीं है इसलिए मैं तुम्हें समय नहीं दे सकता,,,,( अशोक साफ-साफ जता देना चाहता था कि उसकी अब उसे जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ देर पहले ही फोन पर उसका दूसरा जुगाड़ जो कि उसकी खुद की बहन थी वह बन चुका था,,, इसलिए अब वह रीता से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से बोला,,,।)
पैसे नहीं है,, मुझसे तो झूठ बोलने की कोशिश तुम बिल्कुल मत करना क्योंकि मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि यह तुम्हारा बहाना है,,,,। मुझे पैसे चाहिए और आज ही चाहिए,,,,,
( रीता गुस्से में बोल रही थी और अशोक उसपर ध्यान दिए बिना ही फाइल चेक करने लगा वैसा जताना चाह रहा था कि उसकी बातों का उस पर कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है।)
अशोक,,,,( गुस्से में उसके हाथों से फाइल छीनते हुए,,) मैं तुमसे कुछ कह रही हूं और तुम हो कि मेरी बात पर ध्यान दिए बिना ही अपना काम कर रहे हो मैं तुम्हें पागल दिखती हूं क्या,,,, पैसे देते हो या नहीं इतना मुझे साफ-साफ बता दो,,
( रीता कि यह बात अशोक को धमकी भरी लगी इसलिए उसे गुस्सा आ गया और वह गुस्से में बोला,,,।)
रीता मैं तुम्हें एक फूटी कौड़ी नहीं दूंगा तुम अच्छी तरह से जानती हूं कि मैंने तुम्हारे ऊपर पैसों की बारिश कर दिया हूं तुम्हें क्या नहीं दिलाया फ्लैट गाड़ी ऐसो राम की सारी चीजें,,, लेकिन तुम्हारी लालच बढ़ती जा रही है इसलिए मैं अब तुम्हें एक रुपया नहीं देने वाला,,,,
तो तुम मुझे मुफ्त का नहीं देते आ रहे हो,,, उसके बदले में तुमने मेरा इस्तेमाल किए हो तुम्हारा बिस्तर गर्म करती आ रही हूं तब तुम जाकर मुझे बिस्तर गर्म करने के एवज में पैसे दीए हो,,,, यह बात तुम भी अच्छी तरह से जानते हो और मैं भी कि तुम्हारी बीवी बिल्कुल ठंडी है जिसके साथ तुम्हें सोने में मजा नहीं आता इसके लिए तुम मेरे पहलू में आकर गर्माहट लेते आ रहे हो,,,,, मैं हूं तो तुम्हारी इज्जत बची हुई है वरना ना जाने किसी कॉल गर्ल के साथ मुंह मारते फिरते,,,
तो तुम भी एक कॉल गर्ल की ही तरह हो,,, जिसका काम है पैसे लेकर बिस्तर गर्म करना और अब तक तुम भी यही करती आई हो,, और इसके बदले में मैंने तुम्हारी सोच से भी ज्यादा धन दौलत तुम पर लुटा चुका हूं,,, लेकिन अब तुम्हारा काम खत्म हुआ और तुम जा सकतीे हो,,,,।
( अशोक का यह बे रूखापन देखकर और अपने लिए उसके मुंह से कॉल गर्ल की थी उपमा को सुनकर रीता अंदर ही अंदर झुलस गई उसके गुस्से का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया,,, वह चिल्लाते हुए बोली,,,,।)
अशोक इतना जरूर याद रखना कि जब एक औरत किसी मर्द के लिए अपनी टांगों को खोल सकती हैं तो वक्त आने पर उसकी टांगों के बीच लात भी मार सकती है तुमने जो मेरा आज अपमान किए हो इसका बदला तो मैं तुम से लेकर रहुंगी,,, और अपने पैसे भी तुम से लेकर रहूंगी तुम मुझे अभी ठीक से समझ नहीं पाई मैं तुम्हारी विवाहित जिंदगी में आग लगा दूंगी,,,,
तुझे जो करना है कर लेना मैं तेरी धमकियों से डरने वाला नहीं हूं गेट आउट,,,,,
तेरे जैसा दोगला इंसान मैंने आज तक नहीं देखी,,,, अपनी भोल़ी भाली बीबी को इतना बड़ा धोखा दे रहा है,,, मैं तुझे सिर्फ 2 दिन का समय देती हूं इन 2 दिनों में तो मुझे 1000000 रूपया देकर मुझे हमेशा के लिए भूल जाओ और मैं भी तुझे हमेशा के लिए भूल जाओगी लेकिन तूने अगर इन 2 दिनों में मुझे 1000000 रुपए नहीं दिए,,,, तो मै तेरी जिंदगी उजाड़ कर रख दूंगी,,, तूने जो मेरे साथ अब तक रंगरेलिया मनाया है वह सारी कहानियां मैं तेरी बीवी कोे सुना दूंगी,,,, और तेरे और मेरे बीच में जिस्मानी तालुकात को बताते हुए तेरी बीबी से मुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आएगी क्योंकि तू ही मुझे कॉल गर्ल बोल रहा है तो अब तू देखना यह कॉल गर्ल क्या करती है,,,,,,।
