RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
निर्मला के बाथरूम में घुसते ही वह लड़के भी बगल वाले बाथरूम में बेधड़क घुस गए और अंदर जाते ही सभी ने अपना अपना लंड बाहर निकालकर अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू कर दिया,,,, लेकिन तब तक निर्मला कोई भी हरकत में नहीं आई थी वह कुछ देर तक आईने में अपनी शक्ल को देखती रही आईना भी उसकी खूबसूरती जैसे जल भुन जा रहा हो,, इस तरह से वह अपने धुंधलापन की वजह से उसके चेहरे को संपूर्ण रुप से नहीं दिखा रहा था,,, लेकिन निर्मला भी अपना रुमाल निकालकर आईने को साफ करके अपनी खूबसूरती को आईने में देखकर मुस्कुराती हुई दो कदम आगे बढ़ गई उसकी लचकती हुई नितंबों को देखकर बगल वाले बाथरूम में लड़कों की हालत ख़राब हुए जा रही थी। उन लोग का लंड पूरी तरह से खराब हो चुका था और वह लोग अपनी मुट्ठी में भरकर उसे हिला रहे थे तभी निर्मला अपनी साडी को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाने लगी, यह नजारा यह क्रिया औरतों के लिए पूरी तरह से औपचारिक था लेकिन यही किया मर्दों के लिए बेहद कामुकता से भरा हुआ था। क्योंकि उन्हें मालूम था कि सारी उठते ही उनके सामने बेहद आकर्षक और कामातुर कर देने वाला नजारा पेश आने वाला है। धीरे-धीरे निर्मला अपनी साड़ी को ऊपर की तरफ उठा रही थी और उसे देखते हुए उन लड़कों की हालत कटे मुर्गे की तरह होती जा रही थी। वह लड़के ऊस छेंद में बारी-बारी से अपनी आंख सटाकर निर्मला की नंगी जवानी का रसपान कर रहे थे। जैसे-जैसे निर्मला की नंगी टागे दूधिया उजाले में और भी ज्यादा चमकती जा रही थी वैसे वैसे उन लड़कों की आंखों में चमक और उनके लंड में कड़ापन बढ़ता जा रहा था। अगले ही पल निर्मला ने अपनी साड़ी को पूरी तरह से कमर तक उठा दि,,, यह नजारा देखकर लड़कों के मुंह से गर्म सिसकारी निकल गई और निकलती भी कैसे नहीं लाल रंग की पैंटी में निर्मला की बड़ी-बड़ी और गौरी गांड पूरी तरह से कसी हुई थी। ऐसा कामातुर कर देने वाला नजारा था कि अगर निर्मला के समीप कोई लड़का होता तो उसकी पैंटी उतारे बिना ही अपने मोटे लंड को उसकी बुर में उतार देता,,, उसके पीछे लगी प्यासी नजरों से अनजान निर्मला धीरे धीरे अपनी पैंटी के दोनों छोर को ऊंगलियो में फसा दी,,,, औरतों का इस तरह से पेंटी उतारने का यह बेहद नायाब तरीका है,,, इस तरह की नाजुक तरीके से ही पता चलता है कि औरत कितने उच्च स्तर की है।,,,
सभी लड़की आंख मारे इस नजारे को धड़कते दिल से और फुंफकारते लंड को हाथ में पकड़ कर देख रहे थे। उन लड़कों के तन बदन पर निर्मला की इस हरकत का क्या असर हो रहा था इसका वर्णन करना बेहद मुश्किल था। बस इतना ही बयां हो सकता था कि उन लोगों की हालत कटे मुर्गे की तरह थी कि जिसकी जान गले में अटकी हुई थी और गला कट चुका था।