Sex kahani अधूरी हसरतें
04-01-2020, 03:03 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
( शुभम लगभग बनावटी गुस्सा दिखाते हुए अपने बाप से बोले जा रहा था और इस तरह से दरवाजा खोलकर घर में घुस आने से रहता शुभम को देखती रह गई थी,,, दोनों के बीच की वार्तालाप को देखकर वह समझ गई थी कि दोनों बाप बेटे हैं और उसे यह भी याद आ गया था कि उस दिन ऑफिस का दरवाजा जिस लड़के ने खोला था वह यही है,,, इसलिए वह आश्चर्य के साथ बोली।)

अच्छा तो यह तुम्हारा बेटा है तभी इसे देखकर तुम्हारे धक्के रुक गए थे तभी मैं सोचूं कि ईतनी जल्दी तुम्हारा जॉश कैसे खत्म हो गया,,,,,

बकवास बंद करो रीता तुम्हें क्या कहना चाहिए क्या नहीं कहना चाहिए या तो जरा देख कर बोला करो,,,,

अशोक तुम्हारा बेटा कोई दूध पीता बच्चा नहीं है देख नहीं रहे हो इसके हट्टे-कट्टे शरीर को,,, यह पूरी तरह से जवान हो गया है,,,( रीता शुभम के करीब जाकर उसके चारों तरफ चक्कर काटते हुए बोले जा रहीे थी।)

रीता चुप रहो,,,,


अरे अशोक इसमें क्या शर्माना यह तो तुम्हें रंगे हाथों मुझे चोदते हुए पकड़ भी लीया ं है। क्यों बेटा मैं सच कह रही हूं ना,,, बेटा नहीं क्या नाम है तुम्हारा,,,

शशशश शुभम,,,, व

हां शुभम तो तुम ही थे ना उस दिन ऑफिस का दरवाजा खोल दिए थे,,,,( शुभम हां में सिर हिलाते हुए) ओर यह भी अच्छे तरीके से देख लिए होगे,,, तुम्हारे पापा कैसे मेरी चुदाई कर रहे थे और वाह भी ऑफिस में,,,,
( रीता एकदम बेशर्मी पर उतर आई थी,,, उसकी बातों को सुनकर अशोक को शर्म आ रही थी क्योंकि वह उसके बेटे से यह सब बातें बोल रही थी लेकिन शुभम को उसकी बातें सुनकर मजा आ रहा था और उसके लंड में हरकत होना शुरू हो गया था रीता कि खुली बातें उसके लंड पर हथौडे चला रही थी।)

देखें देना तुम कि कैसे तुम्हारे पापा जोर-जोर से मेरी बुर में अपना लंड पेल रहे थे,,,,।
( रीता की गर्म बातें सुनकर शुभम की सांसे ऊपर नीचे होने लगी थी वह मुंह से कुछ बोल नहीं पाया लेकिन हां मे सिर हीला दिया),,,,

तब तो तुम यह बात अपनी मां से जरूर बताएं होगे,,,,

नहीं मैंने नहीं बताया,,,

क्यों नहीं पता क्योंकि तुम्हारी जगह कोई और लड़का देखा होता तो अपने बाप की करतूतों को जरूर बता देता,,,,

मेरी मां बहुत सेंसिटिव है अगर उन्हे इस बारे में जरा सी भी भनक लगती तो उनका दिल टुट जाता ।

वांह शुभम वाह तुम्हारे जैसा समझदार बेटा अगर जिसका होगा तो उसका बाप तो रंगरेलियां मनाएगा ही,,,,, मुझे तो लगा था कि तुम घर पर सब कुछ बता दिए होंगे और घर में बवाल मच गया होगा तभी तो मैं अशोक से इतने दिन पैसे के बारे में बात तक नहीं की,,,, देख लो अशोक तुम्हारा बेटा कितना समझदार है उसकी मां का दिल ना टूट जाए इसलिए वह तुम्हारी करतूतों के बारे में कुछ भी नहीं बताया और तुम
अपनी सीधी साधी भोली भाली बीबी को धोखा देकर,,, दूसरी औरतों के साथ रंगरेलियां मनाते हो अपनी प्यास बुझाते हो और उन औरतों को धोखा देते हो,,,( रीता की यह बात सुनकर शर्म के मारे अशोक अपना सिर नीचे झुका कर खड़ा था लेकिन शुभम बड़े ध्यान से रीता की बातों को सुन रहा था। )
जानते हो शुभम तुम्हारे पापा तुम्हारी मम्मी के बारे में क्या कहते हैं,,,, यह कहते हैं कि बिस्तर में तुम्हारी मम्मी एकदम ठंडी औरत है। ठंडी औरत का मतलब शायद तुम नहीं जानते हो ओके मैं तुम्हें बताती हु।

शट् अप रीता,,,,, बकवास बंद करो,,,,,( अशोक रीता को चुप कराने के इरादे से बोला लेकिन रीता के ऊपर अशोक की बातों का बिल्कुल भी असर नहीं हुआ।)

