Sex kahani अधूरी हसरतें
04-02-2020, 04:59 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
कोमल ने तो हम दोनों को देख ही ली है,,, इसलिए जो होगा देखा जाएगा लेकिन इस समय अपना मजा क्यों खराब करें,,,, (और इतना कहने के साथ ही शुभम फिर से अपनी कमर को ऊपर नीचे करते हुए हिलाने लगा,,, कोमल की मम्मी जो भी समय पूरी तरह से डरी हुई थी वह भी शुभम की बात से पूरी तरह से सहमत हूं क्योंकि वह भी झड़ने के बिल्कुल करीब पहुंच चुकी थी इसलिए वह भी शुभम को अपनी बाहों में कस के भीच ली और उसके हर धक्के का मजा लेने लगी,,,,। दोनों बाद की बात को बाद में सोचने के लिए छोड़कर मजा लूटने लगे,,, और करीब जबरदस्त 10,,,ववव15 धक्को में ही दोनों का पानी निकल गया,,,,।
कोमल की मम्मी यह जानते हुए भी कि कोमल ने मुझसे शुभम के साथ चुदवाती हुए देख ली है,,, फिर भी वह शुभम को चोदने से मना नहीं कर पाई क्योंकि वह चरम सुख के बेहद करीब पहुंच चुकी थी जहां पर पहुंचकर कोई भी औरत या मर्द अच्छे बुरे की परख अपने पराए सही-गलत सब कुछ भूल कर उस चरम सुख को प्राप्त करने में उसे महसूस करने में जुट जाता है और वही चरम सुख को प्राप्त करने के लिए कोमल की मां में भी शुभम को कोमल के द्वारा देखे जाने पर भी उसे रोक पाने में विवस हो गई और चुदाई का परमसुख और चरम सुख महसूस करने के बाद ही वह शुभम को अपने ऊपर से हटाई।
,,, शुभम और कोमल की मम्मी दोनों धीरे से औरतों के मजमे के बीच आकर बैठ कर गाने बजाने और नृत्य का आनंद लेने लगे,,,, लेकिन अब गाने बजाने में न तो शुभम का ही मन लग रहा था और ना ही कोमल की मम्मी का,,, दोनों के मन में डर बैठ गया था और खास करके कोमल की मम्मी के मन में उसे इस बात का डर बराबर बना हुआ था कि अगर कोमल नहीं है बात सबको बता दी तो ना जाने कैसी आफत आ जाएगी,,, कोमल की मम्मी औरतों के नाच गाने का आनंद ना लेते हुए कोमल को ही ढूंढ रही थी लेकिन कोमल वहां पर मौजूद नहीं थी कोमल को उसकी मां और शुभम के बीच का गरमा-गरम नजारा देखकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और वह अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी हुई थी।
वह बार-बार उस कर्म नजारे को याद करके बिस्तर पर करवटें बदल रही थी। घर के पीछे का वह बेहद कामुक नजारा उसके तन बदन को झकझोर दे रहा था। उसे अभी भी समझ में नहीं आ रहा था कि जो कुछ भी उसने देखी वह वास्तविक ही था या उसका वहम या तो फिर कोई सपना था। स्वामी यही सोच रही थी कि वह तो शुभम और उसकी मां का पर्दाफाश करना चाहती थी उसकी मां को शुभम और उसकी मां के बीच के गलत संबंध के बारे में बताना चाहती थी लेकिन उसकी आंखों के सामने से कुछ और ही नजर आ गया,,,। तमन्ना यही सोच कर परेशान थी कुछ इस तरह से सुदामा रे सीमा आपस में बातें करते हैं वह एक दूसरे के बटन से खेल रहे थे इसका मतलब साफ है कि दोनों मैं इससे पहले भी इस तरह के नाजायज संबंध को अंजाम दिया था। दोनों के बीच पहले से ही शारीरिक संबंध का रिश्ता बन चुका था तभी तो वह दोनों कितनी आसानी से एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर चुदाई का आनंद ले रहे थे। वह मैंने यही सब सोच कर परेशान हो जा रही थी क्योंकि उसे अपनी मां से इस तरह की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी अब वहां शुभम और उसकी मां के बीच के संबंध के बारे में किसी को बताए भी तो कैसे बताए क्योंकि अब तो शुभम से उसकी मां खुद चुदवा रही थी,,,। उसे नहीं रह कर अपनी मां से नफरत सी हो रही थी और जिस तरह से शुभम और उसकी मां चुदाई का आनंद लूट रहे थे उसे याद करके उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर भी दौड़ रहेी थी और बार-बार ना चाहते हुए भी वह उसी गरमा गरम दृश्य के बारे में सोच रही थी।,,,,
उसे यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि आंखों के सामने कभी इस तरह के भी दृश्य नजर आएंगे,,, जिसके बारे में उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी।,,, वह बिस्तर पर करवट बदलते हुए बार-बार यही सोच रही थी कि कि उसे शुभम जब उसकी मां ने पेशाब करने के लिए अपनी साड़ी को अपनी गांड के ऊपर तक उठा ली थी,, तब कैसे शुभम एकदम से चुदवासा होकर अपनी पेंट से अपना लंड बाहर निकाल कर हीलाने लगा था।,,,, वह कैसे उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड को देखकर एकदम पागल हो गया था।,,, और जब उसकी मां पेशाब कर रही थी तो उससे रहा नहीं गया और वह कैसे उसके पीछे जाकर के झुककर उसकी बुर में लंड डालकर उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,। यह सब सोचकर कोमल को गुस्सा भी आ रहा था की उसकी मां को शुभम को रोकना चाहिए था लेकिन वह तो खुद शुभम की हरकत का मजा ले रही थी,,,, कोमल के मन में यह सोचते हुए उसकी मां के प्रति धिक्कार की भावना जागरुक हो रहे थे क्योंकि उसकी मां चाहती तो सब कुछ रोक सकती थी लेकिन उसकी मां की भी यही इच्छा थी तभी तो वह खुद उसे झोपड़ी में चलने के लिए बोली थी। कोमल मैंने यह सोचकर एकदम से हैरान और आश्चर्यचकित हुए जा रही थी आखिरकार जुदाई ने ऐसा कौन सा सुख छुपा होता है कि लोग रिश्ते-नातों को भूल जाते हैं उसकी मां जिस पर वह पूरी तरह से भरोसा करती थी वह खुद चुदवाने के लिए शुभम को झोपड़ी में चलने के लिए बोल रही थी,,,,।
यह सब सोचते हुए कोमल बार-बार करवटें बदल रही थी,,, और दूसरी तरफ,,, कोमल की मम्मी और शुभम सबसे पीछे बैठकर इसी बारे में विचार विमर्श कर रहे थे कोमल की मम्मी पूरी तरह से घबराई हुई थी शुभम जी घबराया हुआ था लेकिन वह अपने आप को संभाले हुए था वह बार-बार कोमल की मम्मी को दिलासा दे रहा था कि वह सब कुछ संभाल लेगा,,, और कोमल की मम्मी शुभम के ही भरोसे थी उसे ना जाने क्यों डर के साथ साथ यह यकीन भी हो रहा था कि सुभम सब कुछ संभाल लेगा,,,,।

