RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
मैं बोला था ना मामीे मेरा मोटा लंड जिसकी बुर में जाता है वह मस्त हो जाती है। सच कहूं तो मैं भी मुझे भी तुम्हें चोदने में बहुत मजा आ रहा है, ऊस आंटी से ज्यादा मजा तो तुम्हारी बुर मुझे दे रही है।
( शुभम अपनी नानी से बातें करते हुए उसे बराबर चोद रहा था उसका लंड बड़ी तीव्र गति से उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा था। शुभम के मुंह से अपनी बुर की तारीफ सुनकर उसकी मामी मन ही मन प्रसन्न होने लगी और वहां उत्तेजना वस नीचे से अपनी कमर उछालने लगी। अपनी मामी की उत्तेजना को देख कर शुभम से रहा नहीं गया और वह जोर-जोर से अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगा।,,,,, दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे उसकी मांमीें तो एकदम मदमस्त हो गई थी,,, बदन की प्यास ने उसे रिश्ते की मर्यादा तोड़ने पर मजबूर कर दी जिस्म की प्यास उसके तन बदन उसके मन पर भारी पड़ गया था लेकिन जिस तरह से उसे अपने भांजे से चुदवाने का मजा मिल रहा था उस मज़े के आगे मर्यादा की दीवार गिर जाना ही बेहतर उसे लग रहा था। शुभम का क्या था वह तो खुद अपनी मां की चुदाई कर करके रोज मस्त होता जा रहा था इसलिए उसे अब रिश्तो के बीच मर्यादा का कोई मतलब नजर नहीं आता था बस उसे चोदने को मिलना चाहिए था। इसलिए तो आज वहां अपनी मामी के साथ भी वही कर रहा था जो अपनी मम्मी के साथ करता आ रहा था,,, लेकिन दोनों ही सूरते हालात में ना तो उसकी मामी को इस बात से ऐतराज था और ना ही उसकी मम्मी को क्योंकि दोनों अपनी अपनी जगह पर हत्या की हो चुकी थी और अपनी प्यास बुझाने के लिए शुभम से बेहतर जुगाड़ उन्हें कहीं नहीं नजर आया।
शुभम आज अपनी मामी को हर तरह से चोद लेना चाहता था क्योंकि क्या पता दुबारा यह मौका मिले ना मिले,,, इसलिए वहं अपनी मामी की बुर में से अपने लंड को बाहर निकाल दिया इस तरह से जबरदस्त चुदाई के दौरान लंड को ऐसे बाहर निकलता देखकर उसकी मामी बोली,,,
क्या हुआ शुभम अपना लंड क्योे बाहर निकाल लिया?
मामी अब घोड़ी बन जाओ,,,,
( इतना सुनते ही शुभम की मामी जाग गई क्योंकि उसे कुछ पता नहीं चल रहा था कि शुभम क्या बोल रहा है इसलिए वह आश्चर्य से बोली,,,)
क्या?
मामी अब तुम घोड़ी बन जाओ मैं तुम्हारी पीछे से लूंगा,,,
तो यह क्या कह रहा है शुभम मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है (वह वैसे ही अपनी टांगें फैलाए हुए बोली)
मामी मैं तुम्हें पीछे से चोदना चाहता हूं तुम्हारी बड़ी बड़ी गांड को अपने हाथों में पकड़ कर तुम्हें चोदना चाहता हूं तब तुम्हें भी और मुझे भी बहुत मजा आएगा,,,
लेकिन मैं समझ नहीं पा रही हूं कि मुझे करना क्या है?
