RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
शुभम के मोटे तगड़े और लंबे लंड ले उसकी मामी पर सम्मोहन कर लिया था वह पूरी तरह से अपने भांजे के लंड के प्रति आकर्षित हो चुकी थी। और जिस तरह से शुभम बिस्तर से नीचे खड़े होकर के अपने लंड को हिलाते हुए अपनी मामी को उसे पकड़ने के लिए बोल रहा था मदहोशी ग्रंस्त मामी शुभम की ईस बात को इनकार नहीं कर पाई,,, और फिर से अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके लंड को थाम ली एक बार फिर से अपनी मामी की नरम नरम हथेलियों का स्पर्श पाकर शुभम का लंड और ज्यादा ताव में आ गया,,, जिस तरह से अपने लंड पर शुभम को अपनी मामी के हाथों का स्पर्श बेहद रोमांचकारी और उत्तेजना से भरपूर लग रहा था,, उसी तरह से उसकी मम्मी को भी मोटे तगड़े लंड का स्पर्श अपनी हथेली में बेहद उन्मादक लग रहा था जिंदगी में पहली बार उसने आज किसी गैर मर्द के लंड को स्पर्श की थी,,, इसलिए उसका पूरा बदन अजीत सिंह रोमांच का अनुभव करते हुए पूरी तरह से गनगना गया और कस करके अपनी मुट्ठी में शुभम के लंड को दबाना शुरु कर दी। उत्तेजना का अनुभव और बेहद उन्मादक ढंग से लंड को दबाने की वजह से शुभम मस्ती के सागर मे हिलोरे भरने लगा और उसकीे आंखे
मुंदने लगी। अभी तक उसकी मामी केवल लंड को दबा ही रही थी,,, इसलिए शुभम शिसकारी भरते हुए बोला,,
ओहहहहहहह मामी,,, धीरे-धीरे आगे पीछे करते हुए मेरे लंड को मुठीयाना शुरू कर दो,,,मामी,,,
( शुभम मदहोशी से तर्र होकर बोला,, उसकी मामी भी जैसे यही चाहती हो शुभम की बात सुनते ही तुरंत वहां शुभम के मोटे लंड को अपनी मुट्ठी में आगे पीछे करते हुए उसे मुठियाना शुरू कर दी,,,, शुभम के साथ साथ उसकी मामी को भी बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी।
यह नजारा बेहद उन्मादक और उत्तेजना से भरपूर था।
ऐसा ही होता है जब एक प्यासी औरत ओर एक जवान मर्द इस तरह का एकांत पाते हैं तो। घर के सभी लोग शादी की खरीदी करने बाजार गए हुए थे और घर की एक औरत चौकी बेहद प्यासी और जवानी से भरपूर थी वह एक बहाने से रुक गई थी और वह भी इसलिए कि घर पर एक जवान हो रहा गठीले बदन का मालिक उस का भांजा घर पर अकेला ही था,,, और सुबह सुबह ही उसने उस गठीले बदन वाले लड़के का मजबूत मोटा तगड़ा लंड का दर्शन प्राप्त कर ली थी जिसकी वजह से वह काफी बेचैन हो गई थी और उसी लंड की प्राप्ति के लिए बाजार ना जाकर घर पर रहना ही मुनासिब समझी और उसका घर पर रहना उसे फल रहा था। तभी तो अपने ही कमरे में अपनी भांजी को बुलाकर अर्धनग्न अवस्था में अपने बेटे समान भांजे के लंड को पकड़कर मुठीया रही थी। इस कदर शुभम पर मदहोशी छाई हुई थी कि वह अपनी मामी की हथेली को ही बुर समझकर हल्के हल्के अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया,,, धीरे धीरे उसकी मामी की शर्म दूर होते जा रही थी तभी तो वह शुभम की आंखों में झांकते हुए बोली।,,,
सच रे मुझे तो अब बिल्कुल यकीन हो चला है कि जो तू कह रहा है वह बिल्कुल सच है तूने तो उस औरत की बुर के परखच्चे ऊड़ा दीया होगा।,,,
