RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
रीता घर के मुख्य द्वार पर पहुंच चुकी थी ।उसके चेहरे से साफ पता चल रहा था कि वह गुस्से में है,,,, उसने डोर बेल के बटन को दबाकर घंटी बजाई घर के अंदर आराम से कुर्सी पर बैठकर मधु के बारे में सोचते हुए अशोक अपना वक्त गुजारना था इस तरह से अचानक घंटी बजने की वजह से उसे लगा कि शायद निर्मला या तो शुभम घर आ चुका है इसलिए बेमन से वह दरवाजे को खोलने के लिए उठा।, उधर दूसरी तरफ शुभम प्लीज धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए अपने घर के गेट तक पहुंच गया था और चुपके से मुख्य दरवाजे की तरफ देख रहा था जहां पर रीता खड़ी थी,,। रीता बार-बार डोर बेल बजाया जा रहे थे ऐसा लग रहा था कि आज वह फैसला करके ही आई थी कि,, अशोक को पूरी तरह से बदनाम कर देगी शुभम वहीं छुप़ कर उसके अंदर जाना का इंतजार करने लगा,,। जो बार-बार घंटी बजाने की वजह से अशोक चीढ़ता हुआ जोर से बोला,,,,।
अरे आ रहा हुं,,, क्या घंटी तोड़ दोगी,,,,,( वह समझ रहा था कि निर्मला दरवाजे पर खड़ी है,,, इतना कहने के साथ ही वह दरवाजे तक पहुंच कर उसे खोलते हुए बोला,,,,।)
क्या करती हो पागल हो, ग,,,,,, ( रीता को सामने खड़ा देखते ही उसके शब्द गले में ही अटक गए उसे यकीन नहीं हो रहा था कि रिता उसके घर अाई है,,,, वह लगभग हकलाते हुए बोला)
ततततत,,, तुम,,, यहां,,,,
हां मैं सोचा कि तुम मेरी खबर नहीं ले रहे हो तो मैं ही तुम्हारी खबर ले लूं,,,,( इतना कहने के साथ ही वह घर में प्रवेश करी,, उस पर किसी और की नजर ना पड़ जाए इसलिए अशोक ने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया,,,,)
तुम यहां क्या लेने आई हो मुझे ऑफिस में भी तो बात कर सकती थी,,,।
तुम्हारे व्यवहार से लगता है कि अब बातचीत करने का समय खत्म हो चुका है,,,,।
हां सब कुछ ख़त्म हो चुका है,,,,। मैं अब तुमसे किसी भी प्रकार का संबंध रखना नहीं चाहता,,,,,
( दरवाजा बंद होते ही शुभम जल्दी से गेट खोल कर अंदर की तरफ आ गया और दरवाजे से कान लगाकर अंदर की बातों को सुनने लगा,,,,)
यह तो मुझे पता ही था कि तुम्हारा मन मुझसे भर गया है इसलिए तो तुम मेरी जरूरतों को पूरा करने से आनाकानी कर रहे हो,,,,
देखो नीता तुम चाहे जो समझो लेकिन आप मेरा और तुम्हारा कोई रिश्ता नहीं है तुम जा सकती हो,,,,
अशोक तुमने जो मेरे साथ किया है यह मत समझना कि मैं दूसरी औरतों की तरह शांत हो जाऊंगी,,,, और मुझसे इस तरह इतनी आसानी से पीछा नहीं छुड़ा सकते तुम,,, मैं आज तुम्हारी मैडम से मिलकर ही जाऊंगी,,,, कहां है वो देखूं तो,,,
(इतना कहकर वह सीढ़ियों की तरफ बड़ी ही रही थी कि अशोक बोला)
घर पर कोई नहीं है वह बाहर गई है,,,,
तो यह बात है तभी मैं सोचूं कि तुम इतना दहाड़ क्यों रहे हो,,
कोई बात नहीं मैं इंतजार करूंगी मैं भी आज मैडम से मिलकर ही जाऊंगी और तुम्हारी जिंदगी का काला चिट्ठा तुम्हारी मैडम के सामने खोल कर ही दम लूंगी,,, तुम मुझे यूं झूठे बर्तन की तरह उपयोग नहीं कर सकते कि जब मन आया उसे खा लिया और उसे फेंक दिया,,,, मैं वह हस्ती हूं जय बार गले में फंस जाओ तो फिर उसे कोई नहीं बचा सकता,,,,
( अशोक बार-बार दरवाजे की तरफ देख रहा था कि कहीं निर्मला ना जाए उसे डर लग रहा था और जिस तरह से रीता उससे धमकी भरी बातें कर रही थी उससे तो उसके घबराहट और ज्यादा बढ़ रही थी उस के पसीने छूटने लगे थे,,,, उसे लगने लगा कि आज वह निर्मला को सब कुछ बता कर ही दम लेगी अगर ऐसा हुआ तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा अभी तक तो सुबह महाराज जानता था लेकिन उसने यार आज अपनी मां को नहीं बताया था लेकिन आज यह रिश्ता उसके काले करतूतों को उसकी बीवी को बता कर उसकी जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद कर देगी,,, समाज में उसकी क्या इज्जत रह जाएगी अड़ोस पड़ोस के लोग क्या कहेंगे यही सब सोचकर उसके पसीने छूटने लगे,,, और वह बोला,,,।
रीता तुम चाहती क्या हो,,,,?
