RE: Sex kahani अधूरी हसरतें
कोमल की मम्मी के हाव भाव चुदास से भरे हुए लग रहे थे,,, शुभम को अपने लंड का पानी निकालने का जुगाड़ मिल चुका था। वैसे भी सुगंधा की खूबसूरत बदन के बारे में सोच सोच कर उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और जिस पर बार-बार कोमल की मम्मी की नजर भी चली जा रही थी,,,, शुभम इधर उधर देखा तो उधर कोई भी नजर नहीं आ रहा था सब लोग नई दुल्हन को देखने में व्यस्त थे इसलिए शुभम कोमल की मम्मी का हाथ पकड़ते हुए उनके कमरे की तरफ ले जाते हुए बोला,,,
आओ मैं बताता हूं,,,
कहां ले जा रहा है?
यहां कोई सुन लेगा चलो तुम्हारे कमरे में बताता हूं,,,
( शुभम की अश्लील बातों को सुनकर कोमल की मम्मी की आंखों में चुदास से भरी खुमारी साफ नजर आ रही थी,,, वह इतना तो जानती थी कि शुभम उसे कमरे की तरफ क्यों ले जा रहा है लेकिन वह उसे रोक पाने में सक्षम बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि वह भी यही चाहती थी,,,, कमरे में पहुंचते ही सुभम तुरंत उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों को चूमने लगा कुछ देर तक उसके होठों का रसपान करने के बाद वह बोला,,,,।
मामी मैं उसके बाद उसकी सलवार को पूरी तरह से उतारकर उसको नंगी कर दिया,,,( और ऐसा कहने के साथ ही वह कोमल की मम्मी की साड़ी ऊपर की तरफ उठाने लगा,,, और उसे झुका कर पीछे से उसकी बुर में लंड डालते हुए बोला,,,,
और इस तरह से मैंने कोमल की बुर में लंड डालकर उसको चोदना शुरू कर दिया,,,
( कोमल की मम्मी के लिए अब कुछ भी सुनने जैसा नहीं था वह शुभम के मोटे लंड को अपनी बुर में महसुस कर कर मस्त होने लगी,,, शुभम भी अब बिना कुछ बोले कोमल की मम्मी को पीछे से चोदना शुरू कर दिया,,, थोड़ी देर बाद दोनों झड़ गए,,,
कोमल की मम्मी को भी अब पूरी तरह से यकीन हो गया कि शुभम का यह जुगाड़ पूरी तरह से सफल है अब घूमर किसी को कुछ भी नहीं बता पाएंगी,,,
शाम ढल चुकी थी शुभम अच्छी तरह से जानता था कि सुगंधा की याद में अभी रात है और वह किसी भी हाल में उसे भागना चाहता था लेकिन कैसे इसका जुगाड़ ढुढ़ते हुए वह खेतों की तरफ इधर-उधर घूम रहा था,,, वह जानता था कि उसका छोटा मामा एकदम बुद्धू है औरतों को कैसे खुश किया जाता है मुझे कैसे प्यार किया जाता है इस बारे में उसे बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था और यह बात बिल्कुल सच है उसका मामा पहली रात को लेकर बेहद परेशान था लगभग वह घबरा रहा था क्योंकि आज से पहले उसने कभी भी किसी लड़की के करीब नहीं गया था ना तो किसी लड़की से बात नहीं किया था,,,,, ऐसे में शुभम की लॉटरी लगना तय थी,,,
लेकिन कैसे यह उसे भी नहीं पता था। ईसी जुगाड़ में वह इधर से उधर घूम रहा था उसे कुछ सूझ नहीं रहा था,,, तभी वह देखा कि खेतों में पानी दिया जा रहा था और वहां कोई नहीं था ट्यूबवेल से पानी निकल कर खेतों में भर रहा था क्योंकि खेतों में पानी देना बेहद जरूरी था तभी शुभम के दिमाग में शैतानी आईडिया घुमने लगा।,,,, वह तुरंत मिट्टी की नाली से पानी आ रहा था उधर की मिट्टी हटाकर पानी का रुख मोड़ दिया और पानी खेतों की बजाय दूसरी जगह भरने लगा,,, जो देखकर शुभम के चेहरे पर मुस्कान फैल गई,,, वहं घर वापस लौट आया और सही समय का इंतजार करने लगा,,,
सभी लोग खाना खा रहे थे,,, तभी मैं बड़े मामा को यह बताया कि खेतों में पानी जाने की वजाय दूसरी जगह बह रहा है,,, यह सुनकर बड़े मामा ने छोटे मामा को बुलाकर उन्हें खेतों में पानी ढंग से पहुंच जाए और भर जाए फिर ऐसा करने के लिए गए और जब तक ऐसा काम ना हो जाए तब तक घर वापस न लौटने की सख्त हिदायत भी दे दिया,,,,, शुभम बहुत खुश हुआ वह जेसा सोच रहा था वैसा ही हो रहा था,,,,,,,, उसका छोटा मामा जिसकी आज सुहागरात थी वह अपने शयनकक्ष में जाने की बजाए खेतों में पानी देने पहुंच गया,,,
शुभम जी पूरी तरह से यकीन हो जाए कि वह जल्दी नहीं लौटेगा इसलिए उसके पीछे पीछे चला गया और उसे लगभग कराते हुए बोला कि मामा बोले हैं कि आज के तो मैं पूरी तरह से पानी पड़ जाना चाहिए क्योंकि बिजली का कोई ठिकाना नहीं है और समय पर पानी नहीं मिला तो फसल खराब हो जाएगी सुहागरात तो आज नहीं तो कल मनाना ही मनाना है लेकिन खेतों में पानी नहीं पहुंचा तो बहुत नुकसान हो जाएगा शुभम ने जोर शोर लगा कर अपने मामा के कानों में सारी बातें भर दीया और वह भी,,, अपने बड़े भाई की बात मानते हो जहां जहां से पानी छूट रहा था वहां पर मीटृी डालकर उसे बंद करने लगा,,, और शुभम बातों ही बातों में उससे पूछ लिया कि कब तक वह घर लौटेगा,,, इस बात से शुभम को इत्मीनान हो गया कि वह 3 चार घंटे तक वापस नहीं लौटने वाला है। नींद और थकान का बहाना बनाकर वह खेतों से वापस लौट आया
घर पर देख रहा है तो सभी लोग थकान से चूर होकर अपने अपने कमरे में सो गए,,,, शुभम को यही सही मौका लगा सुगंधा के कमरे में जाने को,,, और वह सुगंधा के कमरे की तरफ जाने लगा,,,,
सुगंधा फोन पर गंदी बातें कर करके एकदम से चुदवासी हो चुकी थी और इस समय उसकी बुर में लंड लेने के लिए गुदगुदी हो रही थी गर्मी की वजह से उसने अपने बालों को खोल दी थी। वह शयन कक्ष में बिस्तर पर बैठकर अपने पति का इंतजार कर रही थी,,, शुभम जैसे कमरे का दरवाजा खोला,,,, बिस्तर पर अस्त-व्यस्त हालत में बैठी सुगंधा नजर आ गई उसकी पीठ शुभम की तरफ थी,,, जोकी लालटेन की रोशनी में और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,, शुभम सुगंधा को देखते ही एकदम उत्तेजित हो गया पजामे में उसका लंड गदर मचाने लगा,,,,।
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