तुम्हें बस अपने घुटनों और हाथ के बल बैठकर अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठा लेना है जैसे कि कुत्तिया चुदवाती है बस वैसे ही,,, और मैं तुम्हें पीछे से चोदूंगा,,,
( शुभम की बात सुनते ही उसके तन-बदन में हलचल सी मच गई क्योंकि जिस तरह से वह चुदवाने के लिए बोल रहा था उस तरह से उसके पति ने कभी भी जिक्र तक नहीं किया था,,, इसलिए शुभम की बात सुनकर उसके मन में उत्सुकता बढ़ने लगी लेकिन वह खुद से उस पोजीशन में नहीं आ पा रही थी इसलिए शुभम ने ही उसकी मदद करते हुए,,, उसे घोड़ी बना दिया और इस अवस्था में उसे चोदना शुरू कर दिया इस अवस्था में चुदवाते हुए उसकी मामी तो एकदम पागलों की तरह मस्त होने लगी। शुभम तो बार-बार उसकी बड़ी बड़ी गांड पर चपत लगाते हुए उसे चोदने का मजा ले रहा था,,, शुभम इतना ज्यादा जोश में आ गया था कि अपने लंड को पूरा का पूरा बाहर की तरफ खींच कर केवल अपने लंड के सुपाड़े को ही बुर में हल्का सा अटकाया रहता था और इतना जोरदार धक्का मारता कि उसकी मांमी आगे की तरफ लुढ़क जाती थी लेकिन उसे वह कमर से कस के पकड़े हुए था इस तरह की चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था साथ ही उसकी मामी मभी एक दम मस्त हुए जा रही थी,,,, शुभम के हर धक्के का जवाब देते हुए उसकी ममीं भी अपनी बड़ी-बड़ी गांड को पीछे की तरफ ठेल दे रही थी जिससे दोनों का मजा दुगना होता जा रहा था।। ऐसे ही एक बार एक लंड को बाहर की तरफ खींच कर धक्का मारने में उसका लंड से चलकर उसकी बुर के नीचे वाले छेद में घुस गया उसका धक्का ईतना करारा था की,,, शुभम का पूरा सुपाड़ा जो कि बुर के मदन रस में भिगकर एकदम गीला हो चुका था,,, वह पूरा सुपाड़ा उसकी गांड की भूरे रंग के छेद में समा गया,, उसकी मामी तो दर्द से बिलबिला उठी उसे समझ में ही नहीं आया कि यह क्या हुआ,,, एक बार फिर से उसके मुंह से चीख निकल गई लेकिन इस बार की चीख पहले वाली चीख से कई गुना ज्यादा थी,,। लेकिन जिस क्षेंद में शुभम का लंड घुसा था,,, उस छेंद में
शुभम अपने लंड को डालने के लिए ना जाने कब से तड़प रहा था और इसके लिए वह अपनी मम्मी से भी कई बार बोल चुका था। लेकिन उसकी मम्मी अनजाने डर और दर्द से भयभीत होकर उसकी यह बात नहीं मान रही थी, और आज अनजाने में ही उसका लंड ऊसकी मामी की गांड के छेद में घुस गया था।,,, छोटे से छेंद मे ऊसके लंड का मोटा सुपाड़ा घुस गया था, और इस अनजाने में हुए हमले की वजह से उसकी मामी दर्द से बिलबिला उठी थी,, उसकी चीख बहुत तेज थी वह तो अच्छा था कि घर में कोई भी मौजूद नहीं था वरना आज दोनों रंगे हाथ पकड़े जाते,, वह दर्द से तड़पते हुए शुभम को गांड के छेद में से अपना लंड बाहर निकाल लेने के लिए कह रही थी,,,,
ओहहहह मां,,,,,, आहहहहहहहहह,,, हाय रे मार दीया जालीम,,,, शुभम क्या किया रे तूने कहां डालने की जगह कहां डाल दिया मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
मुझे अंदर बहुत जलन हो रही है तू जल्दी से निकाल ले नहीं तो मेरी जान चली जाएगी तु नह़ जानता कि कितना दर्द हो रहा है।,,,,
( उसकी मामी दर्द से तड़प रही थी लेकिन शुभम को एक अद्भुत एहसास का अनुभव हो रहा था,, उसकी मनोकामना आज थोड़ी बहुत पूरी हुई थी आज ऊसका लंड गांड के छेद में घुस गया था। और इस अद्भुत एहसास नहीं उसे कुछ पल मे ही बेहद आनंद की अनुभूति करा दीया। उसके जी में तो आ रहा था कि अंदर बाहर करते हुए वह मामी की गांड मारने लगे लेकिन ऐसा करने में बना काम बिगड़ सकता था क्योंकि उसकी मामी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।,,, लेकिन फिर भी वह अपनी मामी को मनाने के उद्देश्य से उसकी बड़ी बड़ी गांड को अपने दोनों हथेली से सहलाते हुए बोला,,,।