मुझ से पीछा छुड़ाने कि रकम मुझे सौंप दो इसके बाद दूर-दूर तक मेरा और तुम्हारा कोई वास्ता नहीं होगा,,,
नहीं बेटा अब मैं तुम्हें एक फूटी कौड़ी नहीं दूंगा तुम अच्छी तरह से जानती हो कि मैंने अच्छी-खासी संपत्ति तुम पर लुटा चुका हूं तुम्हें फ्लैट दिलाया गाड़ी दीलाया,,, अपने शौक मौज पूरे करने के लिए महीने में लाखों रुपया लेती हो तुम,,, लेकिन अब मैं तुम्हें कुछ नहीं दे सकता,,,,
माेज शौक कीस मोज सौक की बात कर रहै हो,,, मौज शौक तो तुम करते आ रहे हो मेरे साथ,,,, और उसके बदले में तुम मुझ पर आपने कैसे मिटा दिया रहे हो कोई मुफ्त का मेरे पर खर्च नहीं कर रहे हो,,, यह बात अच्छी तरह से अपने दिमाग में बैठा लो,,,, और अगर तुम्हें ऐसा लगता है तो आज मैं तुम्हारी बीबी से कौन किसके साथ मौज सौक करते आ रहा है सब कुछ बता कर ही जाऊंगी,,,,
( शुभम दरवाजे से कान लगाए सब कुछ सुन रहा था,,, उसने जानकर बड़ी हैरानी हो रही थी कि काफी समय से उसके पापा उस औरत के साथ शारीरिक संबंध बना रहे थे और उसके ऊपर लाखों रुपए खर्च कर चुके थे,,,,। शुभम को इस बात से भी डर लग रहा था कि अगर वह औरत उसके और उसके पापा के बीच में शारीरिक संबंध के बारे में उसकी मां को बता दे तो उसकी मां पर क्या बीतेगी क्योंकि उसकी मां से यही सोचती आ रही थी कि अशोक सिर्फ उस पर ध्यान नहीं देता बाकी उसका चरित्र खराब नहीं है लेकिन यह जानकर कि वह दूसरी औरत के साथ शारीरिक संबंध रखता है तभी उसके साथ किसी भी प्रकार का शारीरिक संबंध बनाने से कतराता है,,,, यह सोचकर शुभम का मन थोड़ा घबरा रहा था उसे भी इस बात का डर था कि कहीं उसकी मां ना आ जाए और जिस तरह से वह औरत उसके पापा को धमकी दे रही थी इससे तो ऐसा ही लग रहा था कि वह उसकी मां को सब कुछ बता देगी,,, इस बात से अशोक भी काफी परेशान नजर आ रहा था,,,।)
देखो रीता तुम ऐसा कुछ भी नहीं करोगी तुम भी अब तक मेरा ज्यादा ऊपयोगं कर चुकी हो,,, तुम इधर से चुपचाप चली जाओ इसी में तुम्हारी भलाई है,,, वर्ना मैं अभी पुलिस को फोन लगाऊंगा और एक ईज्जतदार बिजनेसमैन को बदनाम करने के जुर्म मे तुम्हें अंदर करवा दूंगा,,,
( अशोक की यह बात सुनकर रीता जोर-जोर से हंसने लगी अशोक को यही लगा था कि उनकी ऐसी धमकी सुनकर रीता डर जाएगी लेकिन उस के विपरीत रीता जोर-जोर से हंसे जा रही थी,, और उसे हंसता हुआ देखकर अशोक का कलेजा सूखने लगा था,,,,। वह हंसते हंसते एकाएक खामोश हो गई और जोर से दहाड़ते हुए बोली,,,।)