,,, निर्मला बेहद होले होले अपनी पैंटी को नीचे की तरफ सरका रही थी मानो कि वह जानबूझकर किसी को अपनी हरकत द्वारा अपने नितंबों का प्रदर्शन कर रही हो,,, बेहद उत्तेजक ओर उन्मादक नजारा बनता जा रहा था,,, इस बेहद कामोत्तेजना से भरपूर नजारे का गवाह सिर्फ बाथरूम की दीवारें थी जिसकी चमकती टाइल्स में निर्मला का अक्स नजर आता था,,, एक दूसरे का बात है बाथरूम मैं बने छेद से झांक रहे वह लड़के,,,, लड़कों का हाथ बड़ी तेजी से चल रहा था निर्मला धीरे-धीरे अपनी पैंटी को सरकाते हुए नितंबों के बीचो-बीच ले आई,,, जहां से निर्मला के नितंबों के बीच की वह गहरी लकीर नजर आने लगी जिसकी वजह से नितंबों के दोनों गोले अलग हो जाते थे।,,,, अभी घोड़ों की रेस शुरू हुई हुई थी कि कुछ घोड़े पहले चरण में ही लड़खड़ा कर गिर गए,, उनमे से कुछ लड़कों के लिए यह बेहद शर्मिंदगी भरा एहसास था,,, क्योंकि अभी तो सिर्फ निर्मला की मदमस्त गांड की मात्र वह गहरी खाई ही नजर आई थी,, जिसमें कि दुनिया का हर मर्द डूबने के लिए तैयार भी रहता है और तड़पता भी रहता है,। और इनमें से कुछ लड़कों ने तो बस इस गरम गहरी खाई को देखते हीैं पानी छोड़ दिया,,, यह उनके साथियों के लिए हास्यपद भी था। लेकिन कुछ लड़के निर्मला की जवानी के तूफान में भी टिके हुए थे। निर्मला आहिस्ता आहिस्ता अपनी पैंटी को नीचे जांगो तक सरकादी,, संपूर्ण रूप से नग्न नितंबों के दर्शन मात्र से ही उन लड़कों की सिसकारी छूट गई,,,, गजब का गोल आाकार लिए हुए निर्मला का नितंब था। तभी धीरे से निर्मला मूतने के लिए नीचे बैठने लगी,,, इसी पल का उन लड़कों को बड़ी बेसब्री से इंतजार था। यह नजारा देखने के लिए उन लोगों की सांसें तक थम गई थी। निर्मला नीचे बैठ चुकी थी,,,, उसकी बुर की पेशाब की तेज धार बड़ी तेजी से फूट पड़ी थी,,, और उसमें से बज रही सीटी की आवाज उन लड़कों को बेहद गर्माहट प्रदान कर रही थी,,,,। उन लड़को के हाथ उनके लंड पर बड़ी तेजी से चल रहे थे।,,, निर्मला भी बड़ी तेजी से पेशाब की धार छोड़ते हुए अपने आप को हल्का करने में लगी हुई थी। वह पेशाब पूरी तरह से कर पाती ईससे पहले ही उन लड़कों ने एक साथ पानी छोड़ दिया,,, निर्मला के गांव जाने से पहले का यह ं उन लड़कों के लिए बेहद उत्तेजनात्मक चरम सुख था।
पानी निकल जाने के बावजूद भी उन लड़को ने अभी भी उसे छेंद से बाथरूम के अंदर का गर्म नजारा देखना बंद नहीं किया था क्योंकि वह लोग आखरी पल तक निर्मला की खूबसूरती के रस को अपनी नजरों से पी लेना चाहते थे कुछ ही देर में निर्मला भी पूरी तरह से पेशाब कर चुकी थी,,, वह उठने से पहले एक बार अपने नितंबों को जोर से झटके देकर बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच फसे पेशाब की बुंदो को निकाल दी,,, उसका इस तरह से नितंबों को झटका दे ना भी बेहद परेशान कर देने वाला था,,, क्योंकि जब वह अपने नितंबों को झटका दे रही थी तो उसकी मांसल गांड किसी पानी में लहर की तरह लहरा रही थी,,,,। जो कि उन लड़कों के होश उड़ा रही थी,,,, निर्मला जल्दी से खड़ी हुई और अपनी पेंटिं को ऊपर की तरफ चढ़ााकर,, वापस नितंबों को उस पैंटी में कस ली,,,, और अपनी साड़ी को नीचे की तरफ छोड़ दी इसके साथ ही एक बेहद हसीन और कामोत्तेजना से भरपूर नजारे पर पर्दा पड़ गया।
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