कोमल अपने कमरे में अपनी मां और शुभम के बीच हुए जुदाई के दृश्य को देखकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी उत्तेजना के मारे उसके गाल लाल सुर्ख हो चुके थे। वह झोपड़ी के अंदर के दृश्य को याद कर रही थी।,,, मर्द और औरत के बीच के ईस तरह के संबंध को वह खुले तौर पर आज दूसरी बार देखी थी।,,, इसलिए उसके होश पूरी तरह से उसके बस में नहीं था बार-बार उसे शुभम का मोटा लंड उसकी मां की बुर में अंदर बाहर होता हुआ नजर आ रहा था,,, और वह इस बात से भी पूरी तरह से हैरान थीे की इतना मोटा तगड़ा लंड छोटी सी बुर के अंदर कैसे पूरा समा जाता है।,,, और वह यह सोचकर भी हैरान थी कि जिस तरह से उसकी मां चुदवाते हुए अजीब अजीब सी आवाजें निकाल कर चीख रही थी क्या उसे मजा आ रहा था या दर्द हो रहा था अगर दर्द होता तो वह यह सब क्यों करवाती,,, यह सब सवाल कोमल को पूरी तरह से हैरान कर दिया था जिसका जवाब ईस समय उसके पास बिल्कुल भी नहीं था।,,, काश यह सब सोचकर बिस्तर पर करवट लेते हुए अनजाने में ही अपनी जांघों के बीच हथेली रख कर अपने कोमल अंग को रगड़ रही थी। उसे यह अच्छी तरह से महसूस हो रहा था कि उसकी बुर पूरी तरह से गीली हो चुकी है।,,, लेकिन उसे अजीब सा आनंद की प्राप्ति हो रही थी जिसकी वजह से वह लगातार अपनी हथेली से अपनी बुर को सलवार के ऊपर से हीं रगड़ रही थी।,,, कोमल काफी रात तक इस बारे में सोचती रही और कब उसकी आंख लग गई उसे पता नहीं चला,,,।