अशोक इस तरह की बेवकूफी भरी गलती करने की कोशिश भी मत करना क्योंकि तुम्हारी यही गलती तुम्हारे लिए ही भारी पड़ जाएगी और जो तुम बहुत इज्जत दार इज्जत दार बिजनेसमैन की डींगे हांक रहे हो,,,, सब कुछ खत्म हो जाएगा तुम्हें भी अच्छी तरह से जानते हो कि इतना की हालत में पुलिस अक्सर औरतों की नहीं सुनती है,,,,,( इतना कहने के साथ ही वह अपने पर्स में से मोबाइल. निकालते हुए) यह मोबाइल देख रहे हो ,,, इस मोबाइल में मेरे और तुम्हारे बीच के शारीरिक संबंध की बहुत सारी क्लीपे है,,, और अगर यह सारी क्लिप मैं पुलिस को दिखाकर मुझे क्या दोगी तो मुझे बहला-फुसलाकर जबरदस्ती मेरे साथ शारीरिक संबंध कई महीनों से बनाते आ रहे हो तो जानते हो,, क्या होगा यह तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि तुम भी अच्छी तरह से जानते हो कि क्या होगा और अगर मैं यही तुम्हारी बीवी तो बता दूं तब तो तुम्हारी हंसती खेलती जिंदगी में आग लग जाएगी,,,,,,
( रीता की धमकी सुनकर अशोक का चेहरा उतर गया मैं समझ गया कि वो पूरी तरह से रीता के घेरे में आ चुका था और के चुंगल से बच पाना बेहद मुश्किल था ऐसे में उसकी हर बात मानने में ही उसकी भलाई थी,,,,। इसलिए वह बोला,,)
रीता,,,, तुम इतनी चालाक निकलोगी है मुझे पता नहीं था तुम मेरे और तुम्हारे बीच की शारीरिक संबंध वाली क्लीप को अपने मोबाइल में रख कर अपनी बेशर्मी का पूरी तरह से सबूत दे चुकी हो,,,,।
देखो अशोक अगर मैं बेशर्म ना होती तो तुम्हारे साथ इस तरह के अनैतिक संबंध के लिए कभी भी तैयार नहीं होती,,,, रही बात बेशर्मी की तो यह तो मैं अपनी सेफ्टी के लिए अंतरंग संबंधों के नजारों को अपने मोबाइल में कैद करके रखी हैं क्योंकि मैं जानती थी कि तुम मर्द लोगो की चाहत एक जैसी होती है तुम मर्दों का भरोसा कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि जब तक औरतों से तुम लोगों का मन नहीं भर जाता तब तक उसे चुसते रहते हो,,, और जैसे ही मन भर जाता है तो चाय में गिरी मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देते हैं इसीलिए मैंने इसी दिन के लिए,,, तुम्हारे खिलाफ सारे सबूत इकट्ठे करके रखी थी और देखो आज वह सबूत मेरे बहुत काम आ रहा है,,,,,। और हां अशोक बेशर्मी पन मैं तो तुम भी किसी से कम नहीं हो,,, घर में खूबसूरत बीवी होने के बावजूद भी घर के बाहर दूसरी औरतों के पीछे लार टपकाते फिरते रहते हो,,,, अपनी बीवी को धोखा देकर बाहर की औरतों से संबंध रखते हो,,,,,, मैं तो मजबुरी मै यहं सब काम करती हूं क्योंकि मैं जानती हूं कि मेरा पति कमाने वाला नहीं,,, इसलिए मुझे इस तरह से कमाना पड़ता है,,,।
बेकार की बहस बाजी छोड़ो और ठीक-ठीक बताओ कि तुम चाहती क्या हो,,,,,,,
कभी आए ना लाइन पर,,,,, अशोक तुम मुझे 20 लाख रुपया दे दो,,,, इसके बाद ना तो तुम मुझे जानते हो ना मैं तुम्हें जानती हूं और यह मोबाइल भी तुम रख लेना,,,,
