RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
फफफ,, फिर क्या हुआ सुभम,,,,
नहीं मामी जाने दो अब नहीं बताऊंगा आगे क्योंकि जो हुआ बहुत गंदा हुआ,,,,( इतना कहते हुए उत्तेजना के मारे उसकी हथेली,,,जांघो के ऊपर तक पहुंचने लगी और उसकी उंगलियां बुर के इर्द-गिर्द दस्तक देने लगी,,, एक तू शुभम की गरम बातें और ऊपर से उसके हाथों की हरकत उसे एकदम से चुदवासी बना रही थी और इस तरह से उसे बीच में रुकता हुआ देखकर वह बोली।
तू बोल भले ही चाहे कितना भी गंदा हो तो मुझे बता कि उस दिन क्या हुआ था तो किसी बात की फिक्र मत कर और बिल्कुल भी डर मत,,,
( शुभम अपनी मामी की बात सुनकर मन ही मन में बोला कि मैं कहां जा रहा हूं मैं तो बस यह देखना चाहता था कि तुम्हारे मन में क्या चल रहा है,। और अपनी मामी को सुनने के लिए तैयार देखकर वह बोला।)
इसके बाद मैंने मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था वह आंटी करने लगी,,
क्या करने लगी?
वह मेरे खड़े लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी,,,,
( इतना सुनते ही शुभम की मम्मी एकदम हैरान हो गई और हैरान होते हुए बोली।)
क्या,,,,, उसने तुम्हारे साथ ऐसा किया, लेकिन इतना गंदा काम कैसे,,, (शुभम की मा्मी को तो बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि आज तक उसने किसी के मुंह से यह भी नहीं सुनी थी कि लैंड को मुंह में लेकर चूसा जाता है,, इसलिए तो वह बेहद हैरान थी।)
हां मामी में भी ऊनसे यही कहा,,, लेकिन वह नहीं माने वह जोर जोर से चूसना शुरू कर दी और मालूम है तुम्हें वह क्या बोली,,,,
क्या बोली बेटा,,,, ( वह एकदम मदहोश होते हुए बोली)
वह बोली कि तुझे क्या पता कि लंड चूसने में कितना मजा आता है,, जब से तुझे पेशाब करते हुए देखी हूं तेरा खड़ा लंड मेरी आंखों में बस गया है।,,,
क्या उसने कब तुझे पेशाब करते हुए देख ली,,,
पता नहीं मैं यह सब नहीं जानता हो सकता है उसने अपने घर में ही देख ली होगी क्योंकि मैं अधिकतर ऊसके घर पर ही रहता था,,, उसके बाद तो मामी वह मेरे सामने ही अपनी पैंटी उतार कर एकदम नंगी हो गई,,,( लंबी लंबी सांसे भर्ती हुए उसकी मामी यह सब बातें सुनकर एकदम से गरम हुई जा रही थी।) औरत की खूबसूरत बदन को मैं जिंदगी में पहली बार देख रहा था इसलिए मैं एकदम से हक्का-बक्का रह गया था।। उसके बाद उसने मुझसे जो करने को कहीं मुझे कुछ समझ में नहीं आया।
क्या करने को कही?,,
वह अपनी दोनों टांगों को फैलाली और उसके बाद,,,
वह अपनी छेद की तरफ इशारा करते हुए मुझे उसके अंदर मेरे लंड को डालकर अंदर बाहर करने के लिए बोलिए मैं तो उसकी बात सुनकर कुछ समझ में ही नहीं पा रहा था,,,
( शुभम की यह बात सुनते ही सुभम एक दम से चौंक गई क्योंकि जो करने के लिए बोल रही थी उसे चुदाई कहते हैं,, वह एकदम से उत्सुक हो गई आगे की बात जानने के लिए इसलिए वह बोली )
फिर तूने क्या किया?
मैं क्या करता मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था वो खुद मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी टांगो के बीचो-बीच रख दीें और उस में डालने के लिए बोली,,, मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैं बोला इतने से छोटे से छेद में कैसे जाएगा तो वह मुझे दिलासा देते हुए बस धक्का लगाने को बोली,,, और देखते ही देखते मेरा पूरा लंड उसके छोटे से छेद में समा गया,,
( इतना कहते हुए शुभम अपनी हथेली को ऊसकी बुर पर रखकर सहलाना शुरु कर दिया क्योंकि वह समझ चुका था कि उसकी मामीं एकदम उत्तेजित हो चुकी है।
और वह सिसकारी लेते हुए आनंदित स्वर मे बाेली,,,।
जानता है जो तू उस औरत के साथ कर रहा था उसे क्या कहते हैं,,,।
शुभम पूरी तरह से अपनी मामी की खूबसूरत बदन पर उत्तेजना का जाल बिछा चुका था। अपने भांजे की मनगढ़ंत चुदाई की कहानी को सुनकर वह एकदम मदहोश होती जा रही थी।,,, शुभम ने जिस तरह से उसे कहानी सुनाया था वह सुनकर ऊसकी बुर की कटोरी में नमकीन रस छल छला उठा था।,,, वैसे तो शुभम के पास मनगढ़ंत कहानी से भी बेहद रसीला अनुभव उसकी मां के साथ का था,,, लेकिन वह अपनी मां के बारे में तो अपनी मामी को नहीं बता सकता था इसलिए उसे दुसरां रास्ता अपनाना पड़ा।,,, धीरे-धीरे अपनी हथेली का जादू अपनी मामी के बदन पर दिखा रहा था कहानी सुनाते हुए वह अपनी मामी को इतना ज्यादा गर्म कर दिया था कि,,, जांघों पर फिर रही हथेली अब उसकी बुर पर हरकत कर रही थी।,,, शुभम की हालत पल-पल खराब होती जा रही थी। क्योंकि जिस अंग पर उसने अपनी हथेली रखा हुआ था वह भट्टी से भी ज्यादा तप रही थी। और उसमें से निकल रहा नमकीन है उसकी पूरी हथेली को और भी ज्यादा गर्माहट प्रदान कर रहा था वह आहीस्ता आहीस्ता से अपनी हथेली को बुर के आकार पर रगड़ रहा था। जिसकी वजह से उसकी मांमीें भी मदहोश हुए जा रही थी,, अपने भांजे के मुंह से उसके अनुभव को सुनकर उसकी मामी बोली,,,
तू जानता है जो काम वह औरत तुझसे करवा रही थी उसे क्या कहते हैं,,,।
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