Sex kahani अधूरी हसरतें
04-02-2020, 05:06 PM,
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
शुभम कोमल के तन-बदन में चुदास का लहर भर चुका था,,, कोमल की भी बुर में चीटियां रेंगने लगी थी,,, वह कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन उसके चेहरे के हाव-भाव सब कुछ बयां कर रहे थे,,,, वह तो बस कल्पना में ही शुभम और शुभम की मां को संभोगरत देखकर एकदम पानी पानी हुए जा रही थी,,, उसे कुछ भी बोलता ना देख कर शुभम बोला,,,।

कोमल मर्द हमेशा से औरतों की जरूरत रहा है और औरत हमेशा से मर्दों की जरूरत रही है अगर औरत मर्द में सुख ढुंढती है तो मर्द भी औरत मे हीं सुख ढुंढता है,,,। रिश्ते नाते अपनी जगह है और जिस्म की प्यास अपनी जगह है दोनों अपनी अपनी जगह सही हैं,,,,।

( कोमल सुभम की बातों को ध्यान से सुन रही थी और फिर बोली)

चलो मैं मान ली की तुम्हारी मां की जरूरत नहीं तुम दोनों को इस तरह के संबंध बनाने पर मजबूर किया लेकिन तुम तो पहली बार गांव आए हो तो ऐसे में ऐसा क्या हो गया कि तुमने मेरी मां के साथ भी उसी तरह के संबंध बना लिए,,,
( कोमल के सवालों से शुभम मन ही मन प्रसन्न हो रहा था उसकी उत्सुकता यह दर्शा रही थी कि उसे मजा आ रहा है। इसलिए वह उसकी मां की भी कहानी को थोड़ा नमक मिर्ची लगाते हुए बोला।)

जैसा कि मैंने तुम्हें बताया कि मेरी मां भी प्यासी ही थी ठीक उसी तरह से तुम्हारी मां भी लंड की प्यासी है मैं सच कह रहा हूं कि तुम्हारे पापा भी तुम्हारी मां को ठीक तरह से चोद नहीं पाते और वैसे भी तुम्हारी मां कोई बुढ़ी नहीं हुई है,,, जो यह सब ना करें तुम्हें शायद मालूम नहीं है कि इस उम्र में ही औरतों की प्यास और ज्यादा बढ़ जाती है और तुम्हारी मां तो वैसे भी बहुत खूबसूरत है।( शुभम कमल के सामने जानबूझकर उसकी मां की तारीफ करते हुए उसे उकसा रहा था) तुम शायद नहीं जानते कि तुम्हारी मां को देखकर बहुतों का लंड खड़ा हो जाता है।( शुभम की इस बात पर कोमल के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई,, ओ भी इस बात पर कि अभी भी उसकी मां ने जवानी बरकरार थी।)
मेरा भी हो गया था?

क्या हो गया था ? (कोमल तपाक से बोली)

लंड खड़ा हो गया था और क्या,,, पहले दिन ही जब मैं तुम्हारी मां को देखा तो न जाने मुझे क्या होने लगा तुम्हारी मां की बड़ी बड़ी गांड मेरे होश उड़ा रही थी,,,, लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ भी नहीं था बस उन्हें देखकर मैं थोड़ा सा उत्तेजित हो जाता था वह तो एक दिन मैं अपने कमरे में कपड़े बदल रहा था। मैं तुमसे कुछ भी नहीं छुपाऊंगा सच कहूं तो उस दिन भी मैं तुम्हारी मां के बारे में ही सोच रहा था जिसकी वजह से मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था,,,। कमरे में अकेले होने की वजह से मैं बिल्कुल नंगा था मुझे यह नहीं मालूम था कि दरवाजा बंद नहीं है कभी तुम्हारी मम्मी को ढूंढते हुए आई और दरवाजा खोल दी,,,, और उन्होंने मुझे पूरी तरह से नंगा देख लिया खास करके उनकी निगाह मेरे मोटे तगड़े लंड पर ही टिकी हुई थी।
मैं तो हक्का-बक्का रह गया मुझे लगा कि मामी मुझे डाटेंगी लेकिन वह बिना कुछ बोले मुस्कुराकर चली गई,, पता नहीं उसी दिन तुम सब शादी की खरीदी करने के लिए बाजार जा रहे थे,,,( शुभम की बात सुनकर कोमल कुछ याद करने लगी,,,।) लेकिन तुम्हारी मम्मी तबीयत का बहाना करके तुम लोगों के साथ बाजार नहीं गई।