बकवास नहीं कर रही हूं हकीकत बता रही हूं और वैसे भी अब तुम्हारा लड़का बड़ा हो चुका है जो अपने बाप की रंगरेलियां अपनी मां से छुपा ले जाए तो वह लड़का समझदार भी होता है। शुभम ठंडी औरत का मतलब होता है बिस्तर में बिल्कुल भी साथ ना देना और यही ख्याल तुम्हारी मम्मी के बारे में तुम्हारे पापा का है। अगर खुल के कहूं तो,,, तुम्हारे पापा जब भी तुम्हारी मम्मी को लंड चूसने के लिए कहते हैं तो तुम्हारी मम्मी ऊनका लंड अपने मुंह में लेकर चूसने के लिए इंकार कर देती है,,,।
( शुभम एक औरत के मुंह से उसकी मां के बारे में यह बात सुनकर एकदम से सन्न रह गया हालांकि उसे बेहद आनंदित महसूस हो रहा था। लेकिन फिर भी वह बनावटी गुस्सा करते हुए बोला,,,।)

पापा यह क्या कह रही है क्या यह सब बातें आप बाहर जा कर के बताते हो।

नहीं बेटा यह झूठ बोल रही है,,,,, रीता यह क्या बकवास कर रही हो तुम,,,

नहीं सुबह मैं झूठ नहीं बोल रही हूं यह बिल्कुल सच है यह कहते हैं कि तुम्हारी मम्मी बिस्तर पर उनका बिल्कुल भी साथ नहीं देती मतलब यह है कि खुलकर नहीं चुदवाती,, इसलिए तू यह मेरे पास आते हैं और जो काम तुम्हारी मम्मी नहीं कर पाती वह मुझसे करवाते हैं।
( रीता के गरम बातें सुनकर शुभम की हालत खराब होने लगी थी क्योंकि वह ईतने से समझ गया था कि रीता एकदम खुली हुई औरत थी। उसका लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था जो कि पैंट में तंबू बना रहा था। जिस पर रीता की नजर पड़ चुकी थी। और वह शुभम के बिल्कुल करीब जाकर बिना किसी शर्म लिहाज के सीधे शुभम के पेंट में बने तंबू को अपनी हथेली में दबोच ली,,,, रीता एकदम खेली खाई औरत थी,,, पेंट के ऊपर से ही लंड को पकड़ते ही उसे समझ में आ गया कि पैंट के अंदर छिपा हुआ हथियार बेहद दमदार और मरदाना है। लेकिन रीता के इस व्यवहार से शुभम के साथ साथ अशोक भी चौक गया था,,, लेकिन वह दोनों कुछ बोल पाते इससे पहले ही रीता बोल पड़ी,,,,,

वाहहहहह शुभम तुम्हारा हथियार तो बहुत जानदार है,,,, देख रहे हो अशोक तुम्हारे बेटे का लंड ऊसकी मा की बातें सुनकर ही किस तरह से खड़ा हो गया है। तुम्हारे लंड से तो कई गुना बड़ा तुम्हारे बेटे का लंड है। सच कहूं तो तुम्हारे बेटे के लंड को पेंट के ऊपर से ही पकड़कर मेरी बुर कुलबुलाने लगी है,,,, अगर सच में इसकी मां अगर ईसके लंड को देख ली तो तुम्हारी तो उसे जरूरत ही नहीं पड़ेगी,,,,

बकवास बंद करो रीता कैसी बातें कर रही हो तुम,,,,

अरे सच कह रही हूं जो हकीकत है वही तो कह रही हूं औरत को तो बड़े लंड से मजा आता है छोटा लंड चाहे कितना भी कूद ले बुर की गहराई नहीं नाप पाता,,, बुर की गहराई सिर्फ लंबा लंड ही नाप पाता है,,,, और जिस तरह से अपनी ही मां की बातें सुनकर इसका लंड खड़ा हुआ है मुझे तो लगता है अगर इसकी मां ने इसे जरा सा भी इशारा दिया तो यह अपनी मां की जबरदस्त चुदाई करेगा,,,,,
( एक औरत के मुंह से अपनी मर्दाना ताकत की बखान सुनकर और वह भी उसकी खुद की मां के बारे में उसकी चुदाई के बारे में सुनकर गर्व से शुभम का सीना चौड़ा हो गया लेकिन वहां वह जानबूझ कर शर्मिंदा हुए खड़ा था। क्योंकि अभी भी रीता पेंट के ऊपर से ही उसके लंड को दबा रही थी
शुभम को बहोत. मजा आ रहा था। अगर इस समय उसके पापा वहां नहीं होते तो सीता की हरकत देखते हुए वह उसे वही पटक कर अपने लंड की ताकत को दिखा दिया होता।
अशोक रीता के इस व्यवहार से पूरी तरह से शर्मिंदा हो चुका था और वह बोला।

