Sex kahani अधूरी हसरतें
04-01-2020, 03:07 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
उसने कभी ऐसा सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी आंखों के सामने ऐसा नजारा देखने को मिलेगा,,, वह तो निर्मला को किसी काम की वजह से उसके कमरे में ढूंढते हुए पहुंच गई थी,,,। लेकिन उसे क्या मालूम था कि कमरे में कुछ और ही नजारा आंखों को देखने को मिलेगा। शुभम के नंगे बदन और खास करके उसके मोटी तगड़े लंबे-लंड की मोटाई और उसका कड़कपन देख कर उसे अब तक हैरानी हो रही थी बिस्तर पर बैठे-बैठे यही सब सोचते हुए उसकी बुर पानी छोड़ रही थी। और वैसे भी जो काफी समय से प्यासी हो जो कि पानी की एक बूंद के लिए भी तरस गई हो उसकी आंखों के सामने हरा भरा सावन नजर आए तो ऐसे में उसकी प्यास बढ़े नहीं तो और क्या हो,,, उसका तो पूरा वजूद डगमगा गया था इस तरह का एहसास उसके मन में कभी भी नहीं हुआ था जिस तरह का एहसास आज उसके तन बदन को झकझोर कर रख दे रहा था। बार-बार ना चाहते हुए भी उस की आंखों के सामने कभी उसके पती का छोटा और पतला ककड़ी नुमा लंड तो कभी उसके भांजे का मजबुत और तगड़ा केला नुमा लंड आ जा रहा था जिसके बीज वह मन ही मन में तुलना करने लगी थी। क्योंकि उसकी बुर मे भी अभी तक सिर्फ उसके पति का ही लंड गया था।,,, यह सारे विचार उसके मन में अजीब सा तूफान ला रहे थे। अब तक सूखी जमीन पर जैसे बारिश की फुहार बरस रही हो इस तरह से उसकी बुर की अंदरूनी और बाहरी सतह मदन रस की फुहार से गीली होने लगी थी। ना चाहते हुए भी अपने आप उसके हाथ साड़ी के ऊपर से ही बुर के ऊपर पहुंच गए,,,, और अपने मन पर काबू ना कर सकने की स्थिति में अपने आप ही उसने अपने हाथ से बुर को साड़ी के ऊपर से ही दबोच ली और ऐसा करने पर उसके मुख से हल्की सी सिसकारी निकल गई वह आगे बढ़ती इससे पहले ही उसे कोई बुलाने लगा और वह झट से कमरे से बाहर आ गई।,,,

दूसरी तरफ शुभम हैरान था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे बाहर जाएं,,, कैसे बह अपनी मामी से आंख मिलाएं,,, क्योंकि जो कुछ भी हुआ था वह अनजाने में हुआ था लेकिन फिर भी उसे दरवाजे में कड़ी लगाकर रखना चाहिए था। और वैसे भी उसके शरीर कोई सामान्य हालत में नहीं था वह पूरी तरह से नंगा था और उस पर भी उसकी पूरी तरह से खड़ा था जैसे लग रहा था कि किसी को चोदने जा रहा हो,,, वह मन ही मन सोचने लगा कि अगर कांड सामान्य स्थिति में होता ना की पूरी तरह से उत्तेजनात्मक तब वह अपने बारे में कुछ सफाई पेश कर सकता था लेकिन जिस हाल में उसकी मम्मी ने उसे देखा था और उसके लंड के दर्शन किए थे ऐसे में तो ऐसा ही लग रहा था कि उसके मन में कुछ और चल रहा था तभी तो तोें ऊसका लंड इतना खड़ा था।वह यही सब सोच कर हैरान हुएं जा रहा था।
उसके मन में शंका था कि कहीं की मामी ने घर में सभी को बता दिया तो की शुभम कमरे में एकदम नंगा था और उसका लंड खड़ा था उसके बारे में ना जाने लोग कैसीे-कैसी बातें करेंगे। लेकिन उसे इस बात की संतुष्टि थी कि उसकी मम्मी ने उसे तब नहीं देखी जब वह उसकी मम्मी की पैंटी को लेकर हाथों से छू कर देख रहा था और नाक से लगाकर उसके मदन रस की खुशबू को शुंघ कर अपने छातियों में उतार रहा था। अगर कहीं उस समय उसकी मामी ने देख लिया होता तो उसकी इज्जत की धज्जियां उड़ गई होती और उसके और उसकी मां के बीच के संबंध में शायद ऊन्हे शक हो जाता,, अच्छा हुआ कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ वरना आज ना जाने क्या हो जाता ऐसा मन में सोचते हुए वह अपने कपड़े जल्दी-जल्दी पहनने लगा,,, वह पेंट पहन कर देख रही अपनी जीप बंद कर रहा था,,, एकाएक उसकी आंखों के सामने उसकी बड़ी मामी की जांघो के बीच का वह नजारा याद आने लगा,, उस बेचारे को याद करते ही उसके बदन में उत्तेजना के लहर दोड़ने लगी,,,
तुरंत ही उसके तन बदन में मादकता का असर होने लगा बार-बार उसकी आंखों के सामने उसकी मामी की जांघो के बीच झांटों का झुरमुट नाचने लगा,,, पहली बार वह औरत की बुर के ऊपर इतने ढेर सारे घुंघराले बाल देख रहा था। हालांकि वह अपनी मां की बुर पर कई बार देख चुका था लेकिन वहं बाल एकदम हल्के हल्के थे जो कि ना के बराबर थे। इसलिए तो मामी के झाटों के बाल को लेकर उसके मन में अजीब सी उत्सुकता भरी हुई थी। एक बार फिर से उसके मन में उसकी मामी की बालों वाली बुर में लंड डालने की इच्छा प्रबल होने लगी और इस बात को लेकर वह मन ही मन में सोचने लगा कि अच्छा ही हुआ कि उसकी मांमी ने उसके मोटे तगड़े लंड को खड़ा हुए हालत में देख ली।,, अगर जिस तरह का सपना वह मन ही मन में बुन रहा है। और अगर वास्तव में उसकी मामी की बुर में बहुत दिनों से लंड नें प्रवेश नहीं लिया है तो यह नजारा उसके मन में चुदासपन को जगाने में मदद करेगी,,,, और अगर सच में ऐसा हो गया तो जैसा वह सोच रहा है बाल वाली बुर में लंड डालने का मौका उसे जल्दी ही मिल जाएगा,,,,,,
यह सोचकर उसके तन-बदन में हलचल सी मचने लगी और उसके होठों पर मुस्कुराहट तेरने लगी।,,,

