RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
क्यों कहती हो मामी क्या तुम बता सकती हो कि वह इस तरह से क्यों चिल्ला रही थी?
अरे मैं क्या बताऊं मैं थोड़ी चिल्ला रही थी यह तु ऊससे ही पूछ कि वह क्यो चिल्ला रही थी।,,,,( इतना कहते हुए वह बड़ी मस्ती के साथ सुभम के लंड को हिला रही थी।,, वह शर्म के मारे जवाब नहीं देना चाहती थी लेकिन फिर भी शुभम जानना चाहता था कि उसकी मामी क्या बोलती है इसलिए फिर से पूछा।
क्या मामी,, एक औरत होने के नाते तुम्हें इतना तो पता होगा कि वह औरत इस तरह से क्यों चिल्ला रही थी,,,
हां पता तो है,,, लेकिन तू ना जाने विश्वास करेगा या नहीं
अरे इसमें ऐसी कौन सी बात है कि विश्वास ना करने की बात आ गई,,,
शायद तू नहीं जानता सुभम,,, जितना मोटा और लंबा लंड औरत की बुर में जाता है उतना ही ज्यादा मजा औरत को आता है।,,, वह औरत भी इसीलिए चिल्ला रही थी।,,,
( शुभम अपनी मामी की बातें सुनकर मस्त हुआ जा रहा था। वह जानता था कि औरतें तभी चिल्लाती है जब उन्हें ज्यादा मजा आता है क्योंकि जब वह अपने लंड को अपनी मां की बुर में डाल के चोदता था तो उसकी मां भी इसी तरह चिल्लाती थी।,,, मामी के हाथों का जादू उसे सम्मोहित किए जा रहा था हल्के हल्के चला रही अपने हाथ को उसकी मम्मी मंत्रमुग्ध सी बस शुभम के लंड को ही देखे जा रही थी जो कि उसकी हथेली में आगे पीछे होता हुआ अपने दमदार होने का सबूत पेश कर रहा था ।
क्या सच में मम्मी जब औरतों को मजा आता है तो इसी तरह से चिल्लाती है।
हारे बिल्कुल सच है जब चुदवाते समय औरतों को ज्यादा मजा आता है तो वह लोग इसी तरह से चिल्लाती है।
तो क्या तुम भी इसी तरह से कभी चिल्लाई हो,,( शुभम झट से बोला,,)
धत्त,,, तू बड़ा शैतान होता जा रहा है।
अरे इसमें शैतान वाली कौन सी बात है,,, तुम ही तो कह रही हो कि चुदवाते समय औरतो को मजा आता है तो वह ऐसे ही चिल्लाती है, तुम भी तो मामा से चुदवाई होगी,,,।
( शुभम अब बेशर्मी की हद पार कर रहा था वह जानता था कि इस तरह की बातों से ही उसकी मामी पूरी तरह से खुलेगी,, शुभम के मुंह से अपने लिए एसी बात सुनकर वह एकदम से झेंप गई,,, लेकिन शुभम की यह बातें सुनकर उसके तन-बदन में सुरसुराहट दौड़ने लगी जिसकी वजह से उसने अपनी हथेली का दबाव लंड पर और ज्यादा बढ़ा दी,,, वह कुछ बोल नहीं रही थी बस बड़ी तीव्रता से शुभम के लंड को मुठीयाने लगी थी,,,, उसे कुछ बोलता ना देखकर शुभम फिर बोला,,,।
बोलो ना मामी खामोश क्यों हो?
क्या बोलूं मैं तू क्या पूछ रहा है तुझे कुछ पता भी है भला ऐसी बातें कोई अपनी मामी से करता है।
हां मैं जानता हूं मामी की ऐसी बातें नहीं की जाती,,, लेकिन बात ही कुछ ऐसी निकल गई है कि मुझे पूछना पड़ रहा है अब बोल भी दो शर्माने की जरूरत नहीं है।
( शुभम अपनी मामी को भी अपनी बातों के जाल में फंसा रहा था,,, और उसकी मामी भी उसकी बात में आकर बोली,,)
हां यह बात सच है कि जब औरतों को मजा आता है तो वह लोग उस औरत की तरह ही चीखती-चिल्लाती हैं लेकिन मेरे साथ आज तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ मैंने कभी भी न चीखी न चिल्लाई,,,,
तो क्या मामी तुम्हें कभी भी मजा नहीं आया,,,
( शुभम अपनी कमर को हल्के हल्के आगे पीछे करते हुए बोला।)
अब यह तो मुझे नहीं मालूम लेकिन शायद ऐसा ही है,,,
( वह शुभम के लंड को हिलाते हुए विचारमग्न होते हुए बोली। शुभम को समझते देर नहीं लगेगी उसकी मामी भी उसकी मां की तरह ही प्यासी है,,, और शायद उसकी प्यास बुझाने का सौभाग्य भी उसी के हाथों लिखा है। शुभम अपनी मामी को पूरी तरह से वश में कर लेना चाहता था इसलिए अपना अगला पासा फेंकते हुए बोला,,,।
अच्छा मामी यह सब तो ठीक है लेकिन क्या औरतों को लंड चूसने में भी मजा आता है,,,।
( शुभम के मुंह से इतना सुनते ही उसकी मामी मुंह बनाते हुए शुभम की तरफ देखें तो सुबह बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) मैं इसलिए कह रहा था कि वह जब मेरा लंड चूस रही थी तो
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