मामी बस थोड़ी देर और रुको तो इसमें भी बहुत मजा आएगा,,,
हरामजादे क्या उसने मजा आएगा कितना दर्द हो रहा है तुझे क्या मालूम,,,,
मुझे मालूम है मामी की बहुत दर्द करता है।
तुझे कैसे मालूम क्या तू भी गांड मराता है क्या,,,,
( दर्द से सिसकते हुए बोली)
अरे मामी (गांड को अपनी दोनों हथेलियों में भरकर मसलते हुए) मैं जानता हूं कि उसने भी मुझसे यह काम भी करवाई थी शुरु-शुरु में वह भी तुम्हारी तरह ही चीख रही थी चिल्ला रही थी,,, लेकिन उसके बाद तो वह अपने गांड को उछाल उछाल के पीछे की तरफ मेरे लंड पर पटक पटक कर गांड मरवाने का मजा लूट रही थी,,,
( ऐसा कहते हुए वह जितना घुसाया था उतना ही हलके से बाहर निकाल कर धीरे से एक बार फिर से अंदर की तरफ सरका दिया लेकिन इस बार भी उसकी मामी के मुंह से चीख निकल गई। शुभम समझ गया कि इतनी जल्दी वह अपनी गांड देने वाली नहीं है लेकिन इतने से ही बहुत तेज ना के परम शिखर पर पहुंच गया था,,, शुभम को समझाने के बावजूद भी उसके दूसरे प्रयास की वजह से वह थोड़ा गुस्सा हो गई और वह चिल्लाते हुए बोली,,,।)
शुभम तू पागल हो गया है क्या तुझे इतना समझा नहीं कि मुझे दर्द हो रहा है फिर भी नहीं मान रहा है निकाल ले वर्ना में कुछ भी नहीं करने दुंगी।,,,
( अपनी मामी के गुस्से को देखते हुए वह ईतना ताै समझ ही गया की अगर वह नहीं माना तो शायद सारा मजा धरा का धरा रह जाएगा वह मन ही मन सोच कर उदास होने लगा कि लगता है कि उसकी गांड मारने वाली इच्छा कभी भी पूरी नहीं हो पाएगी इसलिए वह अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकालते हुए बोला,,,।
ठीक है मामी निकाल रहा हूं इतना नाराज क्यों हो रही हो वह तो तुम्हारी बड़ी-बड़ी गांड मुझे बेहद पसंद आ रही थी इसलिए ऐसा हो गया,,,।
ऐसा हो गया ( मुंह बनाते हुए) तेरे ऐसा हो गया मै तो मेरा न जाने क्या क्या हो गया था।,,,,,
ठीक है मामी अब चिंता मत करो देखना तुम्हें और ज्यादा मज़ा आएगा,,( इतना कहते हुए शुभम एक बार फिर से अपने लंड को उसकी गीली बुर के अंदर डाल दिया और दोनों हाथों से उसकी बड़ी बड़ी गांड को थाम कर चोदना शुरू कर दिया,,, और थोड़ी ही देर में उसकी मामी को भी मजा आने लगा,,,, जांघ से जांघ टकरा रही थी जिससे एक मादक आनंदित कर देने वाला शोर पूरे कमरे में गूंज रहा था कमरे के अंदर का वातावरण एक बार फिर से गर्म हो चुका था। शुभम की मामी अपने भांजे से चुदवाने का भरपूर मजा ले रही थी,,, वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि ऐसा कुछ होगा और इतनी जल्दी होगा आज सुबह ही तो वह शुभम के नाम के दर्शन करके मस्त हो गई थी,और दोपहर में ही उसके मस्त लंड को अपनी बुरं में लेकर मदहोश होते हुए चुदाई का आनंद लूट रही थी। शुभम अब जोर जोर से धक्के लगा रहा था और उसके हर धक्के के साथ उसकी मांमी आगे की तरफ लुढ़क जा रहीे थी।,,, शुभम उसे चोदते हुए उसके पूरे बदन पर अपनी हथेली या फिरा रहा था।
ओहहहहहह,,,,, मामी मेरी जान तुम कितनी मस्त हो,, तुम्हें चोदते हुए मुझे इतना मजा आ रहा है कि मैं बता नहीं सकता,,,
( शुभम जानबूझकर उसे जान कह कर संबोधित कर रहा था ताकि चुदवाते समय और वह भी ज्यादा खुल जाए,,, शुभम की यह बात उसकी मामी को भी बेहद अच्छी लगी थी इसलिए तो वह मन ही मन प्रसन्न हो रही थी। फिर भी जानबूझकर एतराज जताते हुए बोली)
सससहहहहहह,,,,,, आहहहहहहहह,,,,, तू ऐसा कैसे कह रहा है जानता है ना कि मैं तेरी मामी हूं फिर भी तुझे बिल्कुल भी समझ नहीं है और मुझे जान कह कर बुला रहा है।,,,
तो क्या कहूं मेरी रानी मैं तो यही कहूंगा और सच कहूं तो अगर समाज का डर नहीं रहता तो मैं तुम्हें अपनी प्रेमिका बना लेता,,,,