हां मम्मी उस दिन कह रही थी कि तबीयत ठीक नहीं है इसलिए नहीं गई,,,।

लेकिन तुम्हारी मम्मी तुम सब से झूठ बोल रही थी उनकी तबीयत खराब नहीं थी बल्कि उनकी आंखों में मेरी तगड़े मोटे लंड का नशा छाने लगा था,,।

क्या बकवास कर रहे हो शुभम,,,

मैं बकवास नहीं सच कह रहा हूं तुम लोगों के जाने के बाद तुम्हारी मम्मी मेरे कमरे में आई हो मदद करने के बहाने मुझे अपने कमरे में बुलाई और मैं जब तुम्हारी मम्मी के कमरे में गया तो वह लेटी हुई थी,,, वह मुझसे अपनी कमर की मालिश करवा रही थी और मालिश करवाते करवाते वह अपने बदन से सारे कपड़े उतार के एकदम नंगी हो गई,,,, और वही हुआ जो मेरी मां के साथ हुआ था तुम लोगों के आते आते तुम्हारी मां मुझसे चार बार चुदवाई,,,, और यह सब किसी को भी पता नहीं चलता सिर्फ तुम ही को पता चल गया और हम लोग पकड़े गए,,,। बस यही हुआ कोमल औरत अपनी जिस्म की प्यास के आगे कमजोर पड़ जाती है और वह किसी से भी संबंध बना लेती है,, वह तो अच्छा हुआ कि तुम्हारी मम्मी अब तक किसी के साथ गलत संबंध नहीं बनाई थी और बनाई भी तो मेरे साथ मैं तो यहां से चला जाऊंगा फिर यह सिलसिला खत्म हो जाएगा अगर सोच लो गांव में किसी और के साथ लेकर संबंध बनाती तो तेरे गांव में बदनामी भी होने का डर था और यह संबंध यही नहीं रुकता बल्कि आगे बढ़ पाता था तब तुम क्या करती।
( कोमल शुभम की बातों को सुनकर सोच में पड़ गई थी क्योंकि कोमल के मन में जिस तरह की बातों को शुभम ने डाला था उससे कोमल को,, अजीब सा महसूस हो रहा था उसके बदन में कसमसाहट बढ़ती जा रही थी अब उसके मन में उसकी मां के प्रति और शुभम के प्रति किसी भी प्रकार का आवेश नहीं था,,, बल्कि उसके मन में अभी से बात की उत्सुकता कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही थी कि क्या वास्तव में शुभम का लंड इतना तगड़ा है कि खुद उसकी मां और और शुभम की मां रिश्ते का बिल्कुल भी ख्याल ना करते हुए ऊससे चुदवा ली,,, अब तो कोमल भी शुभम के लंड को देखने के लिए बेकरार है,। कितनी अश्लील बातें दोनों के बीच हो चुकी थी तो अब कोमल के मन में ऐसा कुछ भी नहीं था कि शुभम से थोड़ा भी शर्म ओ हया का पर्दा रखा जाए इसलिए वह बोली,,,

शुभम तुम इतना बढ़ा चढ़ाकर बोल रहे हो तुम्हारे लंड को देखकर तुम्हारी मां और मेरी मां बहक गई फिर ऐसा क्या हाथ है तुम्हारे लंड में कि वह दोनों अपने आप पर जरा भी कंट्रोल नहीं कर पाई,,,,।
( कोमल की बात सुनकर तुरंत समझ गया कि अब वह बहकने लगी है और यही मौका है जब उसे अपने बातों में बहकाकर उसे चोदा जा सकता है। अब तो वह भी उतावला हो चुका था कोमल को अपना मोटा तगड़ा लंड दिखाने के लिए)

कोमल यह बात तुम बिल्कुल भी नहीं समझोगी क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम अभी तक एकदम कुंवारी हो ू तुम्हारी बुर में अभी तक लंड नही गया है।,,, सच कह रहा हूं ना तुम अब तक किसी से चुदवाई नहीं हो ना,,, या चोरी-छुपे तुम भी चुदवा चुकी हो,,,।
( शुभम अब अपने पूरे कमीनेपन पर उतर आया था,,, क्योंकि वह अब गांव की तरफ मुख्य सड़क पर अपनी बाइक को मोड़ चुका था आसमान में काले बादल छाने लगे थे और हल्की-हल्की बुंदे भी गिरने लगी थी,,, कोमल तो शुभम के मुंह से अपने लिए इतनी गंदी बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी,,, लेकिन दोनों के बीच इतनी गंदी गंदी बातें हो चुकी थी इसलिए शर्म करने का कोई फायदा नहीं था कोमल की पूरी तरह से इन सब बातों का मजा ले लेना चाहती थी इसलिए वह बोली,,,।)

