04-02-2020, 05:01 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
और फिर,,,, और फिर क्या,,,,?
( शुभम जानता था कि कोमल इसके आगे क्या कहने वाली है और वह उसके मुंह से सुनना चाहता था,,,। कोमल मन ही मन में सोच रही थी ईतना कुछ तो बोल गई है यह भी बोल दे,,, वैसे भी उसकी चढ़ती जवानी यह सब गंदी बातों के चलते मदहोश होने लगी थी और उसे भी बेहद आनंद की अनुभूति हो रही थी इसलिए वह भी अश्लील शब्दों को बोलकर उन शब्दों के एहसास का मजा लेना चाहती थी इसलिए वह बोली,,,।)
फिर क्या,,,,,,, तुम ,,,, अपने उसको हिलाते हुए मेरी मां के उस में डाल दिए,,,,,( कोमल शरमाते हुए और घबराते हुए बोल गई,,,,, लेकिन इतना बोलते ही उसके जांघों के बीच हलचल सी होने लगी,,,, उसकी कुंवारी बुर में नमकीन पानी का सैलाब उठने लगा,,,। शुभम तो कोमल के मुंह से सुनने के लिए बेकरार सा बैठा था और जैसे ही उसके मुंह से इतना सुना वह झट से बोला,,,।
किसमे,,, बुर मे,,,, ( शुभम बुर शब्द एकदम बेशर्मों की तरह बोला था,,,।)
जब जानते हो तो फिर क्यों बोलते हो,,,,।
( कोमल शुभम की बातों पर एतराज जताते हुए बोली लेकिन उसके मुंह से बुर शब्द सुनकर उसके तन-बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी,,,।)
हां ऐसा ही हुआ कोमल लेकिन इसमें क्या मेरा दोष था। तुम सब कुछ देख रही थी तो यह भी देखी होगी कि किस तरह से तुम्हारी मां अपनी बड़ी बड़ी गांड और अपनी रसीली बुर दिखाते हुए मूत रही थी,,,,( शुभम अपनी बेशर्मी का ग्राफ और ज्यादा नीचे गिराते जा रहा था,,,) और तुम ही सोचो जब एक जवान लड़का और लड़की बहुत मस्त गांड और उसकी रसीली बुर देखेगा तो उससे भला कैसे रहा जाएगा,,, यह तो एक तरह से औरत की तरफ से मर्दों के लिए निमंत्रण हो गया और मैं भी तुम्हारी मां के दिए गए इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए वही किया जो एक मर्द को करना चाहिए था मैंने भी अपने लिंग को तुम्हारी मां की बुर में डालकर उन्हें चोदने लगा,,,,
( शुभम उत्तेजनात्मक स्वर में गाड़ी को एक्सीलेटर देते हुए बोल रहा था,,, उसे मालूम था कि वह जिन शब्दों का प्रयोग कर रहा है वह शब्द कोमल के कोमल मन पर बहुत भारी पड़ने वाले हैं और उसकी सोच बिल्कुल सही थे कोमल एकदम उत्तेजना ग्रस्त हो़ चुकी थी,,, चोदना शब्द सुनकर तो उसके तन-बदन में आग लग सी गई थी,,, शुभम के द्वारा कामुक शब्दों में वर्णन सुनकर कोमल की आंखों के सामने रात वाली घटना संपूर्ण रूप से किसी फिल्म के चलचित्र की तरह घूमने लगी,,, वह पल भर में ही सोचने लगी कि कैसे उसकी मां अपनी साड़ी उठाकर मुतने के लिए तैयार थी और शुभम उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड को देख कर एकदम से चुदवासा हो गया था पीछे से जाकर उसकी मां की बुर में लंड डालकर चोदने लगा था,,,,।,, यह सब सोचकर कोमल का गोरा चेहरा उत्तेजना के मारे लाल टमाटर की तरह हो गया,, जोकी मोटरसाइकिल के शीशे में शुभम को साफ साफ नजर आ रहा था,,,, तभी वह शरमाते हुए धीमे स्वर में शुभम से बोली,,,।)