दूसरे दिन कोमल की मम्मी कोमल से बिल्कुल भी नजरें नहीं मिला पा रही थी उसे डर के साथ-साथ शर्म सी महसूस हो रही थी।,,, और आखिरकार वह शर्माए भी क्यों नहीं,, उसने अपनी बेटी के सामने हरकत ही कुछ ऐसी कर रही थी कि किसी को भी शर्म महसूस हो जाए कोमल खुद अपनी मां से नजरें नहीं मिला पा रही थी उसे अपनी मां से घर्णा महसूस हो रही थी।,,,, कोमल की मां उससे बात करना चाहती थी लेकिन बात भी करें तो किस मुंह से जिससे वह इस समय ठीक से नजरें भी नहीं मिला पा रही थी।,, शुभम खुद जल्दी से चाय नाश्ता करके घूमने के बहाने घर से बाहर चला गया था वह भी कोमल का सामना करने से कतरा रहा था आखिरकार उसने उसकी आंखों के सामने उसकी मां की जमकर चुदाई जो कर रहा था अगर वह पूछेगी तो वह क्या जवाब देगा इसलिए वह जल्दी से घर से बाहर चला गया था,,,,।
शुभम घर के बाहर खेतों में टहलते हुए अपने मोबाइल पर कुछ सर्चिंग कर रहा था जो कि यह मोबाइल गांव आने से पहले ही उसकी मां खुश होकर उसे गिफ्ट में दी थी लेकिन शुभम को मोबाइल में बिल्कुल भी इंट्रेस्ट नहीं था गांव में समय व्यतीत करने के लिए वहां मोबाइल यूज कर रहा था।,,,, उसे याद आया कि उसने उसकी छोटी मामी का नंबर सेव कर लिया है और वह तुरंत कांटेक्ट लिस्ट में जाकर धड़कते दिल के साथ अपनी छोटी मामी सुगंधा का नंबर डायल कर दिया।,,, अच्छी तरह से समझ गया था कि उसका छोटा मामा एकदम बेवकूफ है जिस तरह से वह बता रहा था इसलिए अभी तक उसकी छोटी मामी यानी कि उसकी होने वाली बीवी से बिल्कुल भी बातचीत नहीं कर पाया था,,,। इसलिए फोन पर थोड़ा बहुत मजे लेने के उद्देश्य से शुभम ने सुगंधा का नंबर डायल कर दिया था नंबर डायल करते ही सामने रिंग जा रही थी जिसकी आवाज के साथ साथ शुभम का दिल भी जोरों से धड़क रहा था क्योंकि यह उसके लिए पहला मौका था जब वह किसी लड़की से बात करने जा रहा था और वह भी फोन पर,,,,,।,, जैसे ही सामने से कॉल रिसीव हुआ वैसे ही शुभम का दिल और तेजी से धड़कने लगा तभी उसे सामने से आवाज आई,,,,,,।

हेलो कौन,,,,?
( सुगंधा की सुरीली आवाज सुनकर शुभम पूरी तरह से मोहित हो गया,,,, कुर्सी ऐसा महसूस होने लगा के उसके कानों में बांसुरी की सुरीली आवाज आ रही है।,, वह इतने से ही समझ गया कि उसकी छोटी मामी से बात करने में उसे बहुत मजा आएगा अब वह पूरी तरह से फ्लर्ट करने कि मन में ठान लिया था इसलिए वह जवाब देते हुए बोला )

आप ही पहचान लीजिए हम कौन बोल रहे हैं,,

फोन आप ने लगाया है तो आप ही बता दीजिए आप कौन हैं?,,,
( सुगंधा मन ही मन उलझन भरी स्थिति में बोली क्योंकि यह आवाज उसने पहली बार ही सुनी थी।)

कमाल है मेरी सुगंधा रानी अपने होने वाले पति की आवाज को ही नहीं पहचान पा रही है।
( शुभम पूरी तरह से सुगंधा पर अपनी आवाज का जादू बिखेरते हुए बोला,,, इतना सुनकर सुगंधा भी मन ही मन प्रसन्न हो गई क्योंकि वास्तविकता यही थी कि आज पहली बार ही वह अपने होने वाले पति की आवाज को अपने कानों से सुन रही थी क्योंकि उसने अब तक अपने होने वाले पति की आवाज को सुनी नहीं थी। इसलिए उसे ऐसा लग रहा था कि फोन पर उसका होने वाला पति ही है। वह बहुत खुश हो गई और खुशी जताते हुए बोली,,,।)


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