धत्त कितनी गंदी बातें करता है तु,,,,, ( वह जानबूझकर इस तरह का बोल रही थी जबकि उसे शुभम की बातें सुनकर बहुत मजा आ रहा था और वह मस्त होकर बार-बार पीछे की तरफ अपनी बड़ी बड़ी गांड को ठेल दे रही थी।)
यह गंदी बातें नहीं है मामी यह तो प्यार की बाते है,,,,
लेकिन तू ऐसी बातें मत कर मुझे शर्म आती है।
एकदम नंगी होकर मुझसे चुदवा रही हो तब शर्म नहीं आ रही है और मेरी बातें सुनकर तुम्हें शर्म आती है।,,,
( शुभम की यह बात सुनकर वह शर्मिंदा हो गई और शर्मिंदगी जताते हुए बोली,,,।)
तु यह कह रहा है तो मैं चली जाती हूं (इतना कहने के साथ ही वह आगे की तरफ बढ़ी हुई थी कि शुभम ने उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से कसके पकड़ते हुए बोला)
अरे कहां जा रही हो मेरी जान तुम्हें तो मै अब कहीं नहीं जाने दूंगा जब तक आज मैं तुम्हारी जवानी के रस को चख ना लूं तब तक तुम्हें इस कमरे से बाहर भी जाने ीत नहीं दूंगा (और इतना कहने के साथ ही शुभम धकाधक तीन चार धक्के दे मारा इतने में तो एकदम से मस्त हो गई और सब कुछ भूल कर फिर से अपनी गांड को पीछे की तरफ ऊछालने लगी,, और गरम सिसकारी लेते हुए बोली,,,।)
ससससहहहहहह,,,,,, तू बहुत हारामी है रे,,,, मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि तू इस तरह का लड़का होगा देखने में कितना भोला लगता है लेकिन है बहुत शैतान,,,,( शुभम की जबरदस्त धक्कों का मजा लेते हुए बोली)
तुम भी तो मामीे एकदम छिनाल है मैं भी तो कभी नहीं सोचा था कि तुम इस कदर प्यासी हो कि अपने ही भांजे का लंड अपनीे बुर में लेकर चुदवाओगी,,,,,( शुभम आगे की तरफ झुक कर दोनों हाथ को नीचे की तरफ ले जाकर उसकी बड़ी बड़ी छातियों को दबाते हुए बोला)
आहहहहहहहह,,,,, अरे हरामजादे कितना गंदा बोलता है के तु,,, बहुत हरामी है।
मामी तभी तो तेरी जैसी औरत को चोदने में मजा आता है।,,,सच सच बताना,,,, तुम्हे मजा आ रहा है की नही,,,
( जोर जोर धक्के लगाते हुए बोला)
ऊूूूहहहहहहहह,,,,,, सससससहहहहहहहह,,,, मजा तो इतना आ रहा है कि पूछ,,,,मत ऐसा लग रहा है कि मैं हवा में उड़ रही हूं,,,
तो बस चुदाई का मजा ले मेरी जान ले संभाल अपने आपको मेरा मोटा लंड तेरी बुर की गहराई नाप रहा है,,,
( इतना कहते हुए शुभम जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया और उसकी मां ने भी उसके लंड का स्वागत करते हुए जोर-जोर से अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेलना शुरु कर दी,,, शुभम के धक्कों की गति तेज हो गई,,, उसकी मांमी जोर-जोर से सांसे लेते हुए चुदाई का मजा ले रही थी। दोनों की मेहनत रंग ला रही थी दोनों को अद्भुत सुख का एहसास हो रहा था दोनों का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था। दोनों धीरे-धीरे चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ रहे थे। तभी उसकी मामी कि सांसे एकदम से तेज हो गई और वह सिसकारी लेते हुए बोली,,,,
ससससहहहहहह,,,,, आहहहहहहहह,,,, सुभम मुझे कुछ हो रहा है ऐसा लग रहा है मैं कहीं बही जा रही हूं। मै समझ नहीं पा रही हूं लेकिन जो भी हो रहा है मुझे बहुत सुख दे रहा है।
तेरा पानी निकलने वाला है मामी चिंता मत कर मेरा भी निकलने वाला है,,,,
( और इसी के साथ ही सुभम जोर जोर से धक्के लगाने लगा,, उसकी मामी की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी सांसे फूल रही थी बिस्तर पर भी छाई हुई चादर अस्त-व्यस्त हो गई थी जिसे वह अपनी मुट्ठी से भींचे हुए थी,,,, और थोड़ी सी देर में दोनों सुखद सीख के साथ अपना अपना पानी फेंक दिए। शुभम को अपनी मामी को चोदने में बेहद आनंद की अनुभूति हुई थी और उसकी मामी जिंदगी में पहली बार चुदाई की असली सुख से वाकिफ हो रही थी। कुछ देर तक सुभम उसकी पीठ पर हीं लेटा रहा।
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