लेकिन तुम्हें यह नहीं करना चाहिए था तुम अपने आपको रोक सकते थे,,,।
रोक तो मुझे तुम्हारी मम्मी मतलब की मामी भी सकती थी।,,,, लेकिन उन्होंने भी मुझे नहीं रोका यह भी तुम अच्छी तरह से देख रही होगी,,,,।
( शुभम की यह बात सुनकर कोमल सोचने लगी कि शुभम सच ही कह रहा है क्योंकि वह भी अच्छी तरह से देखी थी की,,, शुभम द्वारा इतनी है गंदी हरकत के बावजूद भी उसकी मां उसे बिल्कुल भी रोकने की कोशिश नहीं की थी वह सब सोच ही रही थी कि तभी सुभम बोला,,,।)
तुम बेकार में बात का बतंगड़ बना रही हो अगर मेरी हरकत ऊन्हे गंदी लगती तो वह खुद ही मुझे रोक दी होती,,,, लेकिन उन्होंने मुझे बिल्कुल भी नहीं रोकी बाकी तुम अच्छी तरह से देख रही होगी कि वह खुद ही मुझे झोपड़ी में चलने के लिए कह रही थी,,,,
( शुभम की यह बातों ने कोमल को एकदम खामोश कर दिया क्योंकि जो कुछ भी शुभम कह रहा था वह बिल्कुल सच कह रहा था कोमल मन में सोचने लगे कि अगर उसकी मां को एतराज होता तो उसे थप्पड़ मारकर उसे रोक देती लेकिन वह तो खुद ही उसे पास की झोपड़ी में जाने के लिए कह रही थी,,,, तभी कोमल बोली,,,।)
यही बात तो मुझे भी समझ में नहीं आ रही है अगर तुम इतना आगे बढ़ गए फिर तो मम्मी तुम्हें रोक सकती थी तुम्हें मार सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया तभी तो मैं मम्मी से भी नाराज हो लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आता कि मम्मी ने आखिर ऐसा किया क्यों नहीं तुम्हें आगे क्यों बढ़ने दिया,,,, मम्मी के हाव भाव से ऐसा लग रहा था कि तुम दोनों के बीच पहले से ही,,,,,,।
( इतना कहकर कोमल खामोश हो गई और कोमल की बात को शुभम आगे बढ़ाते हुए बोला।)
तुम सही सोच रही हो कोमल मैं तुमसे कुछ भी नहीं छुपाऊंगा,,,,
शुभम सोच रहा था कि अब सही मौका आ गया है सब कुछ बताने का और वह जानता था कि उसकी नमक मिर्ची लगी गंदी बातों को सुनकर कोमल का कोमल मन मदहोश होने लगेगा और वह मदहोश हो रही कोमल के साथ वह सब आसानी से कर लेगा जो वह उसकी मां के साथ कर दे एकदम मस्त हो गया था,,,, इसलिए वह बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,,।
तुम सही सोच रही हो कि मेरी हरकत के बावजूद भी तुम्हारी मम्मी कुछ बोली थी वही मुझे रोकी क्यों नहीं क्योंकि हम दोनों के बीच पहले भी शारीरिक संबंध बन चुका था।
(
क्या मुझे यकीन नहीं हो रहा है,,,, ।( कोमल आश्चर्य से बोली।)
यही सच है कोमल,,,,।
तुम तो इतने गंदे हो वह हमें समझ सकती हूं लेकिन मेरी मां ऐसी नहीं हो सकती क्योंकि आज तक मैंने उनके बारे में कहीं भी किसी के भी मुंह से ऐसी बातें नहीं सुनी हुं की उन पर इस तरह का सक कर सकूं।,,,,,
देखो कोमल मैं जानता हूं कि तुम्हारी मम्मी बहुत अच्छी हैं लेकिन यह सब अनजाने में ही हो गया,,,,।
|
|
|