दूसरी तरफ उसकी मामी के दिलो-दिमाग पर शुभम का लंड पूरी तरह से हावी हो चुका था उसका किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था। जब भी वह कोई काम करने लगती तो बार-बार उसकी आंखों के सामने शुभम का खड़ा लंड आ जाता था और वह काम नहीं कर पाती थी बल्कि उस लंड के ख्याल में खोई रहती थी।
शादी को कुछ ही दिन रह गए थे इसलिए घर के सभी लोग आज खरीदी करने जा रहे थे बाजार यहां से करीबन 20 किलोमीटर दूरी पर था और घर पर ही कार होने की वजह से सब लोग उसी में जाने वाले थे।
शुभम बार-बार अपनी मम्मी के सामने आकर यह देखना चाह रहा था कि उसे देखते ही उसके चेहरे पर किस तरह के बदलाव और भाव आते हैं और सच में जब भी सुबह उसकी आंखों के सामने आता था तो शर्म के मारे उसकी नजरें नीचे हो जा रही थी। जबकि ऐसे हालात में शुभम को शर्म आनी चाहिए थी लेकिन ना जाने कैसी कशमकश में उसकी बड़ी मामी फंसी हुई थी कि वह सुबह से नजरें नहीं मिला पा रही थी जब भी शुभम को देखती तो उसकी नजर अपने आप ही उसकी टांगों के बीच चली जाती थी। और इस बात पर सुभम का ध्यान लगा हुआ था। वह अपनी बड़ी मामी की नजरों को अच्छी तरह से भाप ले रहा था कि ज्यादातर उसकी नजर किस अंग पर जा रही थी,,,,, और इस बात को लेकर उसके मन में प्रसन्नता के भाव पनप रहे थे।
उसकी बड़ी मामी का मन किसी काम में नहीं लग रहा था इसलिए जब उससे बाजार जाने के लिए पूछा गया तो वह तबीयत का बहाना करके इंकार कर दी,,, शुभम इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि घर के सभी लोग बाजार जाने वाले हैं लेकिन इस तरह से उसकी मामी का इंकार कर देना,, उसे अपने लिए रास्ता खुलता नजर आने लगा इसलिए वह भी ना जाने का मन बना लिया था और इसलिए अपने कमरे में चला गया ताकि कोई उसे जाने के लिए पूछे नहीं,,,, निर्मला सभी यह बोलकर अपने कमरे में चली गई कि वह कुछ ही देर में तैयार होकर आती है। जैसे ही कमरे में पहुंची तो शुभम बिस्तर बैठ कर कुछ सोच रहा था शायद वह मामी को पाने के बारे में सोच रहा था।
कमरे में आते ही निर्मला शुभम से बोली,,,

बेटा जल्दी से तैयार हो जाओ हमें बाजार जाना है वहां बहुत सारी खरीदी करना है।
( शुभम तो पहले से ही मन बना लिया था कि वह भी बाजार नहीं जाएगा इसलिए मुंह बनाते हुए बोला,,।)

नहीं मम्मी मैं क्या करूंगा वहां जाकर वैसे भी मैं थक चुका हूं मुझे आराम करना है जो भी खरीदी करना मेरे लिए भी कुछ खरीद लेना,,,
( शुभम की बात सुनते ही निर्मला उसके माथे पर अपनी हथेली रखते हुएे बोली,,।)

क्या बात है बेटा तेरी तबीयत तो ठीक है

हां मामी मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक है बस मेरा मन नहीं कर रहा जाने को मैं कुछ देर आराम कर लूंगा तो सही हो जाएगा,,,


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