( शुभम को उसकी बातें सुनकर मजा आ रहा था और जानबूझकर ना समझने का नाटक करते हुए बोला।)
परखच्चे,,,, मैं कुछ समझा नहीं मामी,,,,
इतना बड़ा काम कर दिया और इतना भी नहीं समझता,, ( लंड को उसी तरह से धीरे-धीरे हिलाते हुए बोली ।)
नहीं समझता तभी तो मैं तुमसे पूछ रहा हूं तुम तो समझदार हो बता दो,,,
अरे मेरे कहने का मतलब है कि तेरा लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और तगड़ा है और लंबा भी है,,, और जिसकी भी बुर में जाएगा तो उसे एकदम चोड़ी कर देगा,,, तुने तो उस औरत की बुर को एकदम फैला दिया होगा अपने लंडं से चोदकर।,,
मुझे अब यह तो नहीं पता लेकिन इतना जरूर पता है कि जब मैं अपने लंड को उसके घर के अंदर बाहर कर रहा था तो वह जोर जोर से चिल्ला रही थी,,
( शुभम मस्ती के हिलोरे लेता हुआ बोला वह जानता था कि इस तरह की बातें सुनने के लिए औरतें हमेशा लल़ाईत रहती है और उस वक्त तो और भी ज्यादा उनके कान खड़े हो जाते हैं क्या बात मर्दानगी की आती है क्योंकि तगड़ा मर्द की कामना हर औरत को होती है जो कि उन्हें अपनी बाहों में भर कर एकदम पीस डाले,,,
इसलिए तो उसकी मामी भी एकदम आतुर हो गई उसकी बात को सुनने के लिए क्योंकि वह अच्छी तरह से जानती थी की चुदाई के समय औरतों का जोर जोर से चिल्लाना इसका मतलब औरतों को परम आनंद की अनुभूति होना और जैसा आनंद केवल एक असली मर्द ही दे सकता है,, इसलिए उत्सुकतावश वह बोली,,,।)
क्या तू सच कह रहा है शुभम वह चिल्लाते समय क्या बोल रही थी।( इतना कहते हुए उत्तेजना के कारण उसकी हथेली का दबाव लंड पर और ज्यादा बढ़ने लगा,, इतना ज्यादा कि शुभम के मुंह से सिसकारी निकल गई और वह समझ गया कि उसकी मामी उसकी बात सुनने के लिए एकदम व्याकुल हुए जा रही है और शुभम भी नमक मिर्च लगाकर मनगढ़ंत बातें बताने लगा
मामी जब मैं उसके बुर में अपना लंड पेल रहा था तो वह एकदम पसीने-पसीने हो गई,,, जब जब मैं जोर से धक्के लगा था तो उसके मुंह से,,,आााहहहहह,,, आहहहहहहहह,,,, मर गई रे,,,,,,ऊईईईईीईी मा,,, तेरा लंड है कि गधे का लगता है कि मेरी बुर फाड़ ही डालेगा,,,,, ओहहहहहहहह शुभम बहुत मजा आ रहा है ऐसा मजा मैंने आज तक नहीं ली। बस ऐसे ही पेलता रह तारीख चोट मुझे और जोर जोर से चोद मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,,
इस तरह से वह औरत चिल्लाते हुए मुझसे चुदवा रही थी।
( इतना कहते हुए शुभम अपनी मामी के चेहरे का हाव भाव देखने लगा जो कि उसकी बातों को सुनकर पल-पल बदलता जा रहा था उसके चेहरे को देखकर शुभम समझ गया कि उसकी बातों ने उसे पूरी तरह से मस्त कर दिया है।,, शुभम की बातें सुनकर वह इतना तो जरूर समझ गई थी कि शुभम बेहद तगड़ा मर्द है जिस की चुदाई से उम्र दराज औरतों की भी चीख निकल जाती हो तो वह उसका क्या हाल करेगा यह सोचकर ही उसकी बुर पानी फेंकने लगी,, वह कुछ बोल नहीं रही थी केवल मस्ती से शुभम के लंड को हिला रही थी।,,, शुभम यह जानने के लिए उत्सुक था कि वह क्या बोलती है लेकिन वह बिल्कुल खामोश हो गई थी इसलिए खुद ही शुभम बोला,, ।)
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