तुम एकदम बेशर्म हो रीता,,,,


हां मैं एकदम बेशर्म हूं( शुभम के लंड को पेंट के ऊपर से छोड़ते हुए) यही ततबताना चाहती थी यह जो कुछ भी मैं बोली यह सब मैं तुम्हारी बीवी से भी बोल सकती हूं। इसलिए आज शाम को 2000000 रुपए मुझे मिल जाना चाहिए वरना यह सारी बाते में तुम्हारी बीवी से बता दूंगी,,,,


मैं दे दूंगा लेकिन (इतना कहकर अशोक शुभम की तरफ देखने लगा,,, अशोक के इशारे को रीता अच्छी तरह से समझ गई और वह बोली)

मैं जानती हूं तुम्हारा लड़का बहुत समझदार है और तुम्हारी बीबी को यह कुछ भी नहीं बताएगा,,,( इतना कहकर रीता फिर से पैंट के ऊपर से तने हुए शुभम के लंड को पकड़ ली, इस बार शुभम की सिसकारी निकल गई।) नहीं बताओगे ना सुभम,,,,,

नहीं मैं अभी भी कुछ नहीं बताऊंगा।

अपने बेटे की बात सुनकर अशोक को थोड़ी राहत हुई और रीता मुस्कुराने लगे कभी बाहर कार रुकने की आवाज आई और उसकी आवाज सुनकर शुभम और अशोक दोनों हड़बड़ा गए क्योंकि वह जानते थे कि निर्मला घर आ चुकी है।,,, उन दोनों की हालत देखकर रीता बोली,,,

क्या हुआ?

देखो मेरी बीवी निर्मला आ गई है तुम ऊससे कुछ भी मत बताना,,,,

तुम बेफिक्र रहो मैं कुछ नहीं बताऊंगी,,,,, लेकिन शाम को मेरा 2000000 रुपए मिल जाना चाहिए वरना,,,,

तुम चिंता मत करो मिल जाएगा,,,,
( तभी डोर बेल बजी और दोनों के चेहरे फीके पड़ने लगे,,, शुभम अपने बाप को हौसला दिलाते हुए बोला,,,।)

आप निश्चिंत रहो पापा मैं सब कुछ संभाल लूंगा,,,, आप दोनों आराम से कुर्सी पर बैठ जाईए ताकि किसी को कुछ भी शक ना हो,,,, (और शुभम की बात सुनकर दोनों आराम से कुर्सी पर बैठ गए,, शुभम जैसे ही दरवाजा खोला उसकी मां गेट के आगे खड़ी कार के बारे में ही बोलने हीं जा रही थी कि शुभम झट से बोल पड़ा,,,।)

मम्मी पापा के ऑफिस से उनकी कर्मचारी आई हैं कोई जरूरी काम था।

ओहहहहह,,, तो तुमने चाय बगैरा दिया कि नहीं,,,

नहीं मम्मी वह अभी अभी ही आई है,,,,।
( इतना कहकर निर्मला घर में प्रवेश की और शुभम दरवाजा बंद कर दिया,,, निर्मला रीता को देखते ही हाथ जोड़ते हुए नमस्ते की और रीता भी कुर्सी से खड़ी होकर उसे नमस्ते करने लगी लेकिन उसकी नजर निर्मला की खूबसूरती और उसके बदन की बनावट पर ही टिकी थी। उसकी खूबसूरती देखकर रीता आश्चर्य में पड़ गई थी कि इतनी खूबसूरत बीवी होने के बावजूद भी हो उसके पीछे क्यों दीवाना हो गया था।

रूको मैं चाय बना कर लाती हूं (और इतना कहकर निर्मला किचन में चली गई)

यार अशोक तुम लगता है सबसे बड़े बेवकूफ हो तुम्हारे पास तो खूबसूरती का खजाना है फिर भी इधर उधर मुंह मारते फिरते हो,,,
( शुभम रीता की बातें सुनकर मन ही मन प्रसन्न हो रहा था क्योंकि वह जानता था कि उसकी मम्मी की खूबसूरती की तारीफ कर रही थी,,,,।)

तुम पागल हो अशोक यह मैंने आज देख ली,,, देखना कहीं तुम्हारी बीवी अपने ही बेटे से कहीं चुदवाना ना शुरू कर दे,,


चुप रहो रीता,,,


क्यो शुभम तेरी मम्मी सच में बहुत सेक्सी है।
( शुभम कुछ बोला नहीं बस खामोश रहा)
कभी अपनी मम्मी पर ट्राई करना देखना बहुत मजा आएगा,,

( शुभम को रीता की बातें सुनने में मजा आ रहा था लेकिन वह कुछ बोल नहीं रहा था तब तक उसकी मां चाय ले करके आ गई,, अशोक अपने बेटे की चालाकी से बहुत खुश था।)


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