( इतना कहने के साथ ही वह चेयर पर से उठी और पैर पटकते हुए ऑफिस का दरवाजा जोर से खोल कर बाहर जाते हुए उसे बड़ी तेजी से बंद कर दी,,, अशोक उसे जाते हुए देखता रह गया उसकी आखिर में दी हुई धमकी सेवा थोड़ा घबरा गया लेकिन यह सोचकर वह शांत हो गया कि भला एक औरत अपने नाजायज रिश्ते को किसी औरत को कैसे बता सकती है ईसलिए वाह शांत हो गया और अपने ऑफिस का काम करने लगा,,,,
निर्मला के साथ साथ उसकी सहअध्यापिका शीतल भी पूरी तरह से शुभम की दीवानी हो चुकी थी,,,, शीतल शुभम के मर्दाना ताकत को अपने जिस्म में महसूस करना चाहती थी वह उसकी मर्दानगी को अपनी आंखों से साक्षात दर्शन करना चाहती थी,,,, क्योंकि वह पैंट के ऊपर से तो उसके मुसल जैसे लंड को पकड़कर,, उसके मोटे पन और उसकी मजबूती का जायजा ले चुकी थी इसलिए वह उसका साक्षात दर्शन करने के लिए तड़प रही थी,,,, इतनी बोल्ड औरत होने के बावजूद भी उसने अभी तक अपने पति के लंड के सिवा किसी और के लंड के दर्शन नहीं किए थे,,,, हालांकि इच्छा तो उसकी बहुत होती थी पर वह अपने कदम को उस दिशा की तरफ आगे बढ़ाने में हिचकिचाती थी क्योंकि इसमें बदनामी का भी डर का लेकिन जब से उसकी मुलाकात शुभम से हुई थी तब से उसके अंदर का डर कुछ हद तक खत्म हो चुकी थी और वह शुभम के लंड को देखने के लिए उसे हाथों में लेकर उसी गर्माहट को महसूस करने के लिए उसे हीलाने के लिए,,, और उस मजबूत लंड को अपने बुर की गहराई में उतार कर अपने पतिव्रता सिद्धांत को दूर करने के लिए तड़प रही थी,,,,,
स्कूल में रिशेष हो चुकी थी,, निर्मला को रिपोर्ट तैयार करने के लिए इसलिए वह क्लास में ही बैठकर अपना रिपोर्ट तैयार कर रही थी लेकिन शीतल की हालत पल पल खराब हो जा रही थी वह तो बस मौका ढूंढती थी बस शुभम से मिलने के लिए,,,, क्लास में बैठ कर दरवाजे से बाहर जागती हुई शुभम के देख जाने का इंतजार कर रही थी लेकिन जहां तक उसको उम्मीद थी कि शुभम उसे नजर नहीं आने वाला है क्योंकि वह इस समय अपनी मां के साथ उसकी क्लास में लंच कर रहा होता है,,,, लेकिन शीतल की किस्मत बहुत तेज थी उसे शुभम उसकी क्लास से बाहर जाता हुआ नजर आ ही गया,,,, उसे देखते ही वह तुरंत उसे आवाज़ लगाई,,,
शुभम,,,,, शुभम,,,,,,,,,( वहां दो बार उसका नाम पुकारी ही थी कि शुभम आगे कदम बढ़ा गया,,, चेहरे पर आई प्रसन्नता के भाव क्षण भर में ही उदासी में बदल गए लेकिन तभी शुभम दो कदम पीछे चलकर कनखियों से शीतल की तरफ देखने लगा और देखते हुए बोला,,,,।
आपने मुझे आवाज दी मैडम,,,,
( दोबारा शुभम को आवास के बाहर आया हुआ देखकर शीतल के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव फिर लौट आएं और वह चहकती हुई बोली,,,,।)
हां हां,,,,,,, शुभम,,,, आओ मैं तुम्हारा इंतजार कर रही थी,,,,
मेरा इंतजार लेकिन क्यों मैडम,,,, (इतना कहते हुए वह क्लास में प्रवेश किया)
शुभम मैं तुमसे पहले भी कह चुकी हूं कि सबके सामने मुझे भले ही मैडम कहां करो लेकिन अकेले में तुम मुझे सिर्फ शीतल बुलाया करो,,,,
( इतना सुनकर शुभम के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई और वह मुस्कुराते हुए बोला,,,।)
ठीक है मैडम,,,, मेरा मतलब है की शीतल,,,,
( शुभम के मुंह से यह बात सुनकर शीतल मुस्कुरा दी,,।)
लेकिन शीतल तुम मुझे,,,,,, मतलब है कि मेरा इंतजार कर रही थी लेकिन क्यों,,,,?
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