सरिता तुम पागल तो नहीं हो गई हो 20 लाख रुपया जानती हो कितनी बड़ी रकम है,,,।
मुझ से पीछा छुड़ाने के लिए तो यह रकम तुम्हारे लिए बहुत मामूली है वरना इससे भी कहीं ज्यादा चुकाना पड़ जाता,,,
रीता थोड़ा कम करो इतनी बड़ी रकम मैं नहीं दे सकता,,,
तुम दे सकते हो,,,, ओर ये रकम मुझे आज ही चाहिए उसके बाद तुम आराम से अपनी नई जिंदगी शुरु कर सकते हो,,,
इतनी बड़ी रकम आज के दिन में कैसे एडजस्ट कर सकता हूं देखो रिता तुम कुछ ज्यादा ही मांग रही हो,,,
कुछ ज्यादा नहीं है अशोक,,,,,,,,,
रीता लगभग चिल्लाते हुए बोली और यह सब दरवाजे के पीछे खड़ा होकर शुभम सुन रहा था और जान चुका था कि उसके बाप ने उस औरत के पीछे लाखों रुपए बर्बाद कर चुका था। और अब 20 लाख रुपए और उसे चुकाना था,,
तुम अगर यह चाहते हो कि तुम्हारी हंसती खेलती जिंदगी यूं ही अच्छे से चलती रहे तो मुझे देखना करो के आज के आज चाहिए वरना मैं तुम्हारी काली करतूतें तुम्हारी बीवी को अपने मोबाइल से जरूर दिखा दूंगी,,,,
रीता तुम कितनी बदजात और बेशर्म औरत हो,,,,
हां हो और इसमें तुम्हें कोई भी किसी भी प्रकार का शक नहीं होना चाहिए वरना मैं अपनी बेशर्मी पूरी तरह से दिखा दूंगी तो समाज में उठना बैठना भारी पड़ जाएगा,,,,
( अशोक पूरी तरह से खराब हो चुका था कि उसकी इज्जत पूरी तरह से रीता के हाथों में है,,, रीता से संबंध बनाने से पहले वाणी बारे में कभी नहीं सोचा था उसे यही लग रहा था कि पहले की तरह यह औरत भी बड़े आराम से और आसानी से उसका पीछा छोड़ देगी लेकिन ऐसा नहीं था।,,,, अशोक पूरी तरह से हार चुका था और उसके पास 20 लाख रुपए चुकाने के सिवा और कोई दूसरा रास्ता नहीं था। वह लगभग हताश होते हुए बोला,,,,।
मैं तैयार हूं तुम्हें 2000000 रुपए देने के लिए,,,,
शुभम यह बात सुनकर एकदम से हड़बड़ा गया उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके पापा उस औरत को 2000000 रुपए देने के लिए तैयार हो चुके हैं,,,। और इसी हड़बड़ाहट में वह अपने आप को संभाल नहीं पाया और दरवाजे पर उसका पूरा वजन आ गया,,, जल्दबाजी में अशोक ने दरवाजा ठीक से बंद नहीं किया था इसलिए दरवाजा खुल गया और शुभम गिरते-गिरते बचा इस तरह से शुभम को आता देखकर अशोक की तो सांसे ही बंद हो गई क्योंकि वह उस दिन ऑफिस में रीता के साथ उसे रंगरेलियां मनाते हुए देखा था और आज तो वहां उस औरत को अपने घर पर ही देख रहा था। शुभम को देखते ही,,,
बबबब,,,, बेटा,,, तुम,,,,,
हां मैं पापा अच्छा हुआ कि मैं ही हूं कहीं मेरी जगह मम्मी होती थी उन पर ना जाने तुम्हारी इस रंगरेलियों का कैसा कहर बरसता,,,, यह सब देखकर तो उनकी हालत खराब हो जाती है उनका विश्वास टूट जाता।
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