बक,,,,, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है,,,।

तो करवाना है क्या कोमल,,,,
( शुभम के इस सवाल से कोमल शरमा गई,,, और शरमाते हुए बोली,,।)

पागल हो गए हो क्या तुम मुझे अपनी मां और मेरी मां की तरह समझे हो,,,,

चुदवाने की प्यास तो सबमे जगती है कोमल,,,, आज नहीं तो कल तुम भी मोटे लंड के लिए तड़पोगी,,,

यह कैसी बातें कर रहे हो सुभम मैं तुम्हारी बहन ही हूं,,,

मुझे मालूम है तुम्हारी मम्मी भी मेरी बड़ी मामी है। तुम्हारी बुआ मेरी मम्मी है लेकिन जरूरत,,, जरूरत होती है। उसके आगे किसी का बस नहीं चलता,,,,
( शुभम की बातें कोमल को अच्छी लग रही थी उसके मन के किसी कोने में यह बात पनप रही थी कि शुभम जिस तरह से उसकी मां को चोद रहा था उसी तरह से उसको भी चोदे,,, लेकिन यह बात वह कैसे बोलें,,,, तभी सड़क के किनारे बाइक खड़ी करके वह बाइक से कोमल को उतरने के लिए बोला।

यहां क्यों रोक दिए,,,

अरे मुझे जोरों की पेशाब लगी है इसलिए रोक दिया पहले कर लूं तब चलते है।
( शुभम की बात सुनकर कोमल कुछ बोली नहीं लेकिन पेशाब वाली बात सुनकर उसके मन में शुभम का लंड देखने की उत्सुकता बढ़ने लगी और शुभम भी जानबूझकर यहां गाड़ी रोका था ताकि वह अपने मोटे तगड़े लंड को कोमल को दिखा सके,,, ऐसी जगह जाकर पेशाब करने लगा जहां से कोमल को साफ साफ नजर आए और उसे यकीन था कि कोमल जरूर की तरफ देखेगी और ऐसा ही हुआ शुभम पेंट से अपना लंड बाहर निकाल कर पेशाब करने लगा,, कोमल उत्सुकतावश इधर उधर हो रही थी उसे शुभम की तरफ देखने में शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी वह अपने मन को रोक नहीं पाई,,, और शुभम की तरफ देखने लगी, शुभम भी यह जान गया कि कोमल उसी की तरफ देख रही है तो जानबूझकर अपने लिंग को हिलाता हुआ पेशाब करने लगा,,, मोटा तगड़ा खड़ा लंड देखकर कोमल की बुर पसीजने लगी अब तो उसके मन में भी ऐसा होने लगा कि शुभम अपने मोटे लंड को ऊसकी बुर में डालकर चोदे,,,,। शायद मौसम भी शुभम पर मेहरबान थी,, वह पेशाब कर ही रहा था कि तभी जोर से बारिश होने लगी,,,, बारिश से बचने का कोई भी सहारा नजर नहीं आ रहा था कभी कोमल सड़क के किनारे बनी झोपड़ी में जाकर अपने आप को बारिश से बचाने लगी लेकिन तब तक वह पूरी तरह से भीग चुकी थी,,, यह शुभम अच्छी तरह से देख रहा था वह जानबूझकर अपने लंड को पेंट में वापस ना डाल कर यह जताने के लिए कि वह भी बारिश से बचने के लिए भागा है,,, वह भी भागते-भागते उसी झोपड़ी में घुस गया,,, कोमल अपने दुपट्टे से पानी साफ कर रही थी तभी उसकी नजर शुभम की पैंट से बाहर झांक रहे उसके खड़े लंड पर पड़ी और वह एकटक उसे देखती रह गई,,, उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी बारिश का पानी कोमल की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रहा था कोमल गौर से उसके खड़े लंड को देख रही थी और शुभम इतना बेशर्म था कि उसे पेंट में अंदर डालने के लिए बिल्कुल भी तैयार नजर नहीं आ रहा था। बल्कि वह जानबूझकर कोमल को दिखा रहा था दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे,,,, शुभम बेशर्म बनकर कोमल की तरफ देखे जा रहा था और कोमल मदहोश होकर शुभम के मोटे लंड को देखे जा रही थी यह उसके लिए पहला मौका था जब वह खड़े लंड को अपनी आंखों से देख रही थी दो बार,,


Messages In This Thread
RE: Sex kahani अधूरी हसरतें - by sexstories - 04-02-2020, 05:06 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,458,906 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,666 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,105 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,870 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,628,794 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,031 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,007 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,944,950 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,988,545 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,874